Thursday 12 May 2016

उदीयमान धाविका दुती चंद को षड्यंत्र का डर


मैं अपने देश का सम्मान बढ़ाना चाहती हूं
खेलपथ से विशेष बातचीत
उदीयमान धाविका दुती चंद को २०१४ में विवादास्पद लिंग परीक्षण के कारण एक साल तक पीड़ा झेलनी पड़ी और वह इससे इतनी डरी हुई हैं कि उसे अब भी लगता है कि अब भी फंसाकर उसके करियर को बर्बाद किया जा सकता है। दुती ने खेलपथ से विशेष बातचीत में बताया कि अब वह किसी पर विश्वास नहीं कर सकती। दुती ने कहा कि वह इन दिनों लिंग परीक्षण के मामले को लेकर कानूनी प्रक्रिया की जानकारी जुटा रही है।
दो साल पहले दुती का राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना तब चकनाचूर हो गया था जब टेस्टोस्टेरोन (पुरूषों में पाया जाने वाला हार्मोन्स) का स्तर अधिक पाये जाने के कारण उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। दुती ने स्विट्जरलैंड के खेल पंचाट में मामला दर्ज किया जिसने उनकी अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि हार्मोन्स के बढ़े स्तर का प्रदर्शन से कोई स्पष्ट नाता नहीं है।
दुती चंद ने पिछले साल वापसी की और हाल में १०० मीटर में राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा। दुती ने कहा, च्अब मैं किसी पर भरोसा नहीं कर सकती। मुझे डर लगता है कि मुझे फिर से फंसा दिया जाएगा। मेरे बमुश्किल कोई मित्र हैं। उसने कहा, मैं हैदराबाद में साई शिविर में अकेले अभ्यास करने को प्राथमिकता देती हूं। मैं एनआईएस पटियाला में राष्ट्रीय शिविर में अभ्यास नहीं करती।
चार गुणा ४०० मीटर रिले की कुछ सदस्य मुझे पसंद नहीं करतीं। मैं हालांकि एमआर पूवम्मा (४०० मीटर की धाविका) के संपर्क में हूं। फरवरी में दोहा में एशियाई इंडोर में दुती ने ६० मीटर में ७.६८ सेकेंड के साथ राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था। वह ६० मीटर के सेमीफाइनल में पहुंचकर विश्व इंडोर मीट के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट भी बनी थी।
पिछले महीने फेडरेशन कप में १०० मीटर की दौड़ ११.३८ सेकेंड में पूरी करके रचिता मिस्त्री के १६ साल पुराने रिकार्ड को तोड़ने वाली दुती हालांकि ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने से चूक गयी। उसने कहा, इससे मुझे १०० मीटर दौड़ में भाग लेने और रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने के लिये प्रेरणा मिली। बीस वर्षीय दुती को विश्वास है कि वह आगामी टूर्नामेंटों में रियो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने में सफल रहेगी।
दुती ने कहा, मैं बीजिंग में १८ मई को आईएएएफ विश्व चैंलेज, १९ और २० मई को ताइवान ओपन अंतरराष्ट्रीय आमंत्रण मीट और जून में कजाखस्तान ओपन अंतरराष्ट्रीय मीट और फिर फिर किर्गिस्तान में एक प्रतियोगिता में भाग लूंगी। उसने कहा, मैंने हाल में अच्छा प्रदर्शन किया और मुझे ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने का पूरा विश्वास है।
यहां मेरे लिये चुनौती कम थी लेकिन वहां कड़ी चुनौती मिलना तय है। मैं अपनी टाइमिंग में सुधार करके क्वालीफाई करने में सफल रहूंगी। इसके बाद मैं सहज होकर ओलंपिक की तैयारी कर सकती हूं। मैंने १०.९९ सेकेंड को लक्ष्य बनाया है और मैं ओलंपिक में १०० मीटर के फाइनल में पहुंचना चाहती हूं।  दुती ने कहा, मैं अपनी व्यक्तिग स्पर्धा पर ध्यान दूंगी। चार गुणा १०० मीटर में मैं अच्छा समय निकाल रही हूं। मैं अपने देश का सम्मान बढ़ाना चाहती हूं।


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