अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से विकसित की जाएंगी सुविधाएं: मुख्यमंत्री
कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों की राह साफ
लखनऊ में 400 करोड़ की लागत से बनेगा अन्तरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम
लखनऊ, ब्यूरो, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में खेल सुविधाओं से जुड़े ढांचे को अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने के लिये कृत संकल्प है और उसकी कोशिशें फलीभूत होने के बाद यह राज्य विश्वस्तरीय स्पर्द्धाओं के आयोजन के लिये बेहतर विकल्प बनकर उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों के आयोजन के लिये उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के बीच सहमति पत्र और लखनऊ में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम के निर्माण के लिये विकासकर्ता कम्पनी तथा यूपीसीए के बीच करारनामे के आदान-प्रदान के अवसर पर कहा कि सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश में भी अन्य राज्यों की तरह एक से ज्यादा अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हों। सरकार का प्रयास है कि वह खेलों तथा खेल सुविधाओं के विकास के लिये जितना धन दे सकती है, दे। सरकार की कोशिशों के अमली जामा पहनने के बाद यह राज्य भी अन्तरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्द्धाएं आयोजित करने का बेहतर विकल्प बनकर उभरेगा।
अखिलेश ने कानपुर के ग्रीनपार्क क्रिकेट स्टेडियम का जिक्र करते हुए कहा कि यह मैदान बहुत ऐतिहासिक है लेकिन दुर्भाग्य से उसे उतने मैचों की मेजबानी नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिये थी। इस मैदान पर अन्तरराष्ट्रीय मुकाबलों का फिर से लगातार आयोजन हो, इसके लिये सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग प्रदेश में खेलों से जुड़ें और उसके ढांचे को उन्नत करें। सपा सरकार ने खिलाड़ियों का हमेशा सम्मान किया है। यूपीसीए के सचिव राजीव शुक्ला ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश में जिस तरह के खेल ढांचे के विकास की पिछले 30 सालों से कोशिश की जा रही थी, उस उन्नयन की शुरुआत आज हुई है। वह कोशिश ऐसी शक्ल ले रही है, जिसका फायदा सभी को होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानपुर के अलावा लखनऊ तथा अन्य स्टेडियम अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मानकों पर खरे नहीं उतरते। जब साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग की प्रक्रिया चल रही थी तो उसमें कानपुर को भी शामिल किया गया था। उस पर उद्योगपति मुकेश अम्बानी ने बोली भी लगायी थी। वह मुम्बई पर भी नजर रखे थे। उन्होंने मुम्बई को इसलिये चुना था क्योंकि ग्रीनपार्क में आईपीएल के मुकाबले नहीं हो सकते थे। शुक्ला ने कहा कि उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बताया तो वह ग्रीनपार्क का कायाकल्प करने को राजी हो गये। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से उत्तर प्रदेश में खेल सुविधाओं का विकास अपेक्षानुरूप नहीं हुआ है। जहां दूसरे अपेक्षाकृत छोटे राज्यों में अन्तरराष्ट्रीय मुकाबले खेलने लायक कई स्टेडियम हैं, वहीं उत्तर प्रदेश की स्थिति ठीक उलट है। शुक्ला ने कहा कि ग्रीनपार्क में रोशनी का इंतजाम कर लिया जाए तो वह टेस्ट के साथ-साथ एकदिवसीय और टी-20 मुकाबलों के आयोजन का हकदार हो जाएगा। अगर अक्टूबर 2016 से पहले ऐसा हो जाए तो उसे एक प्रस्तावित लीग के कुछ मुकाबलों की मेजबानी भी मिल सकती है। प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इस मौके पर बताया कि लखनऊ में 400 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण अक्टूबर 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों की राह साफ
लखनऊ में 400 करोड़ की लागत से बनेगा अन्तरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम
लखनऊ, ब्यूरो, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में खेल सुविधाओं से जुड़े ढांचे को अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने के लिये कृत संकल्प है और उसकी कोशिशें फलीभूत होने के बाद यह राज्य विश्वस्तरीय स्पर्द्धाओं के आयोजन के लिये बेहतर विकल्प बनकर उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों के आयोजन के लिये उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के बीच सहमति पत्र और लखनऊ में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम के निर्माण के लिये विकासकर्ता कम्पनी तथा यूपीसीए के बीच करारनामे के आदान-प्रदान के अवसर पर कहा कि सरकार का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश में भी अन्य राज्यों की तरह एक से ज्यादा अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हों। सरकार का प्रयास है कि वह खेलों तथा खेल सुविधाओं के विकास के लिये जितना धन दे सकती है, दे। सरकार की कोशिशों के अमली जामा पहनने के बाद यह राज्य भी अन्तरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्द्धाएं आयोजित करने का बेहतर विकल्प बनकर उभरेगा।
अखिलेश ने कानपुर के ग्रीनपार्क क्रिकेट स्टेडियम का जिक्र करते हुए कहा कि यह मैदान बहुत ऐतिहासिक है लेकिन दुर्भाग्य से उसे उतने मैचों की मेजबानी नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिये थी। इस मैदान पर अन्तरराष्ट्रीय मुकाबलों का फिर से लगातार आयोजन हो, इसके लिये सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग प्रदेश में खेलों से जुड़ें और उसके ढांचे को उन्नत करें। सपा सरकार ने खिलाड़ियों का हमेशा सम्मान किया है। यूपीसीए के सचिव राजीव शुक्ला ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश में जिस तरह के खेल ढांचे के विकास की पिछले 30 सालों से कोशिश की जा रही थी, उस उन्नयन की शुरुआत आज हुई है। वह कोशिश ऐसी शक्ल ले रही है, जिसका फायदा सभी को होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानपुर के अलावा लखनऊ तथा अन्य स्टेडियम अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मानकों पर खरे नहीं उतरते। जब साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग की प्रक्रिया चल रही थी तो उसमें कानपुर को भी शामिल किया गया था। उस पर उद्योगपति मुकेश अम्बानी ने बोली भी लगायी थी। वह मुम्बई पर भी नजर रखे थे। उन्होंने मुम्बई को इसलिये चुना था क्योंकि ग्रीनपार्क में आईपीएल के मुकाबले नहीं हो सकते थे। शुक्ला ने कहा कि उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बताया तो वह ग्रीनपार्क का कायाकल्प करने को राजी हो गये। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से उत्तर प्रदेश में खेल सुविधाओं का विकास अपेक्षानुरूप नहीं हुआ है। जहां दूसरे अपेक्षाकृत छोटे राज्यों में अन्तरराष्ट्रीय मुकाबले खेलने लायक कई स्टेडियम हैं, वहीं उत्तर प्रदेश की स्थिति ठीक उलट है। शुक्ला ने कहा कि ग्रीनपार्क में रोशनी का इंतजाम कर लिया जाए तो वह टेस्ट के साथ-साथ एकदिवसीय और टी-20 मुकाबलों के आयोजन का हकदार हो जाएगा। अगर अक्टूबर 2016 से पहले ऐसा हो जाए तो उसे एक प्रस्तावित लीग के कुछ मुकाबलों की मेजबानी भी मिल सकती है। प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इस मौके पर बताया कि लखनऊ में 400 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण अक्टूबर 2016 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
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