एशिया के दो ब्रेडमैन
भारत और श्रीलंका के बीच कोलंबो में गुरुवार से शुरू हुआ दूसरा टेस्ट दुनिया के महान विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा का अंतिम टेस्ट मैच है। इससे पहले गालं में खेले गए पहले टेस्ट मैच में श्रीलंका ने गजब की वापसी करते हुए भारत को 63 रन से मात दी थी। श्रीलंका कोलम्बो में किसी भी हालत में कुमार संगकारा की विदाई को फीका नहीं पड़ने देना चाहेगा। ऐसा माना जा रहा है कि कोलम्बो में कुमार संगकारा बड़ी पारी खेलकर क्रिकेट से विदा लेना चाहेंगे। यह बात अलग है कि कुमार संगकारा कभी भी रन बनाने के लिए अच्छे विकेट के मोहताज नहीं रहे।
कुमार संगकारा का श्रीलंकाई क्रिकेट में वही स्थान है जो भारत में सचिन तेंदुलकर का है। क्रिकेट समीक्षक अयाज मेमन कहते हैं कि यह तुलना तो बनती है कि इन दोनों में से पिछले 20-25 सालों में क्रिकेट का सबसे बड़ा खिलाड़ी कौन रहा है? भारत में तो अमूमन लोग सचिन तेंदुलकर के साथ होंगे लेकिन श्रीलंका में हुए एक सर्वेक्षण में तो कुमार संगकारा को नम्बर एक खिलाड़ी ही माना गया। अयाज मेमन कहते हैं कि लोकप्रियता में तो दोनों का मिलाप होता है लेकिन कई जगह दोनों बिलकुल अलग हैं। सचिन ने अपना क्रिकेट जीवन केवल 16 साल की उम्र में शुरू किया, वही संगकारा ने 22 साल में। तेंदुलकर आते ही जैसे बॉक्स आॅफिस में हिट हो गए, जबकि कुमार संगकारा को लोकप्रिय होने में समय लगा। संगकारा के साथ उनके कई प्रतिद्वंद्वी थे जैसे महेला जयवर्धने और मुरलीधरन, लेकिन धीरे-धीरे संगकारा आगे निकल गए क्योंकि उनमें निरंतरता थी- उन्होंने बहुत सारे रन बनाए।
एक बात सचिन और संगकारा में समान रही कि दोनों ने ही पूरे विश्व में सम्मान हासिल किया। दोनों को पूरा क्रिकेट जगत पहचानता है। इसी साल समाप्त हुए विश्व कप में संगकारा के चार शतक बनाने की बात पर मेमन कहते हैं कि तब लगा था कि शायद वह अकेले दम पर ही श्रीलंका को विश्व कप जिता देंगे। इस विश्वकप में सांगा बेहतरीन फॉर्म में थे। यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी उम्र 37 साल थी। संगकारा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने विदेशों में अधिक रन नहीं बनाए, लेकिन एक खिलाड़ी अगर कहीं भी 250-300 रन बनाता है तो यह छोटी बात नहीं है। फिर संगकारा ने ज्यादा क्रिकेट श्रीलंका में ही खेला है।
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा कहते हैं कि इस बात को हमेशा याद रखना होगा कि श्रीलंका भारत के मुकाबले छोटा सा देश है। श्रीलंका की जनसंख्या कम है और क्रिकेट कम ही लोग खेलते हैं। इसके बावजूद संगकारा ने सचिन की तरह पूरी दुनिया में श्रीलंका का नाम रोशन किया। संगकारा विकेटकीपर थे और क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में वह बेहतरीन खेले। क्रिकेट के मैदान पर उनका व्यवहार एक राजदूत की तरह रहा, यही खूबी सचिन की भी रही। संगकारा मुरलीधरन के बाद श्रीलंका से सबसे बड़े क्रिकेटर हैं। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अतुल वासन कहते हैं कि क्रिकेट का इतिहास खिलाड़ियों के योगदान से नही बल्कि स्टाइल से बनता है और संगकारा का अपना स्टाइल रहा है। टेस्ट क्रिकेट में उनके 12000 से अधिक रन हैं और अगर उसमें उनकी विकेटकीपिंग जोड़ लें तो वह उन्हें सबसे अलग बनाती है। उनके 12 दोहरे शतक हैं जो उन्हें ब्रैडमैन के समकक्ष खड़ा करते हैं।
एक और क्रिकेट समीक्षक प्रदीप मैगजीन कहते हैं कि सचिन और संगकारा दोनों समान रूप से महान बल्लेबाज रहे हैं। सचिन क्योंकि अधिक समय तक खेले, ढेरों शतक और रन बनाए तो उनका दर्जा थोड़ा बड़ा है लेकिन संगकारा ने जो कुछ श्रीलंका के लिए अपने देश और बाहर जाकर किया उसकी कोई तुलना नहीं है। अगर टीम में उनके योगदान की तुलना सचिन से की जाती है तो कहीं से भी उनका योगदान सचिन से कम नहीं है। श्रीलंका का दौरा कर रही भारतीय टीम के टीम निदेशक पूर्व कप्तान रवि शास्त्री ने कहा कि संगकारा दुनिया के शीर्ष दो-तीन खिलाड़ियों में रहे। सचिन को इस लीग में रखा जा सकता है जो एक बार इसमें शामिल होने के बाद उससे बाहर नहीं निकले। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि एक युवा टीम होने के नाते हमारे लिए यह सम्मान की बात है कि वह आखिरी मैच हमारे खिलाफ खेल रहे हैं।
भारत और श्रीलंका के बीच कोलंबो में गुरुवार से शुरू हुआ दूसरा टेस्ट दुनिया के महान विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा का अंतिम टेस्ट मैच है। इससे पहले गालं में खेले गए पहले टेस्ट मैच में श्रीलंका ने गजब की वापसी करते हुए भारत को 63 रन से मात दी थी। श्रीलंका कोलम्बो में किसी भी हालत में कुमार संगकारा की विदाई को फीका नहीं पड़ने देना चाहेगा। ऐसा माना जा रहा है कि कोलम्बो में कुमार संगकारा बड़ी पारी खेलकर क्रिकेट से विदा लेना चाहेंगे। यह बात अलग है कि कुमार संगकारा कभी भी रन बनाने के लिए अच्छे विकेट के मोहताज नहीं रहे।
कुमार संगकारा का श्रीलंकाई क्रिकेट में वही स्थान है जो भारत में सचिन तेंदुलकर का है। क्रिकेट समीक्षक अयाज मेमन कहते हैं कि यह तुलना तो बनती है कि इन दोनों में से पिछले 20-25 सालों में क्रिकेट का सबसे बड़ा खिलाड़ी कौन रहा है? भारत में तो अमूमन लोग सचिन तेंदुलकर के साथ होंगे लेकिन श्रीलंका में हुए एक सर्वेक्षण में तो कुमार संगकारा को नम्बर एक खिलाड़ी ही माना गया। अयाज मेमन कहते हैं कि लोकप्रियता में तो दोनों का मिलाप होता है लेकिन कई जगह दोनों बिलकुल अलग हैं। सचिन ने अपना क्रिकेट जीवन केवल 16 साल की उम्र में शुरू किया, वही संगकारा ने 22 साल में। तेंदुलकर आते ही जैसे बॉक्स आॅफिस में हिट हो गए, जबकि कुमार संगकारा को लोकप्रिय होने में समय लगा। संगकारा के साथ उनके कई प्रतिद्वंद्वी थे जैसे महेला जयवर्धने और मुरलीधरन, लेकिन धीरे-धीरे संगकारा आगे निकल गए क्योंकि उनमें निरंतरता थी- उन्होंने बहुत सारे रन बनाए।
एक बात सचिन और संगकारा में समान रही कि दोनों ने ही पूरे विश्व में सम्मान हासिल किया। दोनों को पूरा क्रिकेट जगत पहचानता है। इसी साल समाप्त हुए विश्व कप में संगकारा के चार शतक बनाने की बात पर मेमन कहते हैं कि तब लगा था कि शायद वह अकेले दम पर ही श्रीलंका को विश्व कप जिता देंगे। इस विश्वकप में सांगा बेहतरीन फॉर्म में थे। यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी उम्र 37 साल थी। संगकारा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने विदेशों में अधिक रन नहीं बनाए, लेकिन एक खिलाड़ी अगर कहीं भी 250-300 रन बनाता है तो यह छोटी बात नहीं है। फिर संगकारा ने ज्यादा क्रिकेट श्रीलंका में ही खेला है।
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा कहते हैं कि इस बात को हमेशा याद रखना होगा कि श्रीलंका भारत के मुकाबले छोटा सा देश है। श्रीलंका की जनसंख्या कम है और क्रिकेट कम ही लोग खेलते हैं। इसके बावजूद संगकारा ने सचिन की तरह पूरी दुनिया में श्रीलंका का नाम रोशन किया। संगकारा विकेटकीपर थे और क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में वह बेहतरीन खेले। क्रिकेट के मैदान पर उनका व्यवहार एक राजदूत की तरह रहा, यही खूबी सचिन की भी रही। संगकारा मुरलीधरन के बाद श्रीलंका से सबसे बड़े क्रिकेटर हैं। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अतुल वासन कहते हैं कि क्रिकेट का इतिहास खिलाड़ियों के योगदान से नही बल्कि स्टाइल से बनता है और संगकारा का अपना स्टाइल रहा है। टेस्ट क्रिकेट में उनके 12000 से अधिक रन हैं और अगर उसमें उनकी विकेटकीपिंग जोड़ लें तो वह उन्हें सबसे अलग बनाती है। उनके 12 दोहरे शतक हैं जो उन्हें ब्रैडमैन के समकक्ष खड़ा करते हैं।
एक और क्रिकेट समीक्षक प्रदीप मैगजीन कहते हैं कि सचिन और संगकारा दोनों समान रूप से महान बल्लेबाज रहे हैं। सचिन क्योंकि अधिक समय तक खेले, ढेरों शतक और रन बनाए तो उनका दर्जा थोड़ा बड़ा है लेकिन संगकारा ने जो कुछ श्रीलंका के लिए अपने देश और बाहर जाकर किया उसकी कोई तुलना नहीं है। अगर टीम में उनके योगदान की तुलना सचिन से की जाती है तो कहीं से भी उनका योगदान सचिन से कम नहीं है। श्रीलंका का दौरा कर रही भारतीय टीम के टीम निदेशक पूर्व कप्तान रवि शास्त्री ने कहा कि संगकारा दुनिया के शीर्ष दो-तीन खिलाड़ियों में रहे। सचिन को इस लीग में रखा जा सकता है जो एक बार इसमें शामिल होने के बाद उससे बाहर नहीं निकले। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि एक युवा टीम होने के नाते हमारे लिए यह सम्मान की बात है कि वह आखिरी मैच हमारे खिलाफ खेल रहे हैं।
No comments:
Post a Comment