Thursday, 6 November 2014

खुद से ज्यादा पत्नी सुरेखा के स्वर्ण से खुश हैं रंजीत

नई दिल्ली। एशियाई खेलों में भारतीय दल का हिस्सा रहे एथलीट रंजीत माहेश्वरी ने कहा कि वह राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपने स्वर्ण पदक से ज्यादा पत्नी सुरेखा के स्वर्ण पदक हासिल करने से खुश हैं।
रंजीत ने टूर्नामेंट के आखिरी दिन बुधवार को पुरुषों की तिहरी कूद स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया, जबकि उनकी पत्नी सुरेखा ने एक दिन पहले ही पोल वॉल्ट स्पर्धा में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड और मीट रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया।
रंजीत ने दूसरे प्रयास में 16.09 मीटर दूरी हासिल कर स्वर्ण अपने नाम किया। हालांकि वह अपने ही मीट रिकॉर्ड (16.97 मीटर) को पार नहीं कर सके। लम्बे समय से पीठ की मांसपेशी में खिंचाव से जूझ रहे माहेश्वरी बुधवार को भी साफ-साफ पीठ दर्द से परेशान नजर आए और स्पर्धा के दौरान भी उनका सिर्फ एक प्रयास ही सफल रहा।
राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी अरपिंदर सिंह का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा और वह 15.89 मीटर दूरी के साथ तीसरे स्थान पर रहे। अरपिंदर एशियाई खेलों में पांचवां जबकि माहेश्वरी नौवां स्थान हासिल कर सके थे। अरपिंदर ने इसी वर्ष पटियाला में 17.17 मीटर के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था।
रंजीत ने पदक समारोह के बाद पत्रकारों से कहा, ‘वर्ष के शुरू से ही मैं चोट से परेशान चल रहा हूं। लेकिन पीठ में परेशानी के बावजूद मैं टूर्नामेंटों में हिस्सा लेता रहा। यहां भी मैं रेलवे की तरफ से खेलने आया हूं।’ रंजीत ने कहा, ‘मैं लगभग पूरे वर्ष पीठ की परेशानी से जूझता रहा हूं। एशियाई खेलों से ठीक पहले थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन वहां पहुंचकर अभ्यास सत्र शुरू होने के कुछ ही समय बाद परेशानी फिर से शुरू हो गई।’ केरल में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले राष्ट्रीय खेलों को देखते हुए रंजीत यहां से जाकर तुरंत अपना उपचार करवाने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘केरल के एक आयुर्वेद अस्पताल में मैंने 12 नवंबर का अपॉइंटमेंट ले रखा है। यहां से जाकर अपना इलाज शुरू करवाना है, क्योंकि राष्ट्रीय खेलों में मुझे केरल का प्रतिनिधित्व भी करना है।’ राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने पर रंजीत ने कहा, ‘मुझे खुद से ज्यादा सुरेखा के स्वर्ण जीतने की खुशी है। मैं सुरेखा के प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। कल सुरेखा ने एशियाई खेलों में कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी के बराबर ही प्रदर्शन किया। अगर उसे अभ्यास करने का मौका मिले तो वह अपने प्रदर्शन में और सुधार ला सकती है।’

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