Friday 19 December 2014

हर लड़की को सुरक्षा नहीं दे सकती सरकार: अरुणिमा


लड़कियों को अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही बनना होगा सक्षम
बाराबंकी। देश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों के बीच विश्व रिकॉर्डधारी पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि कोई भी सरकार हर लड़की को सुरक्षा नहीं दे सकती और लड़कियों को इतना सक्षम बनाना होगा कि वे खुद की सुरक्षा कर सकें।
 अरुणिमा ने यहां ‘हमारी बेटी, हमारा गौरव’ कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में देश में बढ़ रही महिलाओं के प्रति हिंसा के बारे में कहा कि अब वक्त आ गया है कि महिलाएं खुद अपनी रक्षा करने में सक्षम बनें। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार हर लड़की को सुरक्षा नहीं दे सकती, लिहाजा लड़कियों को ही इतना सक्षम बनाना होगा कि वे अपनी हिफाजत खुद कर सकें। इसके लिए उन्हें आत्मरक्षा की कलाओं से लैस किया जाना चाहिए। इस पर खास तवज्जो दिये जाने की जरूरत है। फरवरी 2011 में एक हादसे में अपना एक पैर गंवाने वाली अरुणिमा ने फौलादी इरादों के बलबूते 21 मई 2013 को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल की थी। एक कृत्रिम पैर के सहारे यह कारनामा करने वाली वह दुनिया की पहली महिला है। अरुणिमा ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी के लिए राजनीतिक दलों और सरकारों की तरफ से आवाज तो उठी है लेकिन जितना होना चाहिए था, उतना नहीं हो सका है। मीडिया के सामने महिला सशक्तीकरण के बारे में बातें करने और बाद में चीजों को वहीं की वहीं पड़ी रखने का सिलसिला अब बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को राजनीति में पकड़ बनानी चाहिए। महिलाओं को लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं में कम से कम 33 प्रतिशत आरक्षण मिलना ही चाहिए और अभी राजनीतिक दलों को यह हक दिलाने की ईमानदारी से कोशिश करनी बाकी है। अरुणिमा ने एक सवाल पर कहा कि आमतौर पर महिला ग्राम प्रधान महज अपने प्रतिनिधि रूपी पति के हाथ की कठपुतली होती है। महिलाओं को इस छद्म आवरण को हटाना चाहिए। हालांकि, पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं पर ये चीजें शुरू से ही थोपी गयी हैं। इन्हें दूर करने में थोड़ा वक्त लगेगा। अब महिलाओं से ही पूछना होगा कि वे क्या चाहती हैं। घरेलू हिंसा को अभिशाप बताते हुए उन्होंने कहा कि इस बुराई के खिलाफ महिलाओं को ही आवाज उठानी होगी। उन्हें इससे तनिक भी संकोच नहीं होना चाहिए। संकोच और शर्म तो उन लोगों को आनी चाहिए जो घरेलू हिंसा को अंजाम देते हैं या तमाशबीन बनकर देखते हैं। पुलिस का काम होना चाहिए कि घरेलू हिंसा पीड़ितों की मदद करें, न कि उन्हें परेशान करें।
अरुणिमा ने एक सवाल पर कहा कि भारत में पर्वतारोहियों को जितना महत्व मिलना चाहिए, उतना नहीं मिल रहा है लेकिन धीरे-धीरे अब इसका क्रेज बढ़ रहा है। आने वाला कल पर्वतारोहियों का होगा। इस पर्वतारोही ने कहा कि उन्होंने हाल में उनकी आत्मकथा का विमोचन करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि वह उनकी खेल अकादमी बनाने में मदद करें और प्रधानमंत्री ने इसके लिए सकारात्मक संकेत भी दिये हैं। 

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