भुवनेश्वर। नौ बार की चैम्पियन जर्मनी हॉकी टीम ने रविवार को कलिंगा स्टेडियम में हुए फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को 2-0 से हराकर हीरो हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी जीत ली। दोनों टीमें 20 वर्ष बाद चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में एक-दूसरे के सामने थीं और जर्मन टीम 1994 में लाहौर में पाकिस्तान के हाथों मिली हार का बदला चुकाते हुए 10वीं बार खिताब पर कब्जा जमाने में कामयाब रही।
रिकॉर्ड 13 बार की चैम्पियन और गत पांच वर्षों की लगातार चैम्पियन आस्ट्रेलियाई टीम को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में पहुंची जर्मनी ने 2007 के बाद पहली बार खिताबी जीत हासिल की। जर्मनी के लिए क्रिस्टोफर वेस्ले और फ्लेरियान फुक्स ने क्रमश: 18वें और 57वें मिनट में एक-एक गोल किए। दोनों टीमों के बीच चैम्पियंस ट्रॉफी में यह पांचवां फाइनल मुकाबला था, जिसमें जर्मनी को तीसरी बार सफलता मिली। जर्मनी पहले ही मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने में सफल रही, हालांकि वे इसे गोल में तब्दील नहीं कर सके। पेनाल्टी कॉर्नर बचाने के बाद पाकिस्तानी टीम पलटवार करते हुए जबरदस्त हमला किया।पहले क्वार्टर में अधिकतर समय हमलावर रहने के बावजूद जर्मनी गोल हासिल नहीं कर सका और पहला क्वार्टर गोलरहित समाप्त हुआ। दूसरे क्वार्टर के शुरुआत में ही एक बार फिर जर्मन टीम को 17वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला। पेनाल्टी कॉर्नर पर पाकिस्तान के गोलकीपर इमरान बट ने अच्छा बचाव किया हालांकि जर्मनी ने लगातार हमला जारी रखते हुए मैच के 18वें मिनट में पहला गोल कर दिया।
जोनास मोनोली के सटीक पास को पाकिस्तान के डी में बेहतरीन पोजीशन में खड़े क्रिस्टोफर वेस्ले ने गोल की दिशा दिखा दी। पाकिस्तान की ओर से मोहम्मद वकास ने इस बीच कई अच्छे हमले किये, लेकिन सफलता से दूर ही रहे। मध्यांतर तक 1-0 की मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर चुकी जर्मनी ने मध्यांतर के बाद फिर हमलावर रुख अपनाया हालांकि पाकिस्तान ने भी अच्छे जवाबी हमले किए। क्रिस्टोफर रुहर और फुक्स ने तीसरे क्वार्टर अच्छा प्रदर्शन किया हालांकि तीसरा क्वार्टर गोलरहित ही रहा। चौथे क्वार्टर की शुरुआत में जर्मन टीम मैच का तीसरा पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने में सफल रही, हालांकि वे इस पर गोल नहीं कर सके। पेनाल्टी बचाने के बाद पाकिस्तान ने भी फिर से पलटवार करते हुए हमला कर दिया, लेकिन वे इसमें सफल नहीं रहे। मैच जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ने लगा जर्मन टीम ने हमले और तेज कर दिए। मैच के 52वें मिनट में जर्मनी को मैच का चौथा पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इस बार भी वे चूक गए।
लगातार चार पेनाल्टी कॉर्नर पर चूकने के बाद मैच समाप्त होने से ठीक दो मिनट पहले फुक्स मैदान के बीच से मिले पास को लेकर तेजी से पाकिस्तानी गोलपोस्ट की ओर बढ़े और पाकिस्तानी रक्षापंक्ति के एक खिलाड़ी को छकाते हुए काफी दूर से तेज शॉट लगाते हुए अकेले दम जर्मनी के लिए 57वें मिनट में दूसरा गोल कर दिया। मैच समाप्त होने से दो मिनट पहले पाकिस्तान को मैच का पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसे उसने जाया कर दिया। चैम्पियंस ट्रॉफी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि तीन बार की चैम्पियन पकिस्तान फाइनल मैच में कोई गोल नहीं कर सकी।
भारत को हरा आस्ट्रेलिया ने जीता कांस्य
हीरो हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी के तहत रविवार को कलिंगा स्टेडियम में तीसरे-चौथे स्थान के लिए हुए मैच में आस्ट्रेलिया ने मेजबान भारत को 2-1 से हराकर कांस्य पदक हासिल कर लिया। विश्व चैम्पियन आस्ट्रेलिया के लिए एडी ओकेनडेन (18वें मिनट) और मैट गोहडेस (52वें मिनट) ने गोल किए। भारत की ओर से एकमात्र गोल ललित उपाध्याय ने 42वें मिनट में किया। पहला क्वार्टर गोलरहित रहने के बाद आस्ट्रेलिया को पहली सफलता दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में हासिल हुई जब कप्तान ओकेनडेन ने टीम का खाता खोला। इस बीच भारतीय मिडफील्डरों ने भी दूसरे क्वार्टर में कई मौके बनाए लेकिन टीम के फॉरवर्ड खिलाड़ी इसका फायदा उठाने में नाकाम रहे। दूसरे क्वार्टर के आखिरी मिनट में आस्ट्रेलिया को दो पेनाल्टी कार्नर मिले लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति उन्हें विफल करने में सफल रही। मध्यांतर तक आस्ट्रेलिया 1-0 से बढ़त बनाए रखने में कामयाब रहा। तीसरे क्वार्टर में भारत ने एक बार फिर बराबरी करने की कोशिश की और टीम के खिलाड़ी लम्बे समय तक गेंद को अपने कब्जे में रखने में कामयाब भी हुए, जिसका फायदा उन्हें 42वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर के रूप में मिला। गुरजिंदर सिंह द्वारा लिए फ्लिक को आस्ट्रेलियाई गोलकीपर एंट्रू चार्टर रोकने में कामयाब हुए। गेंद उनसे टकराकर सरदार सिंह के पास गई। सरदार ने गेंद निकिन थिमैया को पास की और थिमैया ने उसे ललित की ओर धकेल दिया। ललित ने हालांकि इस मौके पर कोई गलती किए बिना भारत को बराबरी पर ला खड़ा किया। आस्ट्रेलिया की ओर से हालांकि दस मिनट बाद 52वें मिनट में मैट गोहडेस ने निर्णायक गोल दाग आस्ट्रेलिया को एक बार फिर 2-1 से आगे कर दिया। इस बीच मैच खत्म होने से ठीक पांच मिनट पहले भारत को एक और पेनाल्टी कार्नर मिला लेकिन भारतीय खिलाड़ी इसका फायदा नहीं उठा सके। इस हार के साथ भारत ने टूर्नामेंट में चौथा स्थान हासिल करने हुए अपने अभियान की समाप्ति की। पिछले संस्करण (2012) में भी पाकिस्तान से हारकर भारत चौथे स्थान पर रहा था।
अर्जेंटीना को हरा पांचवें स्थान पर रहा नीदरलैण्ड
मौजूदा उपविजेता नीदरलैंड्स हॉक टीम ने हीरो हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी के तहत कलिंगा स्टेडियम में पांचवें-छठे स्थान के लिए हुए मैच में रविवार को अर्जेंटीना को 4-1 हराकर पांचवें स्थान के साथ टूर्नामेंट का समापन किया। नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों ने चारों गोल आखिरी के 15 मिनटों में किया। दोनों टीमों द्वारा बढ़त लेने की कोशिशों के बीच पहला क्वार्टर गोलरहित समाप्त हुआ। इसके बाद दूसरे क्वार्टर और मैच के 19वें मिनट में अर्जेंटीना के माटिएस पारेडेस ने गोल कर टीम को बढ़त दिलाई। मध्यांतर तक 1-0 की बढ़त लेने के बावजूद अर्जेंटीनी टीम मध्यांतर के बाद अपनी लय बरकरार नहीं रख पाई। हाफटाइम से पहले नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों ने बढ़त लेने के कई प्रयास किए। अर्जेंटीनी गोलकीपर मैनुएल विवाल्डी और टीम की रक्षापंक्ति हालांकि नीदरलैंड्स की सभी कोशिशों को विफल करने सफल रही। तीसरा क्वार्टर भी गोलरहित रहा। चौथे क्वार्टर और मैच के 47वें मिनट में वान डर विरडेन मिंक ने पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए गोल कर नीदरलैंड्स को बराबरी दिलाई। टूर्नामेंट में मिंक का यह चौथा गोल रहा। मैच खत्म होने से पांच मिनट पहले 55वें मिनट में जेरोन हर्ट्जबर्गर ने गोल कर नीदरलैंड्स को 2-1 से आगे कर दिया। अगले ही मिनट में जोंकर कोस्टांटिज्न ने नीदरलैंड्स को 3-1 की बढ़त दिला दी। आखिरी लम्हों में अचानक दो गोलों से अर्जेंटीनी खिलाड़ी अभी संभले भी नहीं थे कि 58वें मिनट में हर्ट्जबर्गर ने पेनाल्टी स्ट्रोक के जरिए मैच का अपना दूसरा गोल कर स्कोर 4-1 कर दिया।
इंग्लैंड को सातवां स्थान
इंग्लैंड ने हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी के तहत रविवार को कलिंगा स्टेडियम में बेल्जियम को 3-2 से हराकर टूर्नामेंट में सातवां स्थान हासिल किया। इस बेहद संघर्षपूर्ण मुकाबले में पहला गोल बेल्जियम के फ्लोरेंट वान ने मैच के दसवें मिनट में ही कर दिया। इसके बाद हालांकि इंग्लैंड ने तीन गोल कर हाफटाइम से पहले 3-1 की बढ़त हासिल कर ली। इंग्लैंड की ओर से पहला गोल डेविड कोंडोन ने 14वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर के जरिए किया। इसके बाद दूसरे क्वार्टर और खेल के 19वें मिनट में डेविड ने एक बेहतरीन फील्ड गोल कर इंग्लैंड को 2-1 की बढ़त दिला दी। तीसरा गोल इंग्लैंड की ओर से हाफटाइम से ठीक पहले 30वें मिनट में क्रिस ग्रिफित्स ने दागा। इसके बाद बेल्जियम ने दूसरे हाफ में बेहतर खेल दिखाया और टीम के खिलाड़ी ज्यादातर समय गेंद अपने पास रखने में कामयाब हुए। आखिरकार तीसरे क्वार्टर और मैच के 39वें मिनट में फ्लोरेंट ने एक गोल कर इंग्लैंड की बढ़त कम की। बेल्जियम हालांकि बराबरी करने में नाकाम रहा और इंग्लैंड टूर्नामेंट का अपना आखिरी मैच 3-2 से जीतने में सफल रहा।
रिकॉर्ड 13 बार की चैम्पियन और गत पांच वर्षों की लगातार चैम्पियन आस्ट्रेलियाई टीम को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में पहुंची जर्मनी ने 2007 के बाद पहली बार खिताबी जीत हासिल की। जर्मनी के लिए क्रिस्टोफर वेस्ले और फ्लेरियान फुक्स ने क्रमश: 18वें और 57वें मिनट में एक-एक गोल किए। दोनों टीमों के बीच चैम्पियंस ट्रॉफी में यह पांचवां फाइनल मुकाबला था, जिसमें जर्मनी को तीसरी बार सफलता मिली। जर्मनी पहले ही मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने में सफल रही, हालांकि वे इसे गोल में तब्दील नहीं कर सके। पेनाल्टी कॉर्नर बचाने के बाद पाकिस्तानी टीम पलटवार करते हुए जबरदस्त हमला किया।पहले क्वार्टर में अधिकतर समय हमलावर रहने के बावजूद जर्मनी गोल हासिल नहीं कर सका और पहला क्वार्टर गोलरहित समाप्त हुआ। दूसरे क्वार्टर के शुरुआत में ही एक बार फिर जर्मन टीम को 17वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला। पेनाल्टी कॉर्नर पर पाकिस्तान के गोलकीपर इमरान बट ने अच्छा बचाव किया हालांकि जर्मनी ने लगातार हमला जारी रखते हुए मैच के 18वें मिनट में पहला गोल कर दिया।
जोनास मोनोली के सटीक पास को पाकिस्तान के डी में बेहतरीन पोजीशन में खड़े क्रिस्टोफर वेस्ले ने गोल की दिशा दिखा दी। पाकिस्तान की ओर से मोहम्मद वकास ने इस बीच कई अच्छे हमले किये, लेकिन सफलता से दूर ही रहे। मध्यांतर तक 1-0 की मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर चुकी जर्मनी ने मध्यांतर के बाद फिर हमलावर रुख अपनाया हालांकि पाकिस्तान ने भी अच्छे जवाबी हमले किए। क्रिस्टोफर रुहर और फुक्स ने तीसरे क्वार्टर अच्छा प्रदर्शन किया हालांकि तीसरा क्वार्टर गोलरहित ही रहा। चौथे क्वार्टर की शुरुआत में जर्मन टीम मैच का तीसरा पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने में सफल रही, हालांकि वे इस पर गोल नहीं कर सके। पेनाल्टी बचाने के बाद पाकिस्तान ने भी फिर से पलटवार करते हुए हमला कर दिया, लेकिन वे इसमें सफल नहीं रहे। मैच जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ने लगा जर्मन टीम ने हमले और तेज कर दिए। मैच के 52वें मिनट में जर्मनी को मैच का चौथा पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन इस बार भी वे चूक गए।
लगातार चार पेनाल्टी कॉर्नर पर चूकने के बाद मैच समाप्त होने से ठीक दो मिनट पहले फुक्स मैदान के बीच से मिले पास को लेकर तेजी से पाकिस्तानी गोलपोस्ट की ओर बढ़े और पाकिस्तानी रक्षापंक्ति के एक खिलाड़ी को छकाते हुए काफी दूर से तेज शॉट लगाते हुए अकेले दम जर्मनी के लिए 57वें मिनट में दूसरा गोल कर दिया। मैच समाप्त होने से दो मिनट पहले पाकिस्तान को मैच का पहला पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसे उसने जाया कर दिया। चैम्पियंस ट्रॉफी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि तीन बार की चैम्पियन पकिस्तान फाइनल मैच में कोई गोल नहीं कर सकी।
भारत को हरा आस्ट्रेलिया ने जीता कांस्य
हीरो हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी के तहत रविवार को कलिंगा स्टेडियम में तीसरे-चौथे स्थान के लिए हुए मैच में आस्ट्रेलिया ने मेजबान भारत को 2-1 से हराकर कांस्य पदक हासिल कर लिया। विश्व चैम्पियन आस्ट्रेलिया के लिए एडी ओकेनडेन (18वें मिनट) और मैट गोहडेस (52वें मिनट) ने गोल किए। भारत की ओर से एकमात्र गोल ललित उपाध्याय ने 42वें मिनट में किया। पहला क्वार्टर गोलरहित रहने के बाद आस्ट्रेलिया को पहली सफलता दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में हासिल हुई जब कप्तान ओकेनडेन ने टीम का खाता खोला। इस बीच भारतीय मिडफील्डरों ने भी दूसरे क्वार्टर में कई मौके बनाए लेकिन टीम के फॉरवर्ड खिलाड़ी इसका फायदा उठाने में नाकाम रहे। दूसरे क्वार्टर के आखिरी मिनट में आस्ट्रेलिया को दो पेनाल्टी कार्नर मिले लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति उन्हें विफल करने में सफल रही। मध्यांतर तक आस्ट्रेलिया 1-0 से बढ़त बनाए रखने में कामयाब रहा। तीसरे क्वार्टर में भारत ने एक बार फिर बराबरी करने की कोशिश की और टीम के खिलाड़ी लम्बे समय तक गेंद को अपने कब्जे में रखने में कामयाब भी हुए, जिसका फायदा उन्हें 42वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर के रूप में मिला। गुरजिंदर सिंह द्वारा लिए फ्लिक को आस्ट्रेलियाई गोलकीपर एंट्रू चार्टर रोकने में कामयाब हुए। गेंद उनसे टकराकर सरदार सिंह के पास गई। सरदार ने गेंद निकिन थिमैया को पास की और थिमैया ने उसे ललित की ओर धकेल दिया। ललित ने हालांकि इस मौके पर कोई गलती किए बिना भारत को बराबरी पर ला खड़ा किया। आस्ट्रेलिया की ओर से हालांकि दस मिनट बाद 52वें मिनट में मैट गोहडेस ने निर्णायक गोल दाग आस्ट्रेलिया को एक बार फिर 2-1 से आगे कर दिया। इस बीच मैच खत्म होने से ठीक पांच मिनट पहले भारत को एक और पेनाल्टी कार्नर मिला लेकिन भारतीय खिलाड़ी इसका फायदा नहीं उठा सके। इस हार के साथ भारत ने टूर्नामेंट में चौथा स्थान हासिल करने हुए अपने अभियान की समाप्ति की। पिछले संस्करण (2012) में भी पाकिस्तान से हारकर भारत चौथे स्थान पर रहा था।
अर्जेंटीना को हरा पांचवें स्थान पर रहा नीदरलैण्ड
मौजूदा उपविजेता नीदरलैंड्स हॉक टीम ने हीरो हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी के तहत कलिंगा स्टेडियम में पांचवें-छठे स्थान के लिए हुए मैच में रविवार को अर्जेंटीना को 4-1 हराकर पांचवें स्थान के साथ टूर्नामेंट का समापन किया। नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों ने चारों गोल आखिरी के 15 मिनटों में किया। दोनों टीमों द्वारा बढ़त लेने की कोशिशों के बीच पहला क्वार्टर गोलरहित समाप्त हुआ। इसके बाद दूसरे क्वार्टर और मैच के 19वें मिनट में अर्जेंटीना के माटिएस पारेडेस ने गोल कर टीम को बढ़त दिलाई। मध्यांतर तक 1-0 की बढ़त लेने के बावजूद अर्जेंटीनी टीम मध्यांतर के बाद अपनी लय बरकरार नहीं रख पाई। हाफटाइम से पहले नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों ने बढ़त लेने के कई प्रयास किए। अर्जेंटीनी गोलकीपर मैनुएल विवाल्डी और टीम की रक्षापंक्ति हालांकि नीदरलैंड्स की सभी कोशिशों को विफल करने सफल रही। तीसरा क्वार्टर भी गोलरहित रहा। चौथे क्वार्टर और मैच के 47वें मिनट में वान डर विरडेन मिंक ने पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए गोल कर नीदरलैंड्स को बराबरी दिलाई। टूर्नामेंट में मिंक का यह चौथा गोल रहा। मैच खत्म होने से पांच मिनट पहले 55वें मिनट में जेरोन हर्ट्जबर्गर ने गोल कर नीदरलैंड्स को 2-1 से आगे कर दिया। अगले ही मिनट में जोंकर कोस्टांटिज्न ने नीदरलैंड्स को 3-1 की बढ़त दिला दी। आखिरी लम्हों में अचानक दो गोलों से अर्जेंटीनी खिलाड़ी अभी संभले भी नहीं थे कि 58वें मिनट में हर्ट्जबर्गर ने पेनाल्टी स्ट्रोक के जरिए मैच का अपना दूसरा गोल कर स्कोर 4-1 कर दिया।
इंग्लैंड को सातवां स्थान
इंग्लैंड ने हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी के तहत रविवार को कलिंगा स्टेडियम में बेल्जियम को 3-2 से हराकर टूर्नामेंट में सातवां स्थान हासिल किया। इस बेहद संघर्षपूर्ण मुकाबले में पहला गोल बेल्जियम के फ्लोरेंट वान ने मैच के दसवें मिनट में ही कर दिया। इसके बाद हालांकि इंग्लैंड ने तीन गोल कर हाफटाइम से पहले 3-1 की बढ़त हासिल कर ली। इंग्लैंड की ओर से पहला गोल डेविड कोंडोन ने 14वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर के जरिए किया। इसके बाद दूसरे क्वार्टर और खेल के 19वें मिनट में डेविड ने एक बेहतरीन फील्ड गोल कर इंग्लैंड को 2-1 की बढ़त दिला दी। तीसरा गोल इंग्लैंड की ओर से हाफटाइम से ठीक पहले 30वें मिनट में क्रिस ग्रिफित्स ने दागा। इसके बाद बेल्जियम ने दूसरे हाफ में बेहतर खेल दिखाया और टीम के खिलाड़ी ज्यादातर समय गेंद अपने पास रखने में कामयाब हुए। आखिरकार तीसरे क्वार्टर और मैच के 39वें मिनट में फ्लोरेंट ने एक गोल कर इंग्लैंड की बढ़त कम की। बेल्जियम हालांकि बराबरी करने में नाकाम रहा और इंग्लैंड टूर्नामेंट का अपना आखिरी मैच 3-2 से जीतने में सफल रहा।
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