Friday, 6 May 2016

पानी से डरने वाला दत्तू ओलम्पिक में चलाएगा चप्पू !

जिस शख्स को कभी पानी से डर लगता था। उसने पानी को ही अब अपना लक्ष्य बना लिया है। हम बात कर रहे हैं २४ साल के भारतीय रोवर दत्तू भोकानल की। दत्तू साल २००७ से २००९ तक अपने पिता के साथ खेती करता था और कुआं खोदने में उनकी मदद करता था। २४ साल के भारतीय रोवर दत्तू भोकानल रियो ओलम्पिक में भारत की तरफ से चप्पू चलाएंगे।
दत्तू की जहां तक बात है उसका जीवन बचपन से ही मुश्किलों भरा रहा। इसने पांचवीं कक्षा से ही काम में अपने पिता का हाथ बंटाना शुरु कर दिया था। दत्तू के पिता गांव में कुएं खोदने का काम करते थे। साल २०११ में पिता के निधन के बाद दत्तू ने अपने गांव से १२ किलोमीटर दूर एक पेट्रोल पंप पर काम किया जहां वह चार से पांच हज़ार रुपए महीना कमाता था। दत्तू ने बचपन में एक भी खेल नहीं खेला और वह ग्याहरवीं कक्षा तक ही पढ़ सका। दत्तू तालेगांव से है जो नासिक में है और गंभीर रूप से सूखे से प्रभावित है।
साल २०१२ में दत्तू फ़ौज में भरती हुए और अभी वो १११ इंजीनियरिंग रेजिमेंट में हवलदार हैं।  दत्तू, ६ फुट ४ इंच लंबे हैं और इसी वजह से उन्हें रोइंग में चुना गया। दत्तू ने अपनी ज़िंदगी में सबसे बड़ा जलाशय आर्मी के पुणे स्थित कैंप में देखा। २४ साल की उम्र के ओलंपिक क्वालिफ़ायर को पानी से डर लगता था और इन्हें तैराकी भी नहीं आती थी। ये सब उन्होंने आर्मी में सीखा। वह डूबने से बचने के लिए किनारों पर चलते थे। दत्तू को तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद चप्पू चलाना आया और एक साल बाद पूरी तरह रोइंग करना सीख गए। दत्तू के दो भाई हैं और दत्तू सबसे बड़े हैं। बीच वाला भाई खेती करता है और सबसे छोटा आर्मी में आना चाहता है और रोइंग करना चाहता है। एक जादू की छड़ी मिलने पर दत्तू क्या उससे ओलंपिक मेडल हासिल करना चाहेंगे? दत्तू ने कहा, "मैं बस अपने गांव के लिए पानी मांगूंगा।

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