Monday 17 August 2015

एवरेस्ट के बेस कैम्प पर पहुंचे कंदर्प और रित्विका-page-8


बच्चों के साहसिक कार्य की खेल मंत्री ने की सराहना
प्रोत्साहन स्वरूप 10-10 हजार की राशि मंजूर
भोपाल। ग्वालियर के पांच वर्षीय कंदर्प और आठ वर्षीय रित्विका ने एक साहसिक मिसाल पेश कर माउंट एवरेस्ट के आधार शिविर तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की। आधार शिविर तक पहुंचने वाले यह सबसे कम उम्र के बच्चे हैं।
बच्चों की इस उपलब्धि पर प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने प्रसन्नता व्यक्त कर उनकी सराहना की और प्रदेश को गौरवान्वित करने वाले इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें और उनके अभिभावकों को बधाई दी। खेल मंत्री ने कंदर्प और रित्विका को प्रोत्साहन स्वरूप 10-10 हजार रुपए की घोषणा की जो जिला खेल अधिकारी ग्वालियर के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी। संचालक खेल और युवा कल्याण उपेन्द्र जैन ने भी दोनों नन्हें पर्वतारोहियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
उल्लेखनीय है कि आधार शिविर की ऊंचाई 5380 मीटर है। रित्विक और कंदर्प दो अगस्त, 2015 को फ्लाइट से लुकला पहुंचे, जहां से उन्होंने एवरेस्ट के आधार शिविर के लिए चढ़ाई की। कंदर्प और रित्विका ग्वालियर स्थित लिटिल एंजिल्स स्कूल में क्रमश: कक्षा पहली एवं चौथी में अध्ययनरत हैं। रित्विका एवं कंदर्प के पिता एडवोकेट भूपेन्द्र शर्मा ने बताया की उनका सपना था कि उनके बच्चे छोटी आयु में ही कुछ ऐसा करें जिससे उनका व शहर का नाम रोशन हो। इसके लिए उन्होंने बच्चों को बहुत समय तक प्रशिक्षित किया। उनका प्रयास है कि शिविर तक पहुंचने वाले सबसे छोटे पर्वतारोही होने के नाते उनका नाम गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक आॅफ रिकॉर्ड में दर्ज हो।   

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