राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद के शिष्य श्रीकांत ने इतिहास रचा
नई दिल्ली। चीन ओपन में खिताबी जीत हासिल करने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने कहा कि चीन के दिग्गज लिन डैन के खिलाफ मिली खिताबी जीत को उन्होंने कभी दया में मिली जीत की तरह नहीं लिया और जीत हासिल करने तक उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह जीत जाएंगे।
श्रीकांत ने कहा कि उन्हें पता था कि उनके प्रतिद्वंद्वी दो बार के ओलम्पिक चैम्पियन और पांच बार के विश्व चैम्पियन लिन डैन कहीं से भी वापसी कर सकते हैं। राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद के शिष्य श्रीकांत ने इतिहास रचते हुए सुपर सीरीज प्रीमियर जीतने वाले देश के पहले पुरुष खिलाड़ी बन गए।
श्रीकांत ने कहा कि मैंने जीत के बारे में कभी नहीं सोचा था। फाइनल मैच के दूसरे गेम का 21वां अंक जीतने के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैंने क्या कर दिया है। उससे पहले तक मुझे पता था कि लिन डैन जैसा खिलाड़ी कहीं से भी वापसी कर सकता है। मैं सिर्फ मैच के दौरान अपने खेल पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता था। श्रीकांत ने कहा कि मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था और मैं सिर्फ इस बड़े मैच में लिन का सामना करने का लुत्फ उठाना चाहता था। मैंने बस अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की।
मलेशिया के ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता राशिद सिदेक जैसे धुरंधर खिलाड़ियों ने 21 वर्षीय श्रीकांत को बेहतरीन खिलाड़ी बताया। श्रीकांत अपने करियर में अब तक विश्व के कई शीर्ष खिलाड़ियों को हरा चुके हैं, लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता को लेकर हमेशा से चिंता जताई जाती रही है। 16वीं विश्व वरीयता प्राप्त श्रीकांत ने कहा कि इससे पहले कई बार मैं मैच प्वाइंट तक पहुंचकर हार चुका हूं। इसलिए इस बार मेरे प्रशिक्षकों ने मुझे सहज बने रहने और धैर्य से काम लेने के लिए कहा और सिर्फ एक अंक हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा। जीतने के बाद मैं बेहद उत्साहित था। मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन श्रीकांत को देश के अगले बैडमिंटन स्टार के रूप में देखा जाने लगा है और खुद से हो रही इन अपेक्षाओं को वह दबाव की तरह नहीं देखते।
नई दिल्ली। चीन ओपन में खिताबी जीत हासिल करने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने कहा कि चीन के दिग्गज लिन डैन के खिलाफ मिली खिताबी जीत को उन्होंने कभी दया में मिली जीत की तरह नहीं लिया और जीत हासिल करने तक उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह जीत जाएंगे।
श्रीकांत ने कहा कि उन्हें पता था कि उनके प्रतिद्वंद्वी दो बार के ओलम्पिक चैम्पियन और पांच बार के विश्व चैम्पियन लिन डैन कहीं से भी वापसी कर सकते हैं। राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद के शिष्य श्रीकांत ने इतिहास रचते हुए सुपर सीरीज प्रीमियर जीतने वाले देश के पहले पुरुष खिलाड़ी बन गए।
श्रीकांत ने कहा कि मैंने जीत के बारे में कभी नहीं सोचा था। फाइनल मैच के दूसरे गेम का 21वां अंक जीतने के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैंने क्या कर दिया है। उससे पहले तक मुझे पता था कि लिन डैन जैसा खिलाड़ी कहीं से भी वापसी कर सकता है। मैं सिर्फ मैच के दौरान अपने खेल पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता था। श्रीकांत ने कहा कि मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था और मैं सिर्फ इस बड़े मैच में लिन का सामना करने का लुत्फ उठाना चाहता था। मैंने बस अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की।
मलेशिया के ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता राशिद सिदेक जैसे धुरंधर खिलाड़ियों ने 21 वर्षीय श्रीकांत को बेहतरीन खिलाड़ी बताया। श्रीकांत अपने करियर में अब तक विश्व के कई शीर्ष खिलाड़ियों को हरा चुके हैं, लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता को लेकर हमेशा से चिंता जताई जाती रही है। 16वीं विश्व वरीयता प्राप्त श्रीकांत ने कहा कि इससे पहले कई बार मैं मैच प्वाइंट तक पहुंचकर हार चुका हूं। इसलिए इस बार मेरे प्रशिक्षकों ने मुझे सहज बने रहने और धैर्य से काम लेने के लिए कहा और सिर्फ एक अंक हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा। जीतने के बाद मैं बेहद उत्साहित था। मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन श्रीकांत को देश के अगले बैडमिंटन स्टार के रूप में देखा जाने लगा है और खुद से हो रही इन अपेक्षाओं को वह दबाव की तरह नहीं देखते।
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