Saturday 20 June 2015

प्रमोद कटारा की जांबाजी को सलाम





कटारा ने किया स्विस बॉल पर धनुरासन
लिम्का बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड्स और इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड्स करेगा प्रमाणित


आगरा। कहते हैं जब नीयत नेक हो और मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो भगवान भी साथ देता है। ऐसा ही कुछ हुआ आगरा के प्रमोद कुमार कटारा के साथ। शारीरिक अक्षमता के बावजूद जांबाज कटारा ने हार नहीं मानी। नित नये रिकॉर्ड बनाना और तोड़ना तो कटारा का शगल बन गया है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से एक दिन पहले प्रमोद कुमार कटारा ने  आगरा के मेहताब बाग में 120 सेंटीमीटर की स्विस बॉल पर संतुलन बनाकर धनुरासन का ऐसा प्रदर्शन किया कि लोग दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गये। प्रमोद कटारा के एक मिनट 30 सेकेण्ड के इस जांबाज प्रदर्शन को लिम्का बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड्स और इण्डिया बुक आॅफ रिकार्ड्स द्वारा प्रमाणित किया जायेगा।
जो लोग प्रमोद कुमार कटारा को जानते हैं, उन्हें सहज विश्वास ही नहीं होता कि यह ऐसे हैरतअंगेज प्रदर्शन भी कर सकते हैं। दरअसल यदि इंसान में हिम्मत और दृढ़ संकल्प हो तो वह अकेले दम हर मुश्किलों पर फतह पा सकता है। प्रमोद कटारा न केवल हिम्मती हैं बल्कि मंजिल को पाने का जुनून उन्हें हर इंसान से अलग साबित कर देता है। आगरा में 15 जनवरी, 1965 को जन्मे प्रमोद कटारा क्रोनिक रूमेटोइड आर्थराइटिस (गठिया) से लम्बे समय से संघर्ष कर रहे हैं बावजूद इसके उनके हौंसले में कोई कमी नजर नहीं आती। कटारा की मंद-मंद मुस्कान इस बात का द्योतक है कि उन्हें अब तो संघर्ष में ही आनंद मिलता है।
बकौल प्रमोद कुमार कटारा 2005 में क्रोनिक रूमेटोइड आर्थराइटिस (गठिया) के कारण मैं कुछ महीने तक अपाहिज हो गया। गठिया से निजात के लिए मैंने लम्बे समय तक दवाओं का सहारा लिया। दवा ही जैसे मेरी जिन्दगी हो गई। लाख जतन के बाद भी मेरी हालत में लेशमात्र भी सुधार नहीं आ रहा था। मैं टूट सा गया, पर हिम्मत हारने से काम नहीं बनने वाला था सो मैंने फैसला लिया की मुझे इस बीमारी से हार नहीं माननी। सच कहूं मैंने हार नहीं मानी और अपने आपको चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए ध्यान और योग गुरुओं की मदद ली। मैंने क्रोनिक रूमेटोइड आर्थराइटिस (गठिया) के दर्द पर काबू पाने की तकनीक सीखी और फिर क्या था मैंने ठान लिया कि मुझे उस मंजिल तक पहुंचना है, जोकि मेरा संकल्प और जुनून है।
प्रमोद कटारा ने न केवल विकलांगता पर फतह हासिल की बल्कि आज उनका फौलादी शरीर रिकॉर्ड मशीन बन चुका है। फिलवक्त 50 साल के प्रमोद कटारा पांच नेशनल और 11 अपने ही पुराने रिकॉर्ड तोड़ने  की कोशिश में लगे हुए हैं। कटारा का यह प्रयास 25 मई, 2015 से अनवरत जारी है जोकि 25 जून तक चलेगा।
प्रमोद कटारा की उपलब्धियां और रिकॉर्ड
1.   ट्रेड मिल पर उल्टा दौड़ना (पांच घण्टे 15 मिनट) 27 मई 2015
2.   बिना किसी सहारे से पैर की उंगलियों पर क्रॉस ट्रेनर चलना (दो घण्टे 05 मिनट) 12 जून, 2015
3. पीठ पर अधिकतम वजन उठाना (दो सौ किलोग्राम) 13 जून, 2015
4. गरदन से अधिकतम वजन उठाना (120 किलोग्राम) 13 जून, 2015
अभी तक- नेशनल रिकॉर्ड एटेम्प्ड का वर्णन (पुराने रिकॉर्ड्स)
1.  120 सेंटीमीटर स्विस बॉल पर संतुलन बनाए रखना (आठ घण्टे 40 मिनट) 31 मई, 2015
2.  दो सेंटीमीटर स्विस बॉल पर पेट के बल लेटकर संतुलन बनाए रखना (एक घण्टा 20 मिनट) 10 जून, 2015
3.  दो सेंटीमीटर स्विस बॉल पर पीठ के बल लेटकर संतुलन बनाए रखना (तीन घण्टे 05 मिनट) 14 जून, 2015
4. एक किलोग्राम वजनी मेडिसिन बॉल को पकड़कर दो सेंटीमीटर स्विस बॉल पर पीठ के बल लेटकर संतुलन बनाए रखना (दो घण्टे 05 मिनट) 16 जून, 2015

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