Thursday, 18 December 2014

एक साल नहीं बरसेंगे सरिता के मुक्के

प्रतिबंध एक अक्टूबर 2014 से एक अक्टूबर 2015 तक रहेगा प्रभावी
नई दिल्ली। इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक लेने से इनकार करने वाली भारतीय महिला मुक्केबाज लैशराम सरिता देवी पर अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ने एक साल का प्रतिबंध लगा दिया लेकिन इससे उसके कैरियर पर असर नहीं पड़ेगा और वह 2016 ओलम्पिक क्वालीफायर में हिस्सा ले सकेगी। सरिता ने एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में विवादित हार के बाद कांस्य पदक स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। उस पर लगाया गया प्रतिबंध एक अक्टूबर 2014 से एक अक्टूबर 2015 तक प्रभावी रहेगा। इसके अलावा उस पर 1000 स्विस फ्रेंक्स का जुर्माना भी लगाया गया है।
बार- बार माफी मांगने के बावजूद एआईबीए ने उसे माफ नहीं किया हालांकि दाहिनी कलाई में चोट से जूझ रही इस लाइटवेट ( 60 किलोग्राम) मुक्केबाज के लिये एक साल का प्रतिबंध राहत भरा रहा। राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू भी सजा से बच गए जिन्हें दो अन्य कोचों के साथ अस्थायी तौर पर निलम्बित कर दिया गया था। एआईबीए की अनुशासन समिति ने उन्हें दोषी नहीं पाया। भारत के क्यूबाई कोच ब्लास इग्लेसियास हालांकि उतने खुशकिस्मत नहीं रहे और उन पर दो साल का प्रतिबंध और 2000 स्विस फ्रेंक्स जुर्माना लगाया गया। उनका प्रतिबंध भी एक अक्टूबर 2014 से लागू होगा। एआईबीए की अनुशासन समिति ने सरिता के निजी कोच लेनिन मेतेइ पर भी एक साल का प्रतिबंध लगा दिया जबकि उसके पति थोइबा सिंह पर दो साल तक रिंगसाइड में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।
जुर्माना भरने में मदद करेगा बाक्सिंग इंडिया
बाक्सिंग इंडिया के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने कहा कि बाक्सिंग इंडिया जुर्माना भरने के लिये रकम जुटाने में सरिता की मदद करेगा । हमें खुशी है कि हमारे विस्तार से सफाई देने का असर हुआ और एआईबीए ने सरिता के मामले में नरमी बरती । पिछले महीने ही एआईबीए अध्यक्ष चिंग कू वू ने साफ तौर पर कहा था कि सरिता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी और उसे अपना करियर खत्म ही मान लेना चाहिये। यह पूछने पर कि एआईबीए को नरमी से पेश आने के लिये कैसे राजी किया गया, जाजोदिया ने कहा कि डॉक्टर वू ने जो कहा, वह उनकी निजी राय थी और हम उसका सम्मान करते हैं। लेकिन हम एआईबीए को यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि इंचियोन में जज्बाती होकर सरिता ने वह गलती की और वह एक अनुशासित मुक्केबाज है। खेलमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हालांकि एआईबीए को पत्र लिखकर एक साल के प्रतिबंध पर भी पुनर्विचार की अपील की है। संधू के अलावा रिंगसाइड कोच सागरमइ धयाल को भी अनुशासनहीनता का दोषी नहीं पाया गया।
राहत महसूस कर रही हूं: सरिता
बाक्सिंग इंडिया द्वारा एआईबीए के फैसले का ऐलान किये जाने के बाद सरिता ने एक बयान में कहा कि मैं राहत महसूस कर रही हूं और मैं पूरे मुक्केबाजी जगत और बाक्सिंग इंडिया को इस कठिन समय में मेरा साथ देने के लिये धन्यवाद देना चाहूंगी। मैं ओलम्पिक खेलों में भाग ले सकूंगी और देश का नाम रोशन करने के लिये और मेहनत करूंगी।
 कैरियर खत्म होने की आशंका निर्मूल
बाक्सिंग इंडिया के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने पत्रकारों से कहा कि प्रतिबंध की अवधि पदक वितरण समारोह यानी एक अक्टूबर 2014 से शुरू होगी। यह बड़ी राहत की बात है क्योंकि उस पर आजीवन प्रतिबंध लगाये जाने और उसका कैरियर खत्म होने की आशंकायें निर्मूल साबित हुईं। अब वह 2016 महिला विश्व चैम्पियनशिप में भाग ले सकेगी जो ओलम्पिक क्वालीफायर भी है। उन्होंने कहा कि वह कलाई की चोट के कारण फरवरी तक वैसे भी नहीं खेल सकेगी। उसके बाद वह सामान्य अभ्यास कर सकती है और प्रतिबंध पूरा होने पर वापसी करेगी।
कोच आहत
महिला मुक्केबाज एल. सरिता देवी पर एक साल का प्रतिबंध लगाए जाने पर मुक्केबाजी कोच अनूप सिंह ने कहा है कि सरिता पर एक साल का प्रतिबंध लगने से उन्हें दुख है लेकिन हम सब आईबा का एक हिस्सा हैं इसलिए आईबा के नियमों से बंधे होने के कारण हमें इसे मानना ही होगा। अनूप ने कहा कि सरिता का रिकार्ड बहुत ही अच्छा रहा है। उन्होंने देश के लिए बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। हम सरिता को तैयार करेंगे। वैसे भी ओलम्पिक में अभी डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त है और सरिता पर एक ही साल का प्रतिबंध है इसलिए वह कमबैक जरूर करेगी। उन्होंने कहा कि सरिता बहुत ही मजबूत इरादों वाली तथा प्रतिभाशाली बॉक्सर है। वह खेल में अपना 100 फीसदी दमखम लगाती है इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह इस प्रतिबंध और सदमे से निकलने के बाद फिर से रिंग में जरूर बड़ी कामयाबी हासिल करेगी।

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