‘आसमान से गिरा खजूर पर अटका’ यह कहावत दिल्ली सरकार पर शत-प्रतिशत सत्य प्रतीत होती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उप राज्यपाल नजीब जंग के बीच चल रहे टकराव का अभी पटाक्षेप भी नहीं हुआ कि मंगलवार को दिल्ली के कानून मंत्री जीतेन्द्र तोमर फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार कर लिए गये। कहने को आम आदमी पार्टी दिल्लीवासियों को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने आई थी लेकिन जिस तरह उसके कुनबे के लोगों पर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं, उससे तो यही प्रतीत होता है कि आप भी दीगर राजनीतिक दलों से जुदा नहीं है। कानून मंत्री की गिरफ्तारी से आजिज आप के लोग बेशक केन्द्र सरकार पर बदले की भावना से काम करने की तोहमत लगा रहे हों पर जिस तरह धुंआ उठ रहा है, उससे निश्चित ही कहीं न कहीं आग तो लगी ही है। दिल्ली के कानून मंत्री की गिरफ्तारी के बाद आप ने भाजपा के दो मंत्रियों स्मृति ईरानी और रामशंकर कठेरिया के शैक्षिक दस्तावेजों पर भी उंगली उठाई है। भाजपा के इन दोनों मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता पर आप ही नहीं अन्य राजनीतिक दलों को भी गुरेज है। केजरीवाल की ही तरह नरेन्द्र मोदी भी मुल्क की आवाम को पारदर्शी सरकार देने का वादा करके प्रधानमंत्री बने हैं। यदि उनके मंत्रियों पर लोगों को शक है तो इसका पटाक्षेप होना ही चाहिए। केजरीवाल और मोदी सरकार से लोगों को जो अपेक्षाएं थीं, उन्हें पूरा करने में मन लगाने की बजाय एक-दूसरे को नीचा दिखाने की जो कोशिशें हो रही हैं, वह भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार के बीच चल रहे टकराव से राजनीतिज्ञों का बेशक कुछ न बिगड़ रहा हो लेकिन इस तमाशे से आम आवाम अपने आपको ठगा सा महसूस कर रही है। दिल्ली के कानून मंत्री तोमर की डिग्री को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आरएस दुबे भी सही नहीं मान रहे। उन्होंने कहा कि जिस कॉलेज का हवाला तोमर की डिग्री के सम्बन्ध में दिया जा रहा है, उसकी जांच की जायेगी। मंगलवार को एक तरफ कानून मंत्री की गिरफ्तारी हुई तो दूसरी तरफ केजरीवाल ने राज्य के गृह सचिव धर्मपाल का स्थानांतरण कर केन्द्र सरकार को चुनौती दे डाली। केजरीवाल सरकार ने इससे पहले एंटी क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर पद का प्रभार लेने से एमके मीणा को भी रोक दिया था। मीणा को लेकर आप और भाजपा के बीच जिस तरह आरोप-प्रत्यारोप लगाये गये उससे लोकतंत्र ही लजाया है। दिल्ली के कानून मंत्री की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर आग में घी डालने का ही काम किया है। अफसोस जिस मुल्क की अधिकांश आबादी को भरपेट खाना, साफ पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा, शिक्षा आदि के लिए दिन-रात संघर्ष करना पड़ रहा है, उसके ही पालनहार बेशर्मी की इन्तिहा पार कर रहे हैं।
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