Thursday 30 October 2014

पालने में पूत के पांव

होनहार बिरवान के होत चीकने पात यह कहावत सीकर के उदीयमान क्रिकेटर आदित्य गढ़वाल पर शत-प्रतिशत सही साबित होती है। क्रिकेट सितारे आदित्य ने वीनू मांकड क्रिकेट प्रतियोगिता में बेशक ताबड़तोड़ रन बनाए हों पर उसके पैर जमीन पर हैं। उसकी हसरत टीम इण्डिया से खेलने की है। सीधे बल्ले से खेलने वाले इस होनहार क्रिकेटर को हर कोई भविष्य का बड़ा खिलाड़ी मान रहा है तो बड़ी-बड़ी कम्पनियां उसे आॅफर दे रही हैं, पर यह होनहार अपने लक्ष्य से भटकने को कतई तैयार नहीं है।
आॅफरों की बारिश, लेकिन सपना इंडिया टीम का
 वीनू मांकड राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता में रनों की झड़ी लगाने वाले राजस्थान अंडर 19 टीम के कप्तान आदित्य गढ़वाल के पास रातोंरात आॅफरों की बारिश शुरू हो गई है। गढ़वाल का कहना है कि यह जुनून यहीं समाप्त नहीं होगा, मेरा सपना हिन्दुस्तान की टीम से खेलना है। हालांकि अभी तक गढ़वाल ने किसी भी कम्पनी के आॅफर को नहीं स्वीकारा है। खुशी के इस मौके पर संघर्षों के दिनों को याद करते हुए परिजन कभी भावुक तो कभी खुश नजर आए।
संघर्षों की राह
संघर्ष से ही व्यक्ति को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। आदित्य की मां सविता गढ़वाल व कोच हितेन्द्र सहारण ने बताया कि पिछले वर्ष इसी प्रतियोगिता में वह अच्छा नहीं कर सका। आदित्य खेल छोड़ना चाहते थे, फिर सभी ने धैर्य रखने को कहा।
बढ़ाया मान
एचजी क्रिकेट एकेडमी की ओर से भी गढ़वाल का स्वागत किया गया। पत्रकार वार्ता में आदित्य के पिता नरेन्द्र ने बताया कि निश्चित तौर पर आदित्य ने शेखावाटी का मान बढ़ाया है। उनका खिलाड़ियों को तराशने का अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सीकर में एकेडमी का निर्माण हो चुका है। जल्द ही उसका औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा। इस मौके पर आरसीए पदाधिकारी विमल शर्मा, शक्ति सिंह, कोच हितेन्द्र सहारण, उन्नयन समिति के चेयरमैन महेन्द्र काजला, भारतीय स्कूल के आरपी ढाका, कॉमर्स कॉलेज जयपुर के छात्रसंघ अध्यक्ष पंकज चाहर सहित कई खिलाड़ी मौजूद रहे।
संघर्षाें से मिटा कलंक
जिला क्रिकेट उन्नयन समिति के अध्यक्ष महेन्द्र काजला ने बताया कि आदित्य के संघर्षों और उसके परिजनों के समर्पण के दम पर सीकर को यह बड़ी उपलब्घि मिली है। उन्होंने डीसीए की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि शेखावाटी में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। यदि जिला क्रिकेट संघ खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करे तो कई खिलाड़ी आगे आ सकते हैं।
बचपन से ही दिवाना
आदित्य के पिता नरेन्द्र गढ़वाल बताते हैं कि वे भी अन्तरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनना चाहते थे, लेकिन सफल नहीं हो सके। मन में जिद घर कर गई कि बेटे को जरूर बनाऊंगा क्रिकेटर। इसके बाद आदित्य के सात-आठ वर्ष की उम्र में वह प्रतिदिन क्रिकेट खेलाते थे। एक दिन घर पर अभ्यास के दौरान आदित्य आउट ही नहीं हुआ तो उन्होंने सोच लिया कि वह एक दिन जरूर सीकर का नाम रोशन करेगा।
18 में बना डाला ‘महा रिकॉर्ड’
क्रिकेट में यह पहला मौका है, जब किसी बैट्समैन ने 50 ओवर के मैच (दो मैच) में लगातार दो दिन में 459 रन ठोक दिए। यह कारनामा राजस्थान के 18 साल के आदित्य गढ़वाल ने किया है।  सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड आदित्य ने रेलवे के खिलाफ मैच में नॉटआउट 263 रन (151 गेंद, 18 छक्के, 22 चौके) ठोक कर बनाया। वहीं मध्य प्रदेश के खिलाफ उसके बल्ले से 196 रन (137 गेंद, 7 छक्के, 19 चौके) बरसे। नम्बर तीन पर खेलने वाले आदित्य दो दिन में दो डबल सेंचुरी बनाने के अनोखे रिकॉर्ड से भले ही चूक गए हों, लेकिन उन्होंने जितने रन बटोरे वह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
पैरेंट्स का सपोर्ट आया काम
आदित्य को उनके इंजीनियर पिता और लेक्चरर मां का पूरा सपोर्ट मिल रहा है। आदित्य के लिए पिता हरेन्द्र गढ़वाल ने आदित्य का रुझान देखकर उन्हें न सिर्फ क्रिकेट खेलने की छूट दी, बल्कि कदम-कदम पर उसका साथ भी निभा रहे हैं।
अपने ही रिकॉर्ड पर हैरत
आदित्य के अनुसार, ‘मैंने सोचा नहीं था कि इतने रन बना पाऊंगा। पिछले दो दिन के अपने रिकॉर्ड के बारे में जानकर हैरानी और खुशी होती है कि यह मैंने किया है। मुझे अभी लम्बा सफर तय करना है और यह सफर मैं जमीन पर पांव रख कर ही तय कर पाऊंगा।’
करियर का बेस्ट गिफ्ट
आदित्य की इस शानदार बैटिंग के लिए उन्हें टीम इंडिया के ताबड़तोड़ बल्लेबाज सुरेश रैना ने अपने आॅटोग्राफ वाला बैट गिफ्ट में दिया। अपनी खुशी जाहिर करते हुए आदित्य ने कहा, ‘मुझे यकीन नहीं हो रहा कि सुरेश रैना ने मेरे लिए बैट भेजा है। अभी तक के मेरे करियर में ये मेरा सबसे अच्छा गिफ्ट है।’ पूर्व विकेटकीपर सदानंद विश्वनाथ ने कहा कि उसकी तकनीक अच्छी है और यह सीधे बल्ले से खेलता है। उसका भविष्य उज्ज्वल है।
भावुकता भरी कहानी
आदित्य के कोच हितेन्द्र सहारण का कहना है कि हर व्यक्ति में प्रतिभा छिपी होती है। आदित्य की प्रतिभा निखारने के लिए  घर पर ही एकेडमी शुरू की। पिच बनाने को रोलर नहीं था और आदित्य की जिद थी कि वह टर्फ विकेट पर ही खेलेगा। फिर क्या था उसकी जिद को ध्यान में रखते हुए गैस सिलेण्डर को ही रोलर बनाकर दोनों ने पिच बना दी। आदित्य ने जीतोड़ मेहनत की और उसी वर्ष आरसीए की प्रतियोगिताओं में उसका चयन हो गया। वह राजनीति का शिकार भी हुआ लेकिन प्रतिभा के दम पर सभी स्थितियां अनुकूल हो गर्इं।
घर में जश्न
आदित्य के जाट कॉलोनी स्थित आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। आदित्य के पिता इंजीनियर नरेन्द्र गढ़वाल अजमेर डिस्कॉम की विजिलेंस विंग में अधिशासी अभियंता हैं। जबकि मम्मी सविता गढ़वाल एसके कॉलेज में रसायन शास्त्र की व्याख्याता हैं। आदित्य की प्रतिभा पर शहर विधायक रतन जलधारी, भाजपा नेता बाबूसिंह बाजौर, दशरथ सिंह शेखावत, ऋषिकेश ओला, संयोग भंवरिया, संतोष मूण्ड, कोच मोहम्मद असलम, अंशु जैन, घासीराम बागड़िया, चौधरी हुकुम सिंह गढ़वाल, महेन्द्र काजला व ओमप्रकाश महला सहित कई खिलाडियों ने खुशी जताई है।
शेखावाटी के लिए खास बात
शेखावाटी ने क्रिकेट को छोड़कर सभी खेलों में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए हैं। आदित्य के घरेलू मैचों में चमकने और कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराने से यह दाग भी शेखावाटी के माथे से धुल गया है। अब इंतजार है शेखावाटी के खेलप्रेमियों को आदित्य के भारतीय टीम शामिल होने का।
यह बोले क्रिकेट के सितारे
आदित्य के पांच मैचों में 38 छक्के व 68 चौके लगाने के रिकॉर्ड पर क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग ने कहा कि यह खिलाड़ी एक दिन भारतीय टीम का सितारा होगा। वहीं सुरेश रैना ने कहा कि यह सीधा खेलता है जो अच्छी बात है। वहीं पूर्व विकेटकीपर सदानंद विश्वनाथ ने कहा कि गढ़वाल में मैने एक अच्छे क्रिकेट खिलाड़ी को देखा है। उन्होंने कहा कि उसे ताबड़तोड़ क्रिकेट के बजाय 50 ओवर वाले मैचों पर ही फोकस करना चाहिए। 

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