Saturday 22 August 2015

मुहब्बत के शहर में माही की जांबाजी

बच्चों खूब खेलो, खूब पढ़ो
महेन्द्र सिंह धोनी ने एक पखवाड़े में सीखा अनुशासन
आगरा। कैप्टन कूल महेन्द्र सिंह धोनी ने मुहब्बत की नगरी के आस्मां में अपनी जांबाजी की दास्तां लिखते हुए न केवल पैराट्रूपर का तमगा हासिल किया बल्कि छात्र-छात्राओं को खूब खेलने और खूब पढ़ने की नसीहत भी दी। जब वह आगरा आये तो ताजनगरी के लोगों के मन में इस बात का संशय था कि गोया माही आकाश से




सफल छलांग लगा पायेंगे या नहीं? धोनी की दीवटता से परिचित लोगों को अटूट विश्वास था कि वह ऐसा जरूर कर पायेंगे। धोनी ने अपने मुरीदों को निराश नहीं किया। तय समय में सफल छलांग लगाकर  उन्होंने सिद्ध किया कि संकल्प पक्का हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं। माही  के साहसी कमाल को आगरा ने ही नहीं उनकी धर्मपत्नी साक्षी और बिटिया ने भी देखा।
धोनी सात अगस्त को एयरफोर्स के मलपुरा स्थित  पैरा ट्रेनिंग स्कूल  में दाखिल हुए थे। शुक्रवार यानि 21 अगस्त को उनकी ट्रेनिंग पांचवीं छलांग के साथ पूरी हो गई। धोनी अब पैराट्रूपर बन गए हैं। उनकी वर्दी पर फ्लाइंग बर्ड का चिह्न लग चुका है। धोनी पहले क्रिकेटर हैं, जिन्होंने ये तमगा हासिल किया है। धोनी ट्रेनिंग के साथ-साथ स्कूल, एनसीसी, एडीआरडीई और मिलिट्री पुलिस के साथ गतिविधियों में भी जुड़े रहे। आठ अगस्त को धोनी एयरफोर्स स्टेशन परिसर स्थित केन्द्रीय विद्यालय गए थे। उस समय उन्होंने आर्मी ड्रेस पहन रखी थी, लेकिन वहां उनके अंदर थोड़ी झिझक दिखी थी। बच्चों से वह बिल्कुल कूल होकर बात कर रहे थे। यही नहीं उनके साथ ड्यूटी दे रहे जवानों के साथ भी वह दोस्त की तरह ही व्यवहार कर रहे थे।
धोनी में दिखा लेफ्निेंट कर्नल का रौब
धोनी की उस समय की तस्वीरों पर गौर करें तो उनके शरीर में हल्का झुकाव था, लेकिन एक हफ्ते बाद जब धोनी एनसीसी एयर विंग पहुंचे तो उनमें थोड़ी गंभीरता नजर आई। उनके चेहरे पर बहुत कम ही मुस्कुराहट देखने को मिली। कोई एक पखवाड़ी आगरा में रहे धोनी जब आर्मी पब्लिक स्कूल पहुंचे तो वह सीधे तनकर चल रहे थे। कुर्सी पर भी वह तनकर बैठे। उनके चेहरे पर गंभीरता साफ झलक रही थी। एक अधिकारी ने कहा कि धोनी अब पूरी तरह मिलिट्री अफसर के रूप में आ चुके हैं। पहले वह जवानों की इच्छा जाहिर करने से पहले ही हाथ मिलाने को तैयार हो जाते थे लेकिन अब वह लेफ्टिनेंट कर्नल के रौब में हैं। सवाल यह भी कि क्या वह टीम इण्डिया में यही रौब पैदा कर पाएंगे? 21 अगस्त को सैन्य अधिकारियों की अनुमति के बाद धोनी वायुसेना के मालवाहक विमान एएन-32 पर सवार हुए और कुछ देर बाद ही मलपुरा स्थित पैरा ड्रॉपिंग जोन में 1250 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई।  पैराजम्पिंग स्कूल के नियम के मुताबिक धोनी को कुल पांच जंप करना करना था। चूंकि शनिवार और रविवार को स्कूल में अवकाश रहता है, इसलिए धोनी ने गुरुवार को दो बार छलांग लगाई। सेना में आॅरेनरी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी 22 अगस्त को खूब व्यस्त रहे।
 जम्प की साक्षी बनी पत्नी और बिटिया
लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र सिंह धोनी की जम्प की ‘साक्षी’ उनकी पत्नी साक्षी भी बनी। साक्षी सुबह आगरा पहुंची। माही की आसमान से छलांग के दौरान साक्षी अपनी बिटिया के साथ मौजूद रहीं। साक्षी के आगमन को देखते मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में सेना का सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया था।
धोनी डरे भी लेकिन कामयाब
पहली कामयाब पैरा जम्प लगाने के बाद दूसरी जम्प में धोनी हिल गये। मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में लैंडिंग के दौरान तेज हवाओं के चलते उनका पैराशूट जमीन पर कई मीटर घिसटता चला गया। धोनी भी काफी दूर तक जमीन से रगड़ खा गए। धोनी ने माना कि दूसरी छलांग सबसे खतरनाक थी। उस्तादों (प्रशिक्षक) को बताया कि यह ऐसी छलांग थी, जिसमें तेज हवा ने मुश्किलों को बढ़ा दिया था। इससे दिल व दिमाग हिल गया। डर पर किसी तरह काबू पाया।
धोनी के अलावा इन्हें मिल चुकी उपाधि
कैप्टन कूल के  अलावा अपनी कप्तानी के दौरान कपिल देव को भारतीय सेना लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि से सम्मानित कर चुकी है। धोनी की तरह कपिल ने भी भारतीय क्रिकेट टीम को 1983 में विश्व कप दिलाया था। कपिल ने सितंबर 2008 में टेरीटोरियल आर्मी ज्वाइन की थी लेकिन कपिल ने पैराजम्पिंग जैसी किसी गतिविधि में भाग नहीं लिया। वहीं, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर लड़ाकू विमान सुखोई में बैठ चुके हैं। भारतीय वायुसेना ने सचिन को वर्ष 2012 में ग्रुप  कैप्टन की मानद उपाधि दी थी। वह एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्हें विमानन क्षेत्र की कोई जानकारी के बिना इस तरह का उच्चस्तरीय सम्मान दिया गया।
बच्चों राष्ट्र की प्रगति में सहायक बनिये
धोनी 22 अगस्त को सुबह 11 बजे केंद्रीय विद्यालय नम्बर- तीन पहुंचे। प्रायार्य प्रभा गौड़ ने उनका स्वागत किया। स्काउट गाइड की कलर पार्टी ने उनको स्कार्ट करने सभा कक्ष तक पहुंचाया, जहां उनका स्वागत केंद्रीय विद्यालय संगठन जयपुर संभाग के उपायुक्त जयदीप दास व आगरा संभाग के सहायक आयुक्त डॉ. अनुराग यादव ने किया। इस दौरान  बच्चे उत्साहपूर्वक धोनी-धोनी के नारे लगाते रहे। धोनी  भी बच्चों को हाथ हिलाकर उत्साहित नजर आए। कैप्टन कूल ने बच्चों से कहा कि वह अपने गुरुओं का सम्मान करें। यदि जीवन में उन्हें तरक्की करनी है तो उसके लिए ‘खूब पढ़िये और खूब खेलिए’ और राष्ट्र की प्रगति में सहायक बनिये । जब भी आपको कुछ दिखाने का अवसर मिले तो उसका भरपूर फायदा उठाइये। इस अवसर पर विद्यालय की वाइस प्रिंसिपल बीएस राजपूत ,संभाग की वित्त अधिकारी शिवानी सुनेजा, स्पोर्ट्स टीचर एसके मौर्या आदि मौजूद रहे।
कैप्शन: केंद्रीय विद्यालय नम्बर-3 की प्राचार्य प्रभा गौड़ इंडियन टीम के कै प्टन एमएस धोनी को स्मृति चिह्न भेंट करते हुए।
कैप्शन- केंद्रीय विद्यालय नम्बर-3 में छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते धोनी।

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