Tuesday 3 February 2015

अब भूखे पेट नहीं खेलेंगे स्कूली खिलाड़ी


एसजीएफआई: अब खिलाड़ियों को मिलेगी 175 रुपये की डाइट ९ पौष्टिकता से भरपूर होगा भोजन
आगरा। नेशनल प्रतियोगिताओं में खेलने वाले स्कूली खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी। अब उन्हें प्रतियोगिता के दौरान भूखे पेट नहीं खेलना पड़ेगा। अब उन्हें प्रतियोगिता के दौरान भरपेट ही नहीं बल्कि पौष्टिकता से भरपूर भोजन मिलेगा।
  स्कूल गेम्स फेडरेशन आॅफ इंडिया (एसजीएफआई) ने नेशनल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों की भोजन राशि में 50 रुपये का इजाफा कर दिया है। बढ़ी हुई डाइट देश के हर उस खिलाड़ी को मिलेगी, जिसका चयन स्कूली खेलों की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए किया जाएगा।
अभी तक नेशनल खेलों में शामिल होने स्कूली खिलाड़ियों को  125 रुपये की डाइट मिलती थी, जिसे एसजीएफआई ने बढ़ाकर अब 175 रुपये कर दिया है। यह बढ़ी हुई डाइट खिलाड़ियों को चालू खेल सत्र से ही मिलनी थी, पर किन्ही कारणों के चलते इस वर्ष खिलाड़ियों को इसका लाभ नहीं मिल सका, पर अब अगले खेल सत्र से खिलाड़ियों को बढ़ी डाइट की सुविधा मिलने लगेगी। एसजीएफआई इस संबंध में सभी राज्य यूनिटों को पत्र लिख चुकी है।
स्कूल गेम्स फेडरेशन आॅफ इंडिया के महासचिव डॉ. राजेश मिश्रा ने पुष्प सवेरा से हुई एक विशेष बातचीत में बताया कि पहले खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं के दौरान 60 रुपये की डाइट दी जाती थी। फिर इसे बढ़ाकर 125 रुपये कर दिया गया। बढ़ती महंगाई को देखते हुए अब फेडरेशन ने स्कूली नेशनल खेलों के दौरान होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं में खेलने वाले खिलाड़ियों की डाइट बढ़ाकर 175 रुपये कर दी है। इसके लिए  विभिन्न राज्य यूनिटों को पत्र लिखकर अपने यहां से  आने वाले खिलाड़ियों की डाइट के लिए प्रति खिलाड़ी 175 रुपये जमा करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि अब स्कूली खिलाड़ियों को पहले से बेहतर और पौष्टिक डाइट दी जाएगी, जिससे उनके प्रदर्शन में भी सुधार हो। उन्होंने बताया कि इस योजना पर अमल इसी सत्र से  ही होना था, पर एसजीएफआई की राज्य यूनिटों की कुछ परेशानियों के कारण इस खेल सत्र में बढ़ी हुई डाइट खिलाड़ियों को नहीं दी जा सकी।
उन्होंने बताया  कि एसजीएफआई के अगले खेल सत्र से खिलाड़िÞयों को बढ़ी हुई डाइट हर हाल में मिलनी प्रारम्भ हो जाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अच्छी और पौष्टिक डाइट के मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब और मध्य प्रदेश की राज्य यूनिटें काफी बेहतर कर रही हैं।

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