Monday 24 November 2014

...जब राजू ने की ह्यूज की मूंछ छूने की हिम्मत

आस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज मर्व ह्यूज को उनके  खेले के अलावा शानदार कदकाठी और भारी-भरकम मूंछ के लिए जाना जाता है। ह्यूज मैदान के अंदर जितने गम्भीर खिलाड़ी थे, उतने ही गम्भीर वह मैदान के बाहर भी थे। वह अपनी मूंछ को अपना गुरूर मानते थे और कभी नहीं चाहते थे कि कोई उनकी मूंछों को हाथ लगाए।
सचिन तेंदुलकर ने अपनी जीवनी-प्लेइंग इट माई वे- में इस बात का खुलासा किया है कि 1992 के आस्ट्रेलिया दौरे में जब दोनों टीमें सिडनी से पर्थ जा रही थीं, तब विमान में भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाज वेंकटपति राजू ने ह्यूज की मूंछ को छूने की हिम्मत की थी। सचिन लिखते हैं, ‘राजू और ह्यूज अच्छे दोस्त थे। सिडनी से पर्थ की उड़ान चार घंटे की है। हमने राजू को ह्यूज की मूंछ छूने के लिए उकसाया। हमें उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसा करेंगे क्योंकि ह्यूज को अपनी मूंछ से काफी लगाव था और वह कभी नहीं चाहते थे कि कोई उनकी मूंछों को हाथ लगाए।’
सचिन ने अपनी पुस्तक के पृष्ठ संख्या-68 पर लिखा है, ‘कदकाठी में राजू ह्यूज के आगे कहीं नहीं टिकते थे। साथ ही ह्यूज को उनके गुस्सैल व्यवहार के लिए भी जाना जाता है। हमने सोचा कि राजू अगर ह्यूज की मूंछ को छूने की हिम्मत करेंगे तो ह्यूज उनका बुरा हाल कर देंगे। हमें यह देखकर हैरानी हुई कि राजू आगे बढ़े और ह्यूज की मूंछ को हाथ से खींच दिया। ह्यूज ने इसे मजाक के तौर पर लिया और हंस पड़े। राजू की इस हरकत ने उन्हें अचानक ही हीरो बना दिया क्योंकि उन्होंने जो किया था, वह कोई और करने की हिम्मत नहीं कर सकता था।’

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