श्रीप्रकाश शुक्ला
आईपीएल क्रिकेट का दसवां संस्करण धीरे-धीरे
समापन की तरफ बढ़ रहा है। रतजगा करते भारतीय क्रिकेट मुरीदों को इस बार दिग्गज
खिलाड़ियों के लचर प्रदर्शन ने जहां निराशा के भंवरजाल में डाल रखा है वहीं अनजान
सितारे लाजवाब प्रदर्शन से अपने भविष्य की जमीन तैयार करते दिख रहे हैं। दिग्गजों
के खामोश बल्लों से यह भी तय नहीं हो पा रहा है कि आखिर खिताब किस टीम की झोली में
जाएगा। यह क्रिकेट ही तो है जिसके परिणाम को लेकर अंतिम गेंद तक आश्वस्त नहीं हुआ
जा सकता। हो सकता है रंगमंच के आखिरी पड़ाव तक दिग्गजों के खामोश बल्ले चल निकलें
और परिदृश्य बदल जाए लेकिन अब तक जो हुआ है उससे टीम मालिकों के मन में दुविधा घर
कर गई है। खैर, चमक-दमक के बीच क्रिकेटप्रेमी आधी रात तक जागकर आईपीएल का लुत्फ
उठा रहे हैं। क्या स्टेडियम और क्या घर, क्रिकेट मुरीद अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की
हौसलाअफजाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। हर साल की तरह इस साल भी टीम मालिकों
ने दिग्गजों पर धनवर्षा करने में कोई कोताही नहीं बरती लेकिन अब तक तो खोटे सिक्कों
ने ही कमाल और धमाल दिखाया है। आईपीएल के दसवें संस्करण में अब तक दो ही शतक लगना
और लेग स्पिनरों का चलना क्रिकेट मुरीदों में चर्चा का विषय है।
यूं तो आईपीएल के 10 साल के स्वप्निल सफर में कई स्थानीय क्रिकेटर
हीरो की तरह उभर कर सामने आए हैं और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन जांबाजों
ने अपनी पहचान भी बनाई है। आईपीएल 10 में भी ऐसे कई खिलाड़ी शामिल हैं जिनका नाम शायद ही आपने
पहले कभी सुना हो। ये ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका जिक्र बड़े-बड़े स्टार खिलाड़ियों के
बीच कहीं दबकर रह जाता है लेकिन इससे इन खिलाड़ियों की प्रतिभा पर किसी भी तरह का
कोई फर्क नहीं पड़ता। ये खिलाड़ी चकाचौंध से दूर न केवल अपने खेल पर फोकस कर रहे
हैं बल्कि जून में इंग्लैण्ड में होने वाली चैम्पियंस ट्राफी क्रिकेट को देखते हुए
कई दिग्गजों के अरमानों पर पानी भी फेर रहे हैं। ताबड़तोड़ क्रिकेट के इस प्रारूप
ने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का न केवल मंच दिया है बल्कि
उनकी तंगहाली भी दूर की है।
राइजिंग पुणे सुपरजाइंट के राहुल त्रिपाठी का
नाम इस टूर्नामेंट से पहले शायद ही किसी ने सुना हो। अजिंक्य रहाणे के साथ ओपन
करने वाले राहुल ने अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया है। राहुल अजय त्रिपाठी दायें हाथ
के आक्रामक बल्लेबाज हैं और जरूरत पड़ने पर वह मध्यम गति की गेंदबाजी भी कर लेते
हैं। राहुल त्रिपाठी ने अब तक खेले गये मैचों में अपनी लाजवाब बल्लेबाजी से सबका
ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस खिलाड़ी को उम्मीद है कि आईपीएल-10 उनके लिए क्रिकेट की
एक नयी जमीन तैयार करेगा। मूल रूप से महाराष्ट्र से खेलने वाले 26 साल के राहुल इस आईपीएल से पहले केवल 26 प्रथम श्रेणी मैच ही खेले थे और टी-20 मुकाबलों के 18 मैचों की नौ पारियों में उन्होंने 138 गेंदों का सामना करते हुए 170 रन बनाये थे लेकिन आईपीएल में उनके धूम-धड़ाके की हर कोई चर्चा कर रहा है। राहुल की ही तरह दिल्ली में पैदा हुए नितीश राणा भी फिलवक्त मुम्बई इंडियंस के
लिए तारणहार साबित हुए हैं। आईपीएल से पहले उनका प्रदर्शन ऐसा नहीं था जिस पर चर्चा
हुई हो। बायें हाथ के बल्लेबाज और दायें हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज नितीश राणा इस
आईपीएल से पहले 32 टी-20 खेल चुके थे और सात पारियों में केवल 94 रन ही बना सके थे लेकिन इस आईपीएल में इनके इरादे कुछ और ही हैं। क्रिकेटरों
के इस भव्य मेले में राणा अपनी पहचान बनाना चाहते थे और इसकी शुरुआत उन्होंने पहले
ही मैच से कर दी थी। सितारों से सजी मुम्बई टीम में कप्तान रोहित शर्मा, जोस बटलर,
केन पोलार्ड, हार्दिक पांड्या, कुणाल पांड्या और पार्थिव पटेल जैसे खिलाड़ी हैं
लेकिन नितीश राणा ने अपनी बिंदास बल्लेबाजी से क्रिकेटप्रेमियों को खासा प्रभावित
किया है। राणा के लगातार बेहतर प्रदर्शन से ही मुम्बई इंडियंस अपनी साख पर बट्टा
लगने से अभी तक बची है।
आईपीएल के दसवें संस्करण में पांड्या ब्रदर्स ने
भी काफी शोहरत बटोरी है। कुणाल का जन्म अहमदाबाद में हुआ। उनका पूरा नाम कुणाल
हिमांशु पांड्या है। बड़ोदा की ओर से खेलने वाले कुणाल हार्दिक पांड्या के भाई हैं।
हार्दिक की ही तरह वह भी मुम्बई इंडियंस के लिए खेल रहे हैं। हरफनमौला कुणाल बायें
हाथ से बल्लेबाजी करते हैं और स्लो लेफ्ट आर्म आर्थोडॉक्स गेंदबाज हैं। हार्दिक की
तरह उनकी खेलने की शैली भी आक्रामक है। इस आईपीएल से पहले तक उन्होंने 34 टी-20 मैचों की 23 पारियों में 158 की औसत से 509 रन बनाए थे। उनका अधिकतम स्कोर 86 रहा है। कुणाल जानते हैं कि यह आईपीएल उन्हें
स्थानीय हीरो से अंतरराष्ट्रीय हीरो बना सकता है। वह अब तक गेंद और बल्ले से काफी
सफल साबित हुए हैं। वह खुद को परिस्थितियों के अनुरूप तेजी से ढाल लेते हैं। कुणाल
एक बेहतरीन क्षेत्ररक्षक भी हैं। कुणाल इसी तरह खेले तो यह आईपीएल उन्हें भी स्टार
खिलाड़ी का दर्जा दिला सकता है। कुणाल की ही तरह उनके भाई हार्दिक पांड्या भी
शानदार हरफनमौला खिलाड़ी होने की छाप छोड़ रहे हैं। अब तक मिले अवसरों को इस
खिलाड़ी ने जाया नहीं किया है। शार्दुल नरेंद्र ठाकुर का जन्म महाराष्ट्र के पालगढ़
में 1991 में हुआ। अब तक
किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेल चुके शार्दुल ठाकुर इस बार राइजिंग पुणे सुपरजाइंट
टीम के सदस्य हैं। दायें हाथ के मध्यम तेज गति के गेंदबाज शार्दुल ऐसे आक्रामक
गेंदबाज हैं जो गेंद को खूबसूरती से स्विंग कराते हैं। 49 प्रथम श्रेणी मैचों की 87 पारियों में शार्दुल 169 विकेट ले चुके हैं। 22 टी-20 मैचों में शार्दुल 25 विकेट चटका चुके हैं। शार्दुल जानते हैं कि
उनमें प्रतिभा है और आईपीएल ही ऐसा मंच हो सकता है जहां वे अपनी प्रतिभा का लोहा
मनवा कर टीम इण्डिया में दस्तक दे सकते हैं। शार्दुल ने अभी तक बेहतरीन गेंदबाजी
की है लेकिन उन्हें अभी और बेहतर प्रदर्शन करना होगा तभी वह आईपीएल के सितारों की
फेहरिस्त में शामिल हो पाएंगे।
आईपीएल के दसवें रंगमंच पर मनन वोहरा ने भी
अपने प्रदर्शन से खासा प्रभावित किया है। किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेल रहे मनन वोहरा
का जन्म पंजाब में ही हुआ वहीं उन्होंने क्रिकेट का ककहरा भी सीखा। 68 टी-20 मैचों की 66 पारियों में अब तक मनन 127 की औसत से 1635 रन बना चुके हैं।
ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में उनकी पहचान बन चुकी है लेकिन आईपीएल एक ऐसा टूर्नामेंट
है जो इस पहचान को अंतरराष्ट्रीय पहचान में बदल सकता है। मनन वोहरा इसी प्रयास में
लगे हैं। अब तक मनन यह दिखा चुके हैं कि वह एक आक्रामक बल्लेबाज हैं और वह जब
चाहें रन गति को बढ़ा सकते हैं। मनन इसी गति से रन बनाते रहे तो उन्हें स्थानीय से
राष्ट्रीय हीरो बनने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। इन खिलाड़ियों के अलावा कुलदीप
यादव, युदवेन्द्र चहल, मनोज तिवारी, मनीष पाण्डेय, पवन नेगी, केदार जाधव, अक्षर
पटेल जैसे खिलाड़ी भी अपनी प्रतिभा से न्याय करते दिख रहे हैं। इसे समय का फेर
कहें या कुछ और कभी महेन्द्र सिंह धोनी का विकल्प माने जा रहे मुम्बई इंडियंस के
बल्लेबाज सौरभ तिवारी प्लेइंग इलेवन में भी जगह नहीं बना पा रहे हैं।
आईपीएल के दसवें संस्करण में नए खिलाड़ियों से
इतर कुछ पुराने जांबाज खिलाड़ी भी रौ में हैं। सुरेश रैना, गौतम गम्भीर, राबिन
उथप्पा, अजिंक्य रहाणे, दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल, भुवनेश्वर कुमार और पीयूष
चावला जैसे खिलाड़ी अपने पराक्रमी खेल से अपनी-अपनी टीमों को ही नहीं आईपीएल के
रंगमंच को भी गौरवान्वित कर रहे हैं। चिन्ता नामवर और महंगे खिलाड़ियों को लेकर
है। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली, महेन्द्र सिंह धोनी, क्रिस ग्रेल, एबी
डिविलियर्स, बेन स्टोक्स, टाइमल मिल्स, कागिसो रबाडा, ट्रेंट बोल्ट, पैट कमिन्स,
क्रिस वाक्स, कर्ण शर्मा और टी. नटराजन जैसे खिलाड़ी जहां अपनी प्रतिभा से अभी तक
न्याय नहीं कर पाए हैं वहीं इमरान ताहिर, नरेन सुनील, सैमुअल बद्री, डेविड वार्नर,
ब्रेंडन मैकुलम, हासिम अमला, स्टीव स्मिथ, आरोन फिंच, राशिद खान जैसे विदेशी
खिलाड़ियों ने अपने फन का शानदार जौहर दिखाया है।
आईपीएल क्रिकेट का आधा सीजन बीत चुका है। अब
प्लेऑफ की रेस दिलचस्प होती जा रही है। हर टीम को 14 लीग मैच खेलने हैं। प्लेऑफ
में पहुंचने के लिए कम से कम 16 अंक चाहिए यानी आठ मैचों में जीत के बाद ही प्लेऑफ
का रास्ता खुलता है। मौजूदा नतीजों पर नजर डालें तो दो टीमें ही ऐसी हैं जिनकी राह
आसान नजर आ रही है, इनमें मुंबई और कोलकाता के लिए 16 अंक तक पहुंचना मुश्किल नहीं
दिखता। स्टार खिलाड़ियों से लैश बेंगलुरू की स्थिति इस बार काफी दयनीय है। विराट
कोहली, एबी डिविलियर्स और तूफानी क्रिस ग्रेल अभी तक लय में नहीं लौटे हैं। जब तक
इनके बल्ले दहाड़ेंगे तब तक टीम का प्लेऑफ में पहुंचने का सपना चकनाचूर हो चुका
होगा। खैर, दुनिया की इस सबसे अमीर टी-20 लीग में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों
की लिस्ट के टॉप पांच में से चार बल्लेबाज अपनी-अपनी टीमों के कप्तान हैं। इन चार
में ज्यादातर कप्तानों की टीमें अच्छा प्रदर्शन भी कर रही हैं लेकिन फिर भी सुरेश
रैना जैसे कप्तान अपनी शानदार बल्लेबाजी के बावजूद अपनी टीम की रंगत नहीं बदल पा
रहे हैं। कोलकाता के कप्तान गौतम गम्भीर शानदार फॉर्म में नजर आ रहे हैं। न सिर्फ
बल्लेबाजी से बल्कि अपनी विविधतापूर्ण और चपल कप्तानी से भी गम्भीर दिग्गजों की
शाबासी बटोर रहे हैं। क्रिकेट विशेषज्ञ भी उनकी बल्लेबाजी के साथ-साथ उनकी कप्तानी
के कायल हैं। 2012 और 2014 में दो बार अपनी टीम को चैम्पियन बनवाने वाले कप्तान गम्भीर
ने इस संस्करण में अब तक आठ पारियों में तीन सौ से अधिक रन बनाए हैं।
पिछले साल की चैम्पियन हैदराबाद के कप्तान
डेविड वॉर्नर बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में फ्लाप रहने के बाद शॉर्टर फॉरमेट में
फार्म में दिख रहे हैं लेकिन टीम के अन्य बल्लेबाज और गेंदबाज वक्त पर बाजी मारने
से चूक लगातार चूके हैं। अब तो उसके प्लेआफ में पहुंचने की सम्भावनाएं भी धूमिल
नजर आने लगी हैं। कप्तान सुरेश रैना की जहां तक बात है वह पूरा जोर लगा रहे हैं कि
उनकी टीम प्लेऑफ में जगह बनाए। आईपीएल के इतिहास में अब तक सबसे ज्यादा रनों का
रिकार्ड अपने नाम रखने वाले रैना इस सीजन में भी दो अर्द्धशतकीय पारियों की मदद से
तीन सौ रनों का आंकड़ा पार कर चुके हैं। बेहद औसत स्तर की गेंदबाजी की वजह से रैना
की टीम यदि प्लेऑफ में पहुंच जाए तो बड़ी बात होगी। आईपीएल के दसवें संस्करण में
पुणे के कप्तान बने ऑस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ आंकड़ों में रैना की बराबरी करते
दिख रहे हैं। उन्होंने भी रैना की ही तरह दो अर्द्धशतकों के सहारे अपनी प्रतिभा से
न्याय किया है लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज महेन्द्र सिंह धोनी की असफलता टीम को शिखर
तक ले जाने में असमर्थ है। विकेट के पीछे धोनी की चपलता तो श्रेष्ठ है लेकिन बल्ला
समय के मुताबिक रंगत नहीं दिखा पाने से टीम संकट में है।
मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा बेशक अपने निजी
प्रदर्शन को लेकर फिक्रमंद हों लेकिन उनकी टीम सभी बड़ी टीमों को टक्कर दे रही है।
रोहित शर्मा का बल्ला बेशक शुरुआती मैचों में खामोश रहा हो लेकिन अब वे पुरानी
रंगत में लौटते दिख रहे हैं। अब तक उनकी टीम के बल्लेबाज और गेंदबाज चैम्पियन की
तरह ही खेले हैं और अपने कप्तान के प्रदर्शन की कमी अब तक महसूस नहीं होने दी। पंजाब
के कप्तान ग्लेन मैक्सवेल का प्रदर्शन भी बुरा नहीं कहा जा सकता। हां उनकी टीम के
अन्य खिलाड़ी अपनी प्रतिभा से न्याय करते नहीं दिख रहे। उम्मीद है कि पंजाब के
खिलाड़ी अब तक की शिकस्त से नसीहत लेते हुए वापसी करेंगे। जहीर खान की टीम दिल्ली
डेयरडेविल भी मंझधार में फंसी दिख रही है। टीम खिलाड़ी जितनी जल्दी अपना दम दिखाएं
उनकी टीम और उनके प्रशंसकों के लिए उतना बेहतर होगा। विराट कोहली खासे संकट में
हैं, उनका बल्ला ही नहीं उनकी टीम के दिग्गजों के बल्ले भी खामोश हैं। नामचीन
खिलाड़ियों से लैश बेंगलूर टीम का कोलकाता के खिलाफ 49 रनों पर बोरिया-बिस्तर
बंधना क्रिकेट प्रशंसकों के गले नहीं उतर रहा। अब तक के सफर में बेंगलूरु के
बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने खासा निराश किया है। क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है।
अभी बहुत क्रिकेट खेली जानी है ऐसे में कौन किसके अरमानों पर पानी फेरता है यह
देखना दिलचस्प होगा। अब तक के सफर में मुम्बई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स टीमों
ने क्रिकेट मुरीदों को अपने शानदार खेल से काफी प्रभावित किया है। खिताबी जश्न कौन
मनाएगा यह भविष्य के गर्भ में है।