Tuesday 15 July 2014

उम्मीद हम अच्छा करेंगे, मेहनत रंग लाएगी: गीतिका

ग्लासगो राष्ट्रमण्डल खेल: भारतीय महिला पहलवानों के सामने कनाडा, नाइजीरिया और कैमरून की चुनौती
भारतीय पहलवान 22 जुलाई को ग्लासगो रवाना होंगे, 29 से दिखाएंगे दांव-पेंच
हर प्रतिद्वन्द्वी के खिलाफ होगी अलग रणनीति: ज्योति
आगरा। राष्ट्रमण्डल खेल बड़ी स्पर्धा है, इसमें एक से बढ़कर एक बेजोड़ महिला पहलवान शिरकत करेंगी पर भारतीय पहलवानों को कनाडा, नाइजीरिया और कैमरून से कड़ी चुनौती मिल सकती है, यह कहना है भारतीय महिला पहलवान गीतिका जाखड़ और ज्योति लोहिया का।
देश की पहली अर्जुन अवॉर्डी महिला पहलवान और दोहा एशियन खेल 2006 की रजत पदक विजेता गीतिका जाखड़ ने पुष्प सवेरा से हुई विशेष बातचीत में बताया कि भारतीय महिला पहलवान फिलहाल सुबह-शाम कड़ा अभ्यास कर रही हैं। भारतीय पहलवानों को शारीरिक दमखम के साथ तकनीकी पहलुओं पर भी दक्ष किया जा रहा है। राष्ट्रमण्डल खेल बड़ी स्पर्धा है। दुनिया के 71 देश इसमें शिरकत कर रहे हैं पर भारतीय पहलवानों के सामने कनाडा, नाइजीरिया और कैमरून की महिला पहलवान विशेष चुनौती साबित हो सकती हैं। हरियाणा की पुलिस आॅफिसर गीतिका ने बताया कि हम लोग प्रतिद्वन्द्वी पहलवानों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी देख रहे हैं ताकि उनकी खूबियों और कमजोरियों का तोड़ निकालने के साथ उन्हें आसानी से शिकस्त दी जा सके। खिलाड़ी पिता की खिलाड़ी बेटी गीतिका को भरोसा है कि ग्लासगो में भारतीय महिला पहलवान बेहतर प्रदर्शन करेंगी। फिलहाल सभी पहलवानों का मनोबल काफी ऊंचा है।
23 जुलाई से स्काटलैण्ड के ग्लासगो शहर में होने जा रहे 20वें राष्ट्रमण्डल खेलों में सात महिला पहलवान विनेश फोगाट, ललिता, बबिता कुमारी, साक्षी मलिक, गीतिका जाखड़, नवजोत कौर और ज्योति लोहिया विभिन्न वजन वर्गों में दांव-पेंच दिखाएंगी। भारतीय पहलवान 22 जुलाई को ग्लासगो की उड़ान भरेंगी जबकि 29 जुलाई से पदक के लिए मशक्कत करेंगी। विरासत में मिली पहलवानी को नया आयाम देने का संकल्प ले चुकी दिल्ली पुलिस की जांबाज ज्योति लोहिया का कहना है कि हमारी तैयारियां मुकम्मल हैं। सभी भारतीय पहलवानों को पता है कि स्वर्णिम सफलता के लिए ग्लासगो में फौलादी प्रदर्शन करना होगा। हम लोग प्रत्येक देश के खिलाफ अलग-अलग रणनीति के साथ उतरेंगे। सफलता के लिए सिर्फ दमखम से ही काम नहीं चलना सो हम लोग प्रतिद्वन्द्वियों को पछाड़ने के लिए रणनीतिक तैयारी भी कर रहे हैं। ज्योति का कहना है कि भारतीय महिला पहलवान ग्लासगो में दिल्ली से बेहतर प्रदर्शन करेंगी। सभी पहलवानों को पता है कि राष्ट्रमण्डल खेल एशियाई खेलों के लिए बेहतर मंच साबित होंगे लिहाजा कोई भी पहलवान किसी भी मुकाबले को हल्के से नहीं लेना चाहेगी।
सभी महिला पहलवान फिट
प्रशिक्षक कृपाशंकर विश्नोई  का कहना है कि सभी महिला पहलवान फिट हैं। सुबह-शाम कड़ा प्रशिक्षण चल रहा है। उम्मीद है कि भारतीय पहलवान ग्लासगो में हर वजन वर्ग में कोई न कोई पदक जरूर जीतेंगी। इनमें चार स्वर्ण पदक भारत की झोली में आ सकते हैं। प्रशिक्षक कृपाशंकर का कहना है कि ज्योति के सामने कुछ विभागीय अड़चनें थीं जिनका निराकरण हो गया है। वह कड़ा अभ्यास कर रही है। श्री विश्नोई को उम्मीद है कि ग्लासगो में विनेश फोगाट, बबिता कुमारी, साक्षी मलिक और गीतिका जाखड़ स्वर्णिम सफलता दिला सकती हैं।
पापा की उम्मीदों को अवश्य पूरा करूंगी: गीतिका
अपने जमाने के नेशनल एथलीट और हिसार में शारीरिक प्राध्यापक की पुलिस आॅफिसर बेटी गीतिका जाखड़ का कहना है कि वह ग्लासगो में स्वर्ण पदक जीतकर अपने पापा की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहती है। वह दिन-रात अथक परिश्रम कर रही है क्योंकि मम्मी-पापा चाहते हैं कि मैं राष्ट्रमण्डल और एशियाई खेलों में स्वर्णिम सफलता हासिल करूं। गीतिका के एकमात्र भाई का रुझान खेलों में कम है, वह एम-टेक कर रहा है।
पापा को देखकर बनी पहलवान: ज्योति
दिल्ली पुलिस में कार्यरत ज्योति लोहिया का कहना है कि पहलवानी का शौक उसे अपने पहलवान पिता को देखकर हुआ। ज्योति के चार बहन और एक भाई है। भाई वेटलिफ्टर है। ज्योति को भरोसा है कि ग्लासगो में वह अच्छा प्रदर्शन कर अपने मुल्क को अवश्य गौरवान्वित करेगी। ज्योति का कहना है कि हमारे प्रशिक्षक हर प्रतिद्वन्द्वी के खिलाफ अलग-अलग रणनीति बना और बता रहे हैं। ज्योति का कहना है कि सभी महिला पहलवानों का मनोबल ऊंचा है।

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