Wednesday, 8 July 2015

रांची के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर खतरा

मैदान पर महाभारत: लीज रद्द, खाली करने के निर्देश
रांची। हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) ने झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम का लीज एग्रीमेंट रद्द कर दिया है। एचईसी चीफ आॅफ टाउनशिप हेमंत गुप्ता ने झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) प्रबंधन पर लीज एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए एक माह में स्टेडियम परिसर खाली करने का नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि निर्धारित समय तक कब्जा नहीं हटाने पर क्षतिपूर्ति का दावा करते हुए स्टेडियम खाली कराने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। एचईसी ने नोटिस की कॉपी मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव समेत कई वरीय अधिकारियों को भी भेजी है। एचईसी प्रबंधन ने जेएससीए के साथ लीज एग्रीमेंट तोड़ने के 10 कारण बताये हैं।      
एचईसी प्रबंधन का कहना है कि जेएससीए ने लीज एग्रीमेंट में उल्लेखित शर्तों की अवहेलना की है, इस वजह से एचईसी लीज रद्द करता है। उधर, जेएससीए अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने एचईसी के नोटिस को हास्यास्पद करार दिया है। उन्होंने कहा कि लीज की सभी शर्तों का अक्षरश: पालन किया गया है। शर्तें और उनका अनुपालन दोनों रिकॉर्ड की बात है। कागजात में सब कुछ उपलब्ध है। इसके बावजूद नोटिस जारी करने का कोई मतलब नहीं है। एचईसी के वरीय अधिकारी निजी और गलत जिद पूरी करने के लिए राज्य के गौरव के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। इसके लिए न्यायालय उचित व्यवस्था करेगा।
 31.70 एकड़ जमीन दी है एचईसी ने
 2008 में स्टेडियम निर्माण के लिए एचईसी ने 90 वर्षों के लिए एचईसी के स्वामित्व वाली कुल 31.70 एकड़ जमीन जेएससीए को स्टेडियम निर्माण के लिए लीज पर दी है।
किसका क्या कहना है....
इस मामले में जेएससीए का कहना है कि एचईसी के सीएमडी स्टेडियम परिसर में अनुचित लाभ लेना चाहते थे। वह स्टेडियम के क्लब की सदस्यता नि:शुल्क मांग रहे थे। टेनिस कोर्ट का भी मुफ्त में इस्तेमाल करना चाहते थे, जिसकी अनुमति नहीं मिलने पर लीज की शर्तों के उल्लंघन का अनर्गल आरोप लगा कर हास्यास्पद नोटिस भेज रहे हैं।
 अमिताभ चौधरी, अध्यक्ष, जेएससीए
 मैं गोल्फ क्लब और रांची क्लब का सदस्य हूं। मैंने स्टेडियम में गलत तरीके से क्लब चलाये जाने की बात की है। क्लब की सदस्यता की मुझे कोई जरूरत नहीं। मैंने लीज की शर्तों के उल्लंघन पर सवाल उठाये हैं। जेएससीए के पदाधिकारी अपनी परेशानी से बचने के लिए मुझ पर गलत आरोप लगा रहे हैं।
अभिजीत घोष, सीएमडी, एचईसी
 एचईसी के आरोप
 -स्टेडियम में होने वाले मैच की टिकट बिक्री की पांच फीसदी राशि एचईसी को नहीं दी गयी।
-स्टेडियम परिसर में एचईसी का लोगो प्रमुख जगहों पर नहीं लगाया गया।
-एचईसी के सीएमडी को जेएससीए का संरक्षक सदस्य नहीं बनाया गया।
-एचईसी के निदेशकों को जेएससीए का सदस्य नहीं बनाया गया।
-जेएससीए क्रिकेट स्टेडियम के पते के रूप में एचईसी के नाम का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
-अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में एचईसी प्रबंधन को पवेलियन के बगल में 100 मुफ्त टिकट नहीं दिये गये।
-जेएससीए को पार्किंग के रूप में एचईसी की जमीन इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है।
-स्टेडियम निर्माण के लिए जेएससीए ने मास्टर प्लान और स्थानीय कानूनों का उल्लंघन किया है।
-स्टेडियम में फाइव स्टार होटल खोला गया है। मैरेज हॉल व रेस्तरां के रूप में व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
-स्टेडियम परिसर में आॅफिस और दुकानें सब-लीज पर दी गयी हैं।
 जेएससीए का जवाब
 -अब तक हुए सभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की टिकट बिक्री की पांच फीसदी राशि पूरी ईमानदारी के साथ दी गयी है।
-सभी प्रवेश द्वारों पर एचईसी का लोगो लगा है। स्टेडियम के अंदर भी लोगो मौजूद है।
-एचईसी के सीएमडी हमेशा से जेएससीए के संरक्षक सदस्य हैं।
-एचईसी के सभी निदेशक जेएससीए के सम्मानित सदस्य हैं।
-जेएससीए के सभी आधिकारिक पतों में एचईसी के नाम का इस्तेमाल जरूर किया जाता है।
-सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों में एचईसी प्रबंधन को आधिकारिक रूप से नि:शुल्क टिकट उपलब्ध कराये गये हैं।
जेएससीए ने पार्किंग के लिए एचईसी की जमीन इस्तेमाल नहीं की। मैचों में पार्किंग का इंतजाम एचईसी प्रबंधन ने ही किया है।
-आरआरडीए से नक्शा पास कराकर अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर जेएससीए स्टेडियम का निर्माण हुआ है।
-स्टेडियम में कोई होटल नहीं है। मैरेज हॉल व रेस्तरां किराये पर चलते हैं। किसी को जगह सब-लीज नहीं की गयी है। किराये पर कुछ जगह जरूर दी गयी है।

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