Sunday, 6 July 2014

हमारे पहलवान, कितने बलवान

आगरा। स्काटलैण्ड के शहर ग्लासगो में 23 जुलाई से तीन अगस्त तक होने जा रहे 20वें राष्ट्रमण्डल खेलों में भारतीय प्रदर्शन को लेकर चर्चाएं सरगर्म हैं। 2010 में हुए दिल्ली राष्ट्रमण्डल खेलों में भारत ने पदकों का शतक (101) लगाया था जिसमें सर्वाधिक 30 पदक निशानेबाजों तथा 19 पदक पहलवानों ने दिलाए थे। इस बार भी भारतीय पहलवानों से काफी उम्मीदें हैं। पहलवानों और प्रशिक्षकों की कही सच मानें तो इस मर्तबा भारतीय महिला और पुरुष पहलवान 9-10 स्वर्ण पदक जीत सकते हैं।
दिल्ली राष्ट्रमण्डल खेलों में भारतीय पुरुष और महिला पहलवानों ने 10 स्वर्ण पदक जीते थे जिसमें सात स्वर्ण पुरुष और तीन स्वर्ण पदक महिला पहलवानों ने दिलाए थे। भारत को इन पदकों में चार स्वर्ण ग्रीको रोमन स्पर्धा में भी मिले थे जोकि इस बार प्रतियोगिता में शामिल नहीं है। ग्लासगो में सात पुरुष और सात ही महिला पहलवान फ्रीस्टाइल वर्ग में दांव-पेंच दिखाएंगे। इन पहलवानों में खेल रत्न और ओलम्पिक पदकधारी सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त और अर्जुन अवॉर्डी नवजोत कौर भी शामिल हैं। महिला पहलवानों की जहां तक बात है ग्लासगो जाने वाली टीम में दिल्ली राष्ट्रमण्डल खेलों की रजत पदक विजेता बबिता कुमारी ही स्थान बना सकी हैं। दिल्ली में महिला पहलवानों ने तीन स्वर्ण, दो रजत तथा एक कांस्य पदक जीता था।
महिला पहलवानों से चार स्वर्ण की उम्मीद: कृपाशंकर पटेल
अर्जुन अवॉर्डी व महिला टीम के प्रशिक्षक कृपाशंकर पटेल ने पुष्प सवेरा से बातचीत में बताया कि ग्लासगो में विनेश फोगाट, बबिता कुमारी, साक्षी मलिक और दीपिका जाखड़ से उन्हें स्वर्ण पदक का भरोसा है लेकिन यह सब खिलाड़ियों की मानसिकता तथा उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।   पटेल ने कहा कि इस बार हर महिला पहलवान कोई न कोई पदक जरूर जीतेगी। श्री पटेल ने कहा कि ओवरआॅल पहलवानों की बात करें तो इस बार भारतीय पहलवान नौ से 10 स्वर्ण पदक सहित 12-13 पदक जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार ग्रीको रोमन स्पर्धा नहीं होने से पदकों में कमी जरूर आएगी।
सातों स्वर्ण भारत की झोली में आएंगे: अमित दहिया
सुबह-शाम जमकर अभ्यास चल रहा है। तैयारियां मुकम्मल हैं और हम स्काटलैण्ड के शहर ग्लासगो में होने जा रहे राष्ट्रमण्डल खेलों में दिल्ली के प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ देंगे। उम्मीद है कि हमारे सभी साथी पहलवान स्वर्णिम सफलता हासिल कर देश का नाम जरूर रोशन करेंगे। 2013 के विश्व चैम्पियन पहलवान अमित दहिया का कहना है कि इस बार सातों पुरुष पहलवान स्वर्ण पदक जीतने का माद्दा रखते हैं।
राजस्थान में पहलवानों की कद्र नहीं: राहुल
प्रदेश स्तर पर पहलवानी में जौहर दिखा चुके राहुल गद्री का कहना है कि राजस्थान में पहलवानों की कोई कद्र नहीं है। कभी अमित कुमार के साथ छत्रसाल अखाड़े में दांव-पेंच दिखा चुके इस होनहार पहलवान का कहना है कि वह भी देश के लिए ओलम्पिक में पदक जीतना चाहता है लेकिन राजस्थान में अभी तक खेल संस्कृति के विकास की तरफ किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले इस होनहार को भरोसा है कि ग्लासगो में भारतीय पहलवान नायाब प्रदर्शन करेंगे।
ग्लासगो जाने वाले पुरुष पहलवान
अमित दहिया (57 किलोग्राम), बजरंग पूनिया (61 किलोग्राम), योगेश्वर दत्त (65 किलोग्राम), सुशील कुमार (74 किलोग्राम), पवन कुमार (86 किलोग्राम), सत्यव्रत (97 किलोग्राम), राजेश तोमर (120 किलोग्राम).
ग्लासगो जाने वाली महिला पहलवान
विनेश फोगाट (48 किलोग्राम), ललिता (53 किलोग्राम), बबिता कुमारी (55 किलोग्राम), साक्षी मलिक (58 किलोग्राम), दीपिका जाखड़ (63 किलोग्राम), नवजोत कौर (69 किलोग्राम), ज्योति (75 किलोग्राम).


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