नई दिल्ली। एक गेंदबाज की सबसे बड़ी ताकत बनती है उसकी रफ्तार भरी गेंद पर जब सामने वाले बल्लेबाज घुटने टेक दे, लेकिन कभी कभी वहीं गेंद उसके लिए जिंदगी भर का दर्द बना जाता है कुछ ऐसा ही हुआ सीन अबॉट के साथ। फिलिप ह्यूस आज हमारे बीच नहीं रहे है, लेकिन इसका दर्द जिंदगी भर सीन अबॉट को सताता रहेगा।
सीन अबॉट ऑस्ट्रेलिया के युवा तेज गेंदबाज हैं। इस साल 5 अक्टूबर 2014 को पाकिस्तान के खिलाफ अपने अंत्तराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले इस खिलाड़ी की एक बड़ी ताकत ने उन्हें एक अजीब से दोराहे पर ला खड़ा कर दिया है। अपने करियर में ऐबॉट ने ना जाने कितने बाउंसर से सामने वाले बल्लेबाज को घुटने टेकने पर मजबूर किया होगा, लेकिन 25 नवंबर मंगलवार की सुबह ने इस गेंदबाज की एक बाउंसर ने उन्हें भावनात्मक तौर से बेहद कमजो बना दिया। 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की अबॉट की बाउंसर ऑस्ट्रेलिया के युवा और प्रतिभाशाली बल्लेबाज फिलिप ह्यूस के जिंदगी की आखिरी गेंद बन गई। गुरुवार की सुबह क्रिकेट जगत ह्यूज के निधन की खबर से सकते में चला गया और इससे भी ज्यादा इस खबर ने सीन अबॉट को झकझोर दिया है।
हालांकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपने बयान में कहा है कि सीन अबॉट को शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है। ये एक हादसा था। सीन अबॉट अच्छे और मजबूत इंसान हैं वो जल्द ही मैदान पर वापसी करेंगे। सीन अबॉट को खुद को इस हादसे का दोषी नहीं मानना चाहिए। भारतीय क्रिकेटर अनिल कुंबले ने कहा कि अब फिलिप ह्यूज हमारी यादों में रहेंगे, लेकिन क्रिकेट जगत सीन अबॉट को भी ये एहसास दिलाना चाहता है कि वो खुद को इस हादसे का दोषी ना माने।
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