भारत ने चीन में हुए वर्ल्ड स्कूल गेम्स में 9 स्वर्ण सहित 17 पदक जीते
दिल्ली के एथलेटिक्स मैदानों पर तैयार हो रहे हैं 2020 के चैम्पियन
नई दिल्ली। भारत ने चीन में हुए वर्ल्ड स्कूल गेम्स में 9 स्वर्ण के साथ कुल 17 पदक जीते। भारतीय टीम लड़कों में सातवें और लड़कियों में आठवें नम्बर पर रही। ये खबरें बेशक मीडिया के किसी कोने में दब गर्इं हों लेकिन सच्चाई यह है कि इनमें से कई खिलाड़ियों को मुल्क का खेलप्रेमी आने वाले वक्त में स्टार के रूप देखने का सपना संजो सकता है।
दिल्ली के नामचीन सरदार पटेल स्कूल के छात्र तेजस्विन शंकर का नाम उनकी प्रिंसिपल अनुराधा जोशी बड़े गर्व से लेती हैं। तेजस्विन चीन में 2.11 मीटर ऊंची छलांग के साथ स्वर्ण पदक जीत कर लौटे हैं। चीन से वापस लौटते ही तेजस्विन ने सबसे पहले अपनी प्रधानाचार्य और फिर पूर्व ओलम्पियन जीएस रंधावा के घर जाकर उनके पांव छू सुनहरे भविष्य का आशीर्वाद मांगा।
टोक्यो ओलम्पिक्स में पांचवें नम्बर पर रहने वाले जीएस रंधावा कहते हैं कि इन बच्चों की वजह से उनमें फिर से ऊर्जा आ गई है। 76 साल के रंधावा को फिर से भारतीय एथलेटिक्स से उम्मीद जगने लगी है। हाई जम्प के नए चैम्पियन सरदार पटेल स्कूल के तेजस्विन शंकर और दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के शानदार एथलीट बेअंत सिंह का नाम पिछले दिनों मीडिया में कहीं-कहीं जरूर आया, लेकिन इनके कारनामों पर टेलीविजन चैनल्स और अखबारों की नजरें इनायत कम ही हुईं। जो भी हो एथलेटिक्स ग्राउंड और अपने स्कूलों में ये खिलाड़ी किसी हीरो से कम नहीं हैं। बगैर किसी सरकारी इनामों के ऐलान के बावजूद इनके हौसले बुलंद हैं। तेजस्विन कहते हैं कि एशियन चैम्पियनशिप के दौरान कतर के वर्ल्ड चैम्पियन खिलाड़ी मुताज एस्सा बरशिम ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अब तक किसी भारतीय को एथलेटिक्स में इतना अच्छा प्रदर्शन करते नहीं देखा। तेजस्विन कहते हैं कि ये उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। 800 मीटर के चैम्पियन बड़े दावे तो नहीं करते, लेकिन यहां से लेकर 2020 ओलम्पिक तक का उन्होंने रोड मैप तैयार कर रखा है। वो कहते हैं पूरी मेहनत करूंगा ताकि वह हासिल कर सकूं जो भारतीय एथलीटों का सपना होता है।
इन दोनों खिलाड़ियों के एथलीट बनने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। तेजस्विन ने क्रिकेट से एथलेटिक्स ग्राउंड का सफर तय किया है तो बेअंत ने कुश्ती से एथलेटिक्स ट्रैक का। तेजस्विन के कोच सुनील कुमार कहते हैं कि दो साल पहले उन्होंने तेज गेंदबाजी के वक्त इस खिलाड़ी के बाउंस को देख उसे हाई जम्प करने की सलाह दी। तेजस्विन ने सलाह मान ली और उसकी दुनिया ही बदल गई।
तेजस्विन ने वुहान में 2.11 मीटर ऊंची कूद के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि बेअंत सिंह ने 1 मिनट 52:50 सेकंड के समय के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। पूर्व ओलम्पियन जीएस रंधावा इनमें दुनिया में सबसे आगे जाने का माद्दा देखते हैं।
भारत के हर्डल्स किंग ओलम्पियन गुरुबचन सिंह रंधावा कहते हैं कि उन्हें अंदाजा तो था कि तेजस्विन और बेअंत अच्छा प्रदर्शन करेंगे, लेकिन इनके गोल्ड मेडल हासिल करना उनकी उम्मीदों से आगे की बात है। रंधावा ये भी कहते हैं कि अगर इन खिलाड़ियों को सही ट्रेनिंग, उम्दा कोच और अच्छे टूर्नामेंट में हिस्सा लेने का मौका मिलता रहा तो ये दुनिया के सबसे ऊंचे स्तर पर भी कमाल करने का माद्दा रखते हैं। एथलेटिक्स में ओलम्पिक्स का पदक अब तक भारतीय खिलाड़ियों की पहुंच से बाहर ही रहा है लेकिन इन युवा खिलाड़ियों ने वर्ल्ड स्कूल लेवल पर एक उम्मीद जगाई है। खेल प्रेमी इन्हें दुनिया के सबसे बड़े स्टेज पर भी ऐतिहासिक कारनामा करते देखना जरूर चाहेंगे।
55वीं अंतर राज्यीय सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप
शॉटपुटर इंदरजीत और एमआर पूवम्मा का रहा जलवा
केरल ओवर आॅल चैम्पियन
चेन्नई। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम चेन्नई में 10 से 13 जुलाई तक हुई 55वीं नेशनल इंटर स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में केरल के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 177.5 अंकों के साथ ओवर आॅल चैम्पियन बना। मेजबान तमिलनाडु 146.5 अंक के साथ दूसरे तथा 143 अंकों के साथ हरियाणा तीसरे स्थान पर रहा। शॉटपुटर इंदरजीत सिंह पुरुषों और एमआर पूवम्मा महिलाओं से सर्वश्रेष्ठ एथलीट घोषित किये गये। मध्यप्रदेश के उदीयमान अंतरराष्ट्रीय लांगजम्पर अंकित शर्मा हरियाणा से प्रतिभाग करते हुए रजत पदक जीतने में सफल रहे। मध्यप्रदेश पर एथलेटिक्स फेडरेशन आॅफ इण्डिया ने फिलवक्त प्रतिबंध लगा रखा है।
ओवर आॅल चैम्पियनशिप
पुरुष
राज्य अंक
हरियाणा 99
तमिलनाडु 76
महिला
राज्य अंक
केरल 114.5
तमिलनाडु 70.5
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