Thursday, 30 July 2015

संकल्प के छह साल

आपके असीम स्नेह और परोक्ष-अपरोक्ष रूप से मिले सहयोग के बीच ‘खेलपथ’ ने अपने संकल्प के छह साल पूरे कर लिये हैं। यह कहना बेमानी होगी कि ‘खेलपथ’ आपकी अपेक्षाओं पर शत-प्रतिशत खरा उतरा लेकिन सीमित संसाधनों में भी खिलाड़ियों से जीवंत सम्पर्क बनाये रखने की हमने पूरी कोशिश जरूर की। छह साल के अपने सफर में ‘खेलपथ’ ने न केवल खिलाड़ियों का मर्म जाना बल्कि अन्याय के खिलाफ बुलंद आवाज भी उठाई। ‘खेलपथ’ मीडिया से प्रतिस्पर्धा का हिमायती नहीं बल्कि जो दिखा, वह लिखा का पक्षधर रहा। ग्वालियर की पावन धरती विशेष है। इसी विशेषता के चलते ही ‘खेलपथ’ अपने मकसद की तरफ निरंतर अग्रसर है।
किसी समाचार पत्र या पत्रिका के लिए अपनी सम्पूर्ण विशिष्ट आभा बिखेरने तथा कार्यकुशलता प्रमाणित करने के लिए छह साल का समय पर्याप्त नहीं होता लेकिन आज हम विश्वास के साथ यह कहने की स्थिति में हैं कि हमने जिस उद्देश्य और संकल्प को साकार करने के लिए यह दुरूह कार्य हाथ हाथ में लिया था, उन संकल्पों और उद्देश्यों के पथ पर हम पूर्ण कर्मठता एवं लगन से चल रहे हैं। देश भर में समाचार पत्र और पत्रिकायें तो बहुसंख्या में प्रकाशित हो रहे हैं, ऐसी स्थिति में ‘खेलपथ’ के प्रकाशन की आखिर क्या अपरिहार्यता एवं आवश्यकता थी। इन्हीं सवालों के जवाब देने की खातिर ही ‘खेलपथ’के प्रकाशन का हमने बीड़ा उठाया था।  चूंकि 16 एवं 20 पृष्ठों के सतरंगी एवं चमकदार सज्जा वाले दैनिक आखबारों में हर प्रतिभाशाली खिलाड़ी और ग्रामीण अंचल की खेल गतिविधियों को समुचित स्थान नहीं मिल पाता लिहाजा एक सम्पूर्ण खेल समाचार पत्र का प्रकाशन समय की मांग बन गई।
अपनी मेहनत, समर्पण और प्रतिभा की दम पर खेलों के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपना मुकाम बनाने के लिए संघर्षरत प्रतिभाओं के प्रोत्साहन एवं सम्वर्धन की आवश्यकता रहती है और यह काम सरकार और समाज के साथ समाचार माध्यम ही बखूबी कर सकते हैं। स्थानीय, आंचलिक एवं प्रादेशिक स्तर की खेल गतिविधियों को पर्याप्त स्थान देने के साथ उत्साही एवं नवोदित खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना ही ‘खेलपथ’ का उद्देश्य रहा। हम अपने प्रयासों में कहां तक सफल हुए इसका निर्णय तो सुधी पाठकों को ही करना है। ‘खेलपथ’ की छह साल की संघर्ष यात्रा  के पथ प्रदर्शक बने सभी सुधी पाठकों, खिलाड़ियों, खेल प्रशासकों, खेल संगठनों, खेल प्रशिक्षकों एवं विज्ञापन प्रदाताओं का हम हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। हम खेलों के उच्च मापदण्ड बनाये रखने के लिए प्रयत्नशील रहने के साथ ही खामियों को तत्काल व सटीक ढंग से उजागर करने को संकल्पित हैं। खेल ही हमारा धर्म है। ‘खेलपथ’ अपने इसी धर्म का पूरी गरिमा, शुचिता एवं संकल्प भाव से पालन करता रहेगा। असीम स्नेह और सहयोग के लिए आपका पुनश्च: धन्यवाद। 

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