खेल आयोजन, खेल प्रबंधन और योग पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
त्रिवेंदरम। त्रिवेंदरम (केरल) में स्पोर्ट्स अथॉरिटी के अंतर्गत संचालित लक्ष्मी बाई
शारीरिक शिक्षा विज्ञान संस्थान, फिजिकल एजूकेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया (पेफी) एवं केरल
विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय खेल आयोजन, खेल प्रबंधन और योग पर अंतरराष्ट्रीय
सम्मेलन में पेफी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. पीयूष जैन ने कहा कि पचास फीसदी प्रशिक्षक
ज्ञान की कमी के चलते वैज्ञानिक शोध का लाभ खिलाड़ियों को नहीं दे पाते।
सम्मेलन का उद्घाटन डॉ. ए. जय तिलक, केरल सरकार के प्रमुख सचिव, खेल और युवा
मामलों और योजना विभाग ने किया। कार्यक्रम में अपने शोध को प्रस्तुत करते हुए
फिजिकल एजूकेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया (पेफी) के राष्ट्रीय सचिव डॉ. पीयूष जैन ने खेल प्रबंधन में
फिजिकल एजूकेशन शिक्षक की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पांच हजार साल
पुरानी हमारी शिक्षा की समृद्ध परम्परा रही है। सदियों से शारीरिक शिक्षा ही मूल
शिक्षा है। आज सूचना क्रांति के युग में नित नए प्रयोग शारीरिक शिक्षा एवं खेलों
में हो रहे हैं।
डॉ. पीयूष जैन कहा कि विश्वविद्यालय में कुछ ऐसे शिक्षा कार्यक्रम विकसित किए जा
रहे हैं, जिससे शिक्षक स्वयं अपना शैक्षिक ज्ञान बढ़ा पा रहे हैं लेकिन अभी और
प्रयास किये जाने की जरूरत है। डॉ. पीयूष जैन ने कहा कि आज संसाधनों की कोई कमी नहीं
है, बस इसमें दिलचस्पी लेने तथा सही क्रियान्वयन की आवश्यकता है। सही मायने में इस
शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को स्वस्थ शरीर, मन और आचरण का प्रशिक्षण देना है।
डॉ. जैन ने कहा कि स्वस्थ शरीर में एक स्वस्थ मन रखने के लिए छात्रों को
नियमित शारीरिक व्यायाम की आवश्यकता होती है। उन्होंने खेलों के प्रबंधन पर चर्चा
करते हुए कहा कि चरित्र निर्माण में खेलों का आयोजन, प्रबंधन जरूरी है। यह युवा
पीढ़ी के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी है। इस सेमिनार में अपने शोध विषय पर
पेफी के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार उप्पल ने भी विचार रखे। इस अवसर पर केरल सरकार के
साथ-साथ पूरे देश के शारीरिक शिक्षा और खेलकूद से जुड़े अन्य प्रबुद्ध लोगों ने भी अपने-अपने
शोध प्रस्तुत किये। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में 150 से अधिक पेशेवर
खेल और व्यायाम विज्ञान, योग और प्रबंधन के विशेषज्ञों ने भाग लिया।