Saturday 23 August 2014

खेलों में प्रतिभा नहीं गॉड फादर जरूरी

एशियाई खेलों की चयन ट्रायल में हुआ गड़बड़झाला
56 में से 19 खिलाड़ी ही छू सके निर्धारित मानक लक्ष्य
आगरा। खेलों में आपके पास कितनी भी प्रतिभा क्यों न हो यदि आपका कोई गॉड फादर नहीं है तो देश के लिए खेलना बेहद मुश्किल काम है। अगले महीने दक्षिण कोरिया के इंचियोन में होने जा रहे एशियाई खेलों के खिलाड़ी चयन ट्रायल में एथलेटिक्स फेडरेशन आॅफ इण्डिया ने अपने ही बनाए नियम-कायदों का तमाशा बना दिया। जिन 56 महिला-पुरुष खिलाड़ियों का चयन किया गया है उनमें कुछ जहां अनफिट हैं वहीं सिर्फ 19 खिलाड़ी ही एशियाई खेलों के मानक लक्ष्य को छू सके हैं। चयन में उन प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की अनदेखी की गई है जिनका चयन समिति में कोई माई-बाप नहीं था। आगरा जिले का पिनाहट निवासी उदीयमान लांग जम्पर अंकित शर्मा भी अपनी उपेक्षा से आहत है।
एशियाई खेलों की 56 सदस्यीय भारतीय एथलेटिक्स टीम में 26 पुरुष और 30 महिला एथलीट शामिल हैं। हाल ही पटियाला में सम्पन्न फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में सात पुरुष और 12 महिला एथलीट ही एशियाई खेलों के मानक स्तर को छू पाये बावजूद चयन मण्डली ने 56 खिलाड़ियों को इंचियोन ले जाने की तैयारी कर ली है। अब सवाल यह उठता है कि यदि इसी तरह चयन करना था तो फिर चोचलेबाजी क्यों की गई? एएफआई लाख पारदर्शिता और खिलाड़ियों के पिछले प्रदर्शन की दुहाई दे पर जो कुछ हुआ उसमें संदेह जरूर है। चयन समिति का कहना है कि उसने टीम चयन करने से पहले कई बातों को ध्यान में रखा जिनमें राष्ट्रमंडल खेल 2014 में कुछ एथलीटों का लचर प्रदर्शन और शीर्ष एथलीटों की वर्तमान फार्म और फेडरेशन कप का प्रदर्शन शामिल है। दरअसल, फेडरेशन ने चयन में पिछले छह माह के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पैमाना बनाया था लेकिन यह कुचेष्टा कुछ खिलाड़ियों को उपकृत करने का ही नाटक था। यदि नियमों का इसी तरह चीरहरण करना था तो  चयन समिति के सदस्यों जीएस रंधावा, शाइनी विल्सन, मेर्सी कुट्टन, जेएस सैनी, बहादुर सिंह, राधाकृष्णनन आदि को उन खिलाड़ियों का चयन जरूर करना था जिन्होंने पटियाला में स्वर्णिम सफलता हासिल की है।
एशियाई खेलों की टीम इस प्रकार है-
 पुरुष:- 400 मीटर: के. मोहम्मद, अरोकिया राजीव, 800 मीटर: सजीश जोसेफ, 5000 मीटर: खेता राम, सुरेश कुमार पटेल, 10000 मीटर: राहुल कुमार पाल, 3000 मीटर स्टीपलचेज: नवीन कुमार, 110 मीटर बाधा दौड़: जितिन पाल, जोसेफ अब््रााहम, ऊंची कूद : निखिल चित्रांसु, त्रिकूद: अरपिंदर सिंह, रंजीत माहेश्वरी, गोला फेंक: इंदरजीत, ओमप्रकाश करहाना, चक्का फेंक: विकास गौड़ा, तार गोला फेंक : चंद्रोदय नारायण सिंह, भाला फेंक: राजिंदर सिंह, 20 किमी पैदल चाल: केटी इरफान, के गणपति, 50 किलोमीटर पैदल चाल: संदीप कुमार, बसंत बहादुर राणा, चार गुणा 400 मीटर रिले: के मोहम्मद, अरोकिया राजीव, जिबिन सेबेस्टियन, केजे अरुण, जितु बेबी, संदीप।
महिला:- 100 मीटर: शारदा नारायण, 200 मीटर: आशा राय, श्रावणी नंदा, 400 मीटर: एमआर पूवम्मा, 800 मीटर: टिंटु लुका, सुषमा देवी, 1500 मीटर: ओपी जैशा, सिनी ए मार्कोस, 5000 मीटर: ओपी जैशा, प्रीजा श्रीधरन, 10000 मीटर: प्रीजा श्रीधरन, 3000 मीटर स्टीपलचेज: ललिता बब्बर, सुधा सिंह, 400 मीटर बाधा दौड़: अश्विनी अकुंजी, ऊंची कूद: सहाना कुमारी, लम्बी कूद: एमए प्रजूषा, मयूखा जानी, त्रिकूद: एमए प्रजूषा, मयूखा जानी, चक्का फेंक: सीमा पूनिया, कृष्णा पूनिया, तार गोला फेंक: मंजू बाला, भाला फेंक: अनु रानी, हेप्टाथलान: सुष्मिता सिंघा राय, स्वप्ना बर्मन, 20 किलोमीटर पैदल चाल: खुशबीर कौर, चार गुणा 100 मीटर रिले: श्रावणी नंदा, आशा राय, मर्लिन के जोसेफ, सिनी एस, शांतनी वी, एचएम ज्योति, चार गुणा 400 मीटर रिले: एमआर पूवम्मा, प्रियंका पवार, देबाश्री मजूमदार, मनदीप कौर, अश्विनी अकुंजी, आर्या सी।
केवल इन्होंने ही छुआ क्वालीफाइंग मार्क
पुरुष: सिद्धनाथ थिंगल्या, निखिल चित्रांसु, अरपिन्दर सिंह, इन्द्रजीत सिंह, राजिन्दर सिंह, खेता राम, सुरेश कुमार पटेल, (विकास गौड़ा का चयन राष्ट्रमण्डल खेलों के प्रदर्शन के आधार पर हुआ।)
महिला: आशा राय, एमआर पूवम्मा, टिंटू लुका, सुषमा देवी, ओपी जायशा,  सिनी ए मार्कोस, ललिता बब्बर, सुधा सिंह, सहाना कुमारी, एमए प्रजूषा, मंजू बाला, अन्नू रानी। (सीमा पूनिया का चयन राष्ट्रमण्डल खेलों के प्रदर्शन के आधार पर हुआ।)
...फिर अंकित शर्मा का चयन क्यों नहीं?
एएफआई  का देश के उदीयमान लांग जम्पर आगरा जिले के अंकित शर्मा का चयन न किया जाना हैरानी भरा फैसला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीत चुके 22 वर्षीय अंकित की सर्वश्रेष्ठ जम्प 7.91 मीटर है जोकि उसने पटियाला में ही 25 अप्रैल, 2013 को लगाई थी। इस साल की बात करें तो अंकित ने लखनऊ में छह जून, 2014 को 7.66 मीटर छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीता था। पटियाला में भी उसने स्वर्णिम छलांग लगाई बावजूद उसका चयन नहीं किया जाना खेलों में बड़े गड़बड़झाले की ओर इशारा करता है। लम्बीकूद में एशियाई खेलों का मानक 7.63 मीटर निर्धारित किया गया था।   

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