Sunday, 2 November 2014

अरपिंदर ला रहे अपनी दौड़ तकनीक में सुधार

ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले भारत के तिहरी कूद एथलीट अरपिंदर सिंह ने रविवार को कहा कि वह फिलहाल दौड़ने की अपनी तकनीक सुधारने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अरपिंदर के मुताबिक, इसी कारण इंचियोन में हुए 17वें एशियाई खेलों में उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा।
एशियाई खेलों में अरपिंदर एक कूद स्पर्धा में सर्वश्रेष्ठ 16.41 मीटर की दूरी तय करने में सफल रहे और पांचवां स्थान हासिल किया। यह दूरी अरपिंदर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड 17.17 मीटर से भी कम रही। राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल दौर के बाकी चार प्रयासों में वह फाउल के कारण अयोग्य करार दिए गए।
अरपिंदर ने कहा, ‘मेरा प्रदर्शन खराब रहा। छह में से मेरे चार प्रयास अयोग्य करार दिए गए। इसलिए मैं अब अपने दौड़ने के कौशल पर काम कर रहा हूं। मैं अपने कोच के साथ मिलकर अपनी गलतियों को समझने की कोशिश कर रहा हूं। साथ ही मेरी नजर 2015 में होने एथलेटिक्स विश्व चैम्पियनशिप पर भी है।’ विश्व चैम्पियनशिप बीजिंग में 22 से 30 अगस्त के बीच आयोजित होना है। एशियाई खेलों में अपने प्रदर्शन की एक वजह अरपिंदर ने उस दिन स्टेडियम में तेज चल रही हवाओं को भी बताया। इस स्पर्धा का स्वर्ण चीन के साओ शुओ ने 17.3 मीटर की दूरी तय करते हुए जीता। शुओ हालांकि ब्रिटेन के जोनाथन एडवार्ड्स द्वारा स्थापित किए गए 18.29 मीटर के विश्व रिकॉर्ड से पीछे रह गए। अरपिंदर ने साथ ही माना कि बड़े टूर्नामेंटों में हिस्सा लेने के अनुभव की कम से भी उनके प्रदर्शन में गिरावट आई और वह एक ही गलती बार-बार दोहराते रहे। अरपिंदर ने कहा कि 2016 में होने वाले रियो ओलंपिक तक वह काफी परिपक्व हो चुके होंगे और अपनी क्षमताओं का बेहतर इस्तेमाल कर सकेंगे।

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