नक्सली हिंसा: पिछले 35 वर्षों में देश में 20 हजार से अधिक लोग मारे गए
देश में नक्सली हिंसा की घटनाओं में पिछले 35 वर्षों के दौरान हर दो दिन में औसतन तीन लोग मारे जा रहे हैं । पिछले 35 वर्षों में नक्सली हिंसा में देश में 20 हजार से अधिक लोग मारे गए जिसमें तीन हजार से अधिक सुरक्षा बल के जवान शामिल हैं।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत गृह मंत्रालय के वामपंथ अतिवाद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1980 से 31 मई 2015 तक देशभर में वामपंथी चरमपंथ से जुड़ी घटनाओं में 3125 सुरक्षा बल शहीद हुए तथा 12177 नागरिक एवं 4768 नक्सली मारे गए। इस तरह से पिछले 35 वर्षों के दौरान नक्सली हिंसा की घटनाओं में कुल 20,060 लोग मारे गए। इसके तहत औसतन हर दो दिन में तीन लोग मारे जा रहे हैं। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसमें वर्ष 1986 में 146 नागरिक एवं सुरक्षा बल मारे गए, लेकिन इनकी अलग-अलग संख्या उपलब्ध नहीं है। एक अन्य आरटीआई के तहत गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले तीन वर्षाें में नक्सली घटनओंं एवं कानून व्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने के लिए पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना के तहत राज्यों को 3038.86 करोड़ रुपये आवंटित किये गए।
इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2012-13 में राज्यों को 300 करोड़ रुपये आवंटित किये गए जबकि वर्ष 2013-14 में प्रदेशों को पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना के तहत 1341.62 करोड़ रुपये और वित्तवर्ष 2014-15 में राज्यों को 1397.24 करोड़ रुपये आवंटित किये गए। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2012-13 से 2014-15 के बीच आंध ्रप्रदेश को पुलिस बल के आधुनिकीकरण की योजना के तहत 161 करोड़ रुपये जारी किये गए जबकि असम को 116 करोड़, बिहार को 120 करोड़ और छत्तीसगढ़ को 73 करोड़ रुपये जारी किये गए। आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य बनने के बाद 2014-15 के लिए इस योजना के तहत राज्य को 68.13 करोड़ रुपये जारी किये गए। पुलिस बल के आधुनिकीकरण की योजना के तहत उत्तर प्रदेश को पिछले तीन वर्षों के दौरान 377 करोड़ रुपये जारी किये गए जबकि गुजरात को 164 करोड़ रुपये, जम्मू-कश्मीर को 228 करोड़, झारखंड को 69 करोड़, कर्नाटक को 200 करोड़, मध्यप्रदेश को 133 करोड़, महाराष्ट्र को 199 करोड़, ओडिशा को 100 करोड़, राजस्थान को 181 करोड़ और तमिलनाडु को 173 करोड़ रुपये जारी किये गए। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, वामपंथ उग्रवाद प्रभावित 10 राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की कवायद के तहत केंद्र सरकार ने 400 पुलिस थानों एवं चौकियोंं को मंजूरी दी है जिसमें से प्रत्येक थाने के लिए 2 करोड़ रुपये आवंटित किये जा रहे हैं। गृह मंत्रालय मिली जानकारी के अनुसार, मंत्रालय वामपंथ उग्रवाद प्रभावित राज्यों में किलेबंद पुलिस थानों के निर्माण एवं उन्हें मजबूत बनाने की योजना को लागू कर रहा है। वामपंथ उग्रवाद प्रभावित इन 10 राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की कवायद के तहत केंद्र सरकार ने 400 पुलिस थानों एवं चौकियोंं को मंजूरी दी है जिसमें से प्रत्येक थाने के लिए 2 करोड़ रुपये आवंटित किये जा रहे हैं। इसमें केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 80:20 है।
देश में नक्सली हिंसा की घटनाओं में पिछले 35 वर्षों के दौरान हर दो दिन में औसतन तीन लोग मारे जा रहे हैं । पिछले 35 वर्षों में नक्सली हिंसा में देश में 20 हजार से अधिक लोग मारे गए जिसमें तीन हजार से अधिक सुरक्षा बल के जवान शामिल हैं।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत गृह मंत्रालय के वामपंथ अतिवाद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1980 से 31 मई 2015 तक देशभर में वामपंथी चरमपंथ से जुड़ी घटनाओं में 3125 सुरक्षा बल शहीद हुए तथा 12177 नागरिक एवं 4768 नक्सली मारे गए। इस तरह से पिछले 35 वर्षों के दौरान नक्सली हिंसा की घटनाओं में कुल 20,060 लोग मारे गए। इसके तहत औसतन हर दो दिन में तीन लोग मारे जा रहे हैं। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसमें वर्ष 1986 में 146 नागरिक एवं सुरक्षा बल मारे गए, लेकिन इनकी अलग-अलग संख्या उपलब्ध नहीं है। एक अन्य आरटीआई के तहत गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले तीन वर्षाें में नक्सली घटनओंं एवं कानून व्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने के लिए पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना के तहत राज्यों को 3038.86 करोड़ रुपये आवंटित किये गए।
इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2012-13 में राज्यों को 300 करोड़ रुपये आवंटित किये गए जबकि वर्ष 2013-14 में प्रदेशों को पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना के तहत 1341.62 करोड़ रुपये और वित्तवर्ष 2014-15 में राज्यों को 1397.24 करोड़ रुपये आवंटित किये गए। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2012-13 से 2014-15 के बीच आंध ्रप्रदेश को पुलिस बल के आधुनिकीकरण की योजना के तहत 161 करोड़ रुपये जारी किये गए जबकि असम को 116 करोड़, बिहार को 120 करोड़ और छत्तीसगढ़ को 73 करोड़ रुपये जारी किये गए। आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना राज्य बनने के बाद 2014-15 के लिए इस योजना के तहत राज्य को 68.13 करोड़ रुपये जारी किये गए। पुलिस बल के आधुनिकीकरण की योजना के तहत उत्तर प्रदेश को पिछले तीन वर्षों के दौरान 377 करोड़ रुपये जारी किये गए जबकि गुजरात को 164 करोड़ रुपये, जम्मू-कश्मीर को 228 करोड़, झारखंड को 69 करोड़, कर्नाटक को 200 करोड़, मध्यप्रदेश को 133 करोड़, महाराष्ट्र को 199 करोड़, ओडिशा को 100 करोड़, राजस्थान को 181 करोड़ और तमिलनाडु को 173 करोड़ रुपये जारी किये गए। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, वामपंथ उग्रवाद प्रभावित 10 राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की कवायद के तहत केंद्र सरकार ने 400 पुलिस थानों एवं चौकियोंं को मंजूरी दी है जिसमें से प्रत्येक थाने के लिए 2 करोड़ रुपये आवंटित किये जा रहे हैं। गृह मंत्रालय मिली जानकारी के अनुसार, मंत्रालय वामपंथ उग्रवाद प्रभावित राज्यों में किलेबंद पुलिस थानों के निर्माण एवं उन्हें मजबूत बनाने की योजना को लागू कर रहा है। वामपंथ उग्रवाद प्रभावित इन 10 राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की कवायद के तहत केंद्र सरकार ने 400 पुलिस थानों एवं चौकियोंं को मंजूरी दी है जिसमें से प्रत्येक थाने के लिए 2 करोड़ रुपये आवंटित किये जा रहे हैं। इसमें केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 80:20 है।
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