Thursday 2 July 2015

घर में मेरी कोच है प्रियंका: रैना

भारतीय टीम के वामहस्त बल्लेबाज सुरेश रैना इन दिनों अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक जीवन का लुत्फ उठा रहे हैं। उन्होंने अपने पारिवारिक जीवन पर बेबाक बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश-
-आईपीएल के बाद आप टेस्ट टीम में नहीं चुने गए। इस दौरान आपको पत्नी के साथ समय बिताने को मिला। टेस्ट टीम में चुना जाना बेहतर कहलाता या प्रियंका के साथ समय बिताना?
-टीम की घोषणा काफी पहले ही हो गई थी। टेस्ट टीम में मेरा नाम नहीं था इसलिए मुझे थोड़ा समय घर वालों के साथ बिताने को मिल गया। क्रिकेट के अलावा भी जिंदगी है। हम लोग पूरा समय क्रिकेट खेलते हैं। शादी के दो दिन बाद ही आईपीएल खेलने चला गया। डेढ़ महीने उसमें इधर से उधर जाते रहे।
-अब तो लेडी लक भी आपके साथ जुड़ गया है?
-प्रियंका बहुत अच्छी लड़की है। मुझे तो लगता ही नहीं कि हमारी शादी हुई है। हम अच्छे दोस्त की तरह रहते हैं। वह बहुत साथ देती है। वह घर में मेरी कोच है। वह नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज की तरह मेरी मदद करती रहती है। मुझे सलाह देती है। घर में एक इन्वेस्टमेंट बैंकर हो और पढ़ा-लिखा साथी हो तो जिंदगी और बेहतर हो जाती है।
-परिवार और क्रिकेट के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए भी किसी सीनियर से सलाह लेंगे क्या?
- (हंसते हुए) आप सही कह रहे हैं। यह बड़ी चुनौती है। ये बिलकुल स्विच आॅन और स्विच आॅफ की तरह है। अगर दो दिन का समय भी परिवार के साथ मिल जाता है तो बैट्री चार्ज हो जाती है। मेरे परिवार वाले मेरी समस्या समझते हैं। मैं सामंजस्य बैठा लूंगा।
-प्रियंका को कैसे समझाएंगे?
-वह भी समझती है। अभी हम जितने दिन साथ रहे। साथ में ही जिम गए। वह योगा करती है। उसे स्वस्थ लाइफ स्टाइल पसंद है और मुझे तो फिट रहना ही है।
-धोनी और विराट की कप्तानी को कैसे देखते हैं?
-विराट बहुत आक्रामक कप्तान हैं। धोनी ने हमे बहुत मैचों में जीत दिलवाई है। दोनों के बीच तुलना करना सही नहीं है। मैं तो इतना ही कहूंगा कि विराट को थोड़ा समय देना चाहिए। वह एक बेहतरीन टीम मैन है। उसके नेतृत्व में टीम काफी आगे तक जाएगी।
-टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री भारत के कोच बन सकते हैं। क्या यह टीम के लिए फायदेमंद होगा?
-मैं दो दौरों में उनके साथ रहा हूं। जब इंग्लैंड में कार्डिफ में मैंने शतक बनाया तो उन्होंने मेरी पीठ थपथपाई। वह भाई की तरह हैं। उनके रहने से टीम का माहौल बहुत बढ़िया रहता है। निश्चित ही यह टीम के लिए फायदेमंद रहेगा।
-राहुल द्रविड़ अंडर-19 टीम के कोच बने हैं। यह भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है?
-अगर युवा खिलाड़ियों को द्रविड़ जैसा कोच मिल जाएगा तो इससे बेहतर क्या हो सकता है। वीवीएस, गांगुली और सचिन पा जी भी बोर्ड से जुड़ गए हैं। इन सबके आने से नि:संदेह देश का क्रिकेट और बेहतर रास्ते पर जाएगा।
अभिषेक त्रिपाठी

No comments:

Post a Comment