2012 में वह 9 अण्डर स्कोर के साथ क्लासिक जूनियर वर्ग में विश्व रिकॉर्ड बना चुका है
नई दिल्ली। सुमित नागल की उपलब्धि का जश्न अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि हरियाणा के एक और लाल ने देश को गौरव का एक और पल दे दिया। दूध बेचने वाले के 10 वर्षीय बेटे शुभम जगलान ने सैन डियागो में जूनियर वर्ल्ड गोल्फ चैम्पियनशिप अपने नाम की। झज्जर के सुमित ने इस साल विम्बलडन में लड़कों का डबल्स खिताब जीता था।
तीन दौर के मुकाबले के बाद शुभम ने 7 अंडर पार-179 के स्कोर के साथ विजेता ट्रॉफी जीती। दूसरे दौर तक शुभम संयुक्त रूप से शीर्ष पर चल रहे थे। लेकिन आखिरी राउंड में भारत के इस खिलाड़ी ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए पांच बर्डी लगाकर निर्णायक बढ़त हासिल कर ली। शुभम पिछले साल इस टूर्नामेण्ट में उपविजेता था।
खिताबी जीत के बाद शुभम ने कहा, 'आखिरकार मैंने कर दिखाया। जूनियर गोल्फ के इस प्रतिष्ठित खिताब को जीतकर मैं बेहद खुश हूं। मैं अपने माता-पिता, दिल्ली गोल्फ क्लब और गोल्फ फाउंडेशन को इस कामयाबी का श्रेय देना चाहूंगा।' शुभम ने कहा, 'मुझे यहां तक पहुंचाने में मेरे परिवार का (जगपाल) का बड़ा योगदान है। मेरे पापा दिन-रात मेरी कामयाबी के लिए मेहनत करते रहे। मेरी कोच नोनिता लाल कुरैशी और अमित लूथरा ने मेरी प्रतिभा को तराशा।'
ऐसे हुई शुरुआत
एक एनआरआई कपूर सिंह ने पानीपत के गांव इसराना में गोल्फ अकादमी की शुरुआत की। जिसमें शुभम ने पांच वर्ष की आयु से खेलना शुरू किया। हालांकि अकादमी बंद हो गई, लेकिन शुभम ने गोल्फ में करियर बनाने की ठान ली। कुछ दिन करनाल में अभ्यास करने के बाद वह दिल्ली गोल्फ क्लब आ गए। शुभम अभी तक 100 से ज्यादा खिताब जीत चुके हैं। 2012 में उन्होंने 9 अंडर स्कोर के साथ क्लासिक जूनियर वर्ग में विश्व रिकॉर्ड बनाया था। 2013 में वह वर्ल्ड मास्टर्स जूनियर गोल्फ चैम्पियनशिप में विजेता रहे।
नई दिल्ली। सुमित नागल की उपलब्धि का जश्न अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि हरियाणा के एक और लाल ने देश को गौरव का एक और पल दे दिया। दूध बेचने वाले के 10 वर्षीय बेटे शुभम जगलान ने सैन डियागो में जूनियर वर्ल्ड गोल्फ चैम्पियनशिप अपने नाम की। झज्जर के सुमित ने इस साल विम्बलडन में लड़कों का डबल्स खिताब जीता था।
तीन दौर के मुकाबले के बाद शुभम ने 7 अंडर पार-179 के स्कोर के साथ विजेता ट्रॉफी जीती। दूसरे दौर तक शुभम संयुक्त रूप से शीर्ष पर चल रहे थे। लेकिन आखिरी राउंड में भारत के इस खिलाड़ी ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए पांच बर्डी लगाकर निर्णायक बढ़त हासिल कर ली। शुभम पिछले साल इस टूर्नामेण्ट में उपविजेता था।
खिताबी जीत के बाद शुभम ने कहा, 'आखिरकार मैंने कर दिखाया। जूनियर गोल्फ के इस प्रतिष्ठित खिताब को जीतकर मैं बेहद खुश हूं। मैं अपने माता-पिता, दिल्ली गोल्फ क्लब और गोल्फ फाउंडेशन को इस कामयाबी का श्रेय देना चाहूंगा।' शुभम ने कहा, 'मुझे यहां तक पहुंचाने में मेरे परिवार का (जगपाल) का बड़ा योगदान है। मेरे पापा दिन-रात मेरी कामयाबी के लिए मेहनत करते रहे। मेरी कोच नोनिता लाल कुरैशी और अमित लूथरा ने मेरी प्रतिभा को तराशा।'
ऐसे हुई शुरुआत
एक एनआरआई कपूर सिंह ने पानीपत के गांव इसराना में गोल्फ अकादमी की शुरुआत की। जिसमें शुभम ने पांच वर्ष की आयु से खेलना शुरू किया। हालांकि अकादमी बंद हो गई, लेकिन शुभम ने गोल्फ में करियर बनाने की ठान ली। कुछ दिन करनाल में अभ्यास करने के बाद वह दिल्ली गोल्फ क्लब आ गए। शुभम अभी तक 100 से ज्यादा खिताब जीत चुके हैं। 2012 में उन्होंने 9 अंडर स्कोर के साथ क्लासिक जूनियर वर्ग में विश्व रिकॉर्ड बनाया था। 2013 में वह वर्ल्ड मास्टर्स जूनियर गोल्फ चैम्पियनशिप में विजेता रहे।
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