Tuesday 3 February 2015

खेलता ही नहीं, खेलाता भी है आगरा

ताजनगरी से ही संचालित होते हैं राष्ट्रीय स्कूली खेल
राधा बल्लभ इण्टर कॉलेज शाहगंज में है एसजीएफआई का मुख्यालय
आगरा। इंसान की तरह हर शहर की अपनी एक पहचान होती है। आगरा विशेषताओं से भरा शहर है। विश्व के सातवें अजूबे और बेपनाह प्यार की बेमिसाल निशानी ताजमहल के संगमरमरी हुस्न ने जहां देश-दुनिया के सैलानियों को अपना दीवाना बना रखा है, वहीं यहां के लजीज पेठे और पैरों की शान कहे जाने वाले यहां के बने बेहतरीन जूतों का जादू पूरी दुनिया के सिर चढ़कर बोल रहा है। इन सब के अलावा  इस शहर की एक और खासियत है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। स्कूली खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के लिए आगरा शहर ‘स्कूली खेलों के मक्के’ से किसी भी मायने में कम नहीं है। स्कूली गेम्स  फेडरेशन आॅफ इंडिया का मुख्यालय आगरा में वर्ष 2012 में खुला था। तब से उसकी विभिन्न स्कूली खेल गतिविधियां यहीं से संचालित हो रही हैं।
स्कूली खेलों में उत्तर प्रदेश की स्थिति मौजूदा समय में बेशक अव्वल दर्जे की नहीं है, पर स्कूली गेम्स फेडरेशन आॅफ इंडिया (एसजीएफआई) का मुख्यालय आगरा में ही है। शाहगंज के राधा बल्लभ इंटर कॉलेज परिसर स्थित एसजीएफआई के इस  मुख्यालय से ही राष्ट्रीय स्कूली खेल संचालित होते हैं। देश के सभी राज्यों सहित 40 यूनिटों की कमान एसजीएफआई के महासचिव डॉ. राजेश मिश्रा सहित 30 लोगों के हाथों में है। इस कार्यालय में दोपहर दो बजे से रात 10 बजे तक कार्य होता है। ताजनगरी में स्कूली गेम्स फेडरेशन आॅफ इंडिया का मुख्यालय होने के साथ ही साथ सीबीएसई स्पोर्ट्स समिति का कामकाज भी 10 अमरलता कुंज केके नगर से चलता है।
लगभग डेढ़ करोड़ का है बजट
स्कूली खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए एसजीएफआई के पास मौजूदा समय में लगभग डेढ़ करोड़ का बजट है। इसके अलावा स्कूली खेलों की होने वाली विश्व चैम्पियनशिप  में भारत का  प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़िÞयों के दल को एसजीएफआई खेल मंत्रालय के सहयोग से भी आर्थिक सहायता प्रदान करवाता है।
जुड़ी हैं 40 यूनिटें
एसजीएफआई से विभिन्न राज्यों सहित 40 यूनिटें जुड़ी हैं। इनमें असम, आन्ध्र प्रदेश, अंडमान एण्ड निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, दिल्ली, दमन एण्ड दीव, दादर नगर हवेली, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, इंडियरन पब्लिक स्कूल कांफ्रेंस (आईपीएससी), झारखण्ड, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, केन्द्रीय विद्यालय संगठन, लक्षद्वीप, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नवोदय विद्यालय समिति, नागालैण्ड, ओडीसा, पाण्डचेरी, पंजाब,राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, विद्या भारती, वेस्ट बंगाल और सीबीएसई स्पोर्ट्स समिति शामिल है। सीबीएसई स्पोर्ट्स समिति का कार्यालय भी आगरा में है।
इस कारण अपडेट नहीं हुई पदक तालिका
एसजीएफआई राष्ट्रीय स्कूली खेलों के दौरान पदक तालिका जारी करने में हमेशा अव्वल रहता है। जो यूनिट जितने पदक जीतती रहती है उसकी अपडेट जानकारी एसजीएफआई की वेबसाइट पर उपलब्ध रहती है, पर चालू स्कूली खेल सत्र के दौरान एसजीएफआई ने इस बार जानबूझ-कर पदक तालिका जारी नहीं की है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि एसजीएफआई को लग रहा है कि अगर अपडेट पदक तालिका जारी कर दी गई तो, टॉप-4 राज्यों की सूची में अपना स्थान बनाने के लिए जिन यूनिटों को राष्ट्रीय स्कूल खेलों की मेजबानी मिली है और जहां स्कूली राष्ट्रीय खेल अभी होने बाकी हैं, वह खेलों में बेईमानी भी करवा सकते हैं। बताते चलें कि एसजीएफआई टॉप-4 की सूची में रहने वाली यूनिटों को सम्मानित करता है। दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब सहित कुछ अन्य यूनिटों में टॉप-4 में आने की होड़ लगी रहती है। ऐसे में अगर एसजीएफआई पदक तालिका को अपडेट करता रहता, तो जिन राज्यों में अभी स्कूली राष्ट्रीय खेलों की विभिन्न प्रतियोगिताएं होनी हैं, वह पदक तालिका में खुद को पिछड़Þते हुए देखकर अपने स्टेट के खिलाड़िÞयों को जिताने के लिए  अनुचित तरीकों का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे स्कूली खेलों की शुचिता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा प्रभावित होगी। ऐसे में एसजीएफआई की 15 फरवरी के आसपास अपडेट पदक तालिका जारी करने की योजना है।  
पिछले साल टॉप टेन मेडलिस्ट में ये राज्य रहे  
पिछले वर्ष सम्पन्न हुए स्कूली खेल सत्र 2013-14  में दिल्ली 354 गोल्ड सहित कुल 614 पदक अपनी झोली में डालकर टॉप टेन की सूची में पहले स्थान पर रही। महाराष्ट्र दूसरे, हरियाणा तीसरे, पंजाब चौथे, केरल पांचवें, मणिपुर छठवें, तमिलनाडु सातवें, मध्यप्रदेश आठवें, उत्तर प्रदेश नौवें और गुजरात दसवें स्थान पर रहा।   

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