Tuesday 21 October 2014

टैरी वाल्श ने दिया इस्तीफा, आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू



नरिन्दर बत्रा और साइ निदेशक के मनमुटाव से देश की साख को आई आंच
      दिल्ली। भारतीय हॉकी को मंगलवार को करारा झटका लगा जब उसके मुख्य कोच टैरी वाल्श ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के साथ वेतन विवाद के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। भारत को इंचियोन में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक दिलाने के महज तीन हफ्ते में आस्ट्रेलिया के इस कोच ने यह हैरानी भरा कदम उठाया है।
      स्वयं स्टार ओलम्पियन रहे आस्ट्रेलिया के 60 वर्षीय वाल्श ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि उन्हें देश में खेल नौकरशाही के फैसले करने की शैली से सामंजस्य बिठाने में दिक्कत आ रही है। उनका अनुबंध 2016 रियो ओलम्पिक तक था। वाल्श के इस्तीफे के तुरंत बाद हालांकि खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि वह इस मुद्दे का हल ढूंढ़ रहे हैं और उन्होंने साइ से अगले 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। इस बीच वाल्श के इस्तीफे के बाद हॉकी इंडिया और साइ के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
      हाकी इण्डिया ने कहा है कि वेतन भुगतान और नौकरशाही के कारण वाल्श को पद छोड़ना पड़ा वहीं साइ ने इस दावे को बकवास बताते हुए कहा है कि आस्ट्रेलियाई कोच ने कभी किसी वित्तीय मुद्दे को लेकर शिकायत नहीं की। वाल्श ने 19 अक्टूबर को जीजी थामसन को भेजे पत्र में कहा, मैं भारतीय पुरुष हाकी टीम के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा देता हूं जो मेरे अनुबंध की शर्तों या सभी संबंधित पक्षों की सहमति से प्रभावी होगा।  इस पत्र को बाद में मीडिया को जारी किया गया।    
 भारत ने वाल्श के मार्गदर्शन में ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भी रजत पदक जीता था। वाल्श ने कहा, मुझे भारत में खेल नौकरशाही के फैसले करने की शैली से सामंजस्य बिठाने में काफी मुश्किल हो रही है। मुझे लगता है कि यह लम्बे समय में भारतीय हॉकी या उसके खिलाड़ियों के सर्वश्रेष्ठ हितों में नहीं है।
      वाल्श ने कहा, नौकरशाही की इन सीमाओं में पेशेवर तौर पर काम नहीं कर पाने की मेरी मुश्किल के अलावा मैं आस्ट्रेलिया में अपने परिवार से लगातार इतने अधिक समय तक दूर नहीं रहना चाहता। मेरी मौजूदा प्रतिबद्धता मेरे निजी जीवन पर काफी तनाव डाल रही है।
      वाल्श ने हालांकि कहा कि अगर उन्हें उनकी शर्तों पर नया अनुबंध दिया जाता है तो वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को तैयार हैं। पता चला है कि वाल्श और कुछ अन्य सहायक स्टाफ को अपने वेतन से टीडीएस काटे जाने को लेकर सरकार से कोई परेशानी थी। वाल्श के अचानक इस्तीफा देने से हैरान खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने साइ और अपने सचिव से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
      सोनोवाल ने कहा, यह गंभीर मुद्दा है। इस बारे में पता चलने के बाद मैंने साइ महानिदेशक और खेल सचिव को 24 घंटे के भीतर इस्तीफे का कारण बताने को कहा है। सोनोवाल ने जब पूछा गया कि क्या उन्हें पता है कि वाल्श को टैक्स को लेकर साइ से कोई समस्या थी तो उन्होंने इसका जवाब नहीं में दिया। उन्होंने कहा, यह मेरी जानकारी में नहीं है। उन्हें रिपोर्ट सौंपने दीजिए और उसके बाद ही हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। साइ महानिदेशक जीजी थामसन ने कहा कि वह वाल्श के फैसले से हैरान हैं क्योंकि इस आस्ट्रेलियाई कोच ने इससे पहले कोई शिकायत नहीं की थी।
थामसन ने कहा, हमें 19 अक्टूबर, 2014 को भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच के पद से टैरी वाल्श का इस्तीफा मिला। हम टैरी वाल्श के अचानक इस्तीफा देने से काफी हैरान और निराश हैं क्योंकि वह विश्व हॉकी के सबसे अच्छे कोचों में से एक हैं।    
       उन्होंने कहा, हम उसके प्रदर्शन से बेहद संतुष्ट थे और उसकी बेजोड़ पेशेवर विश्वसनीयता को देखते हुए उसे मुख्य कोच के रूप में चुना था। उसे 21 अक्टूबर, 2013 को नियुक्त किया गया था। इसके बाद से उसने भारतीय हाकी को लेकर कभी कोई शिकायत नहीं की। अगर वाल्श को साइ की कार्यशैली को लेकर कोई शिकायत थी तो वह आकर हमसे बात कर सकता था।  थामसन ने कहा कि वाल्श आज साइ मुख्यालय आए थे और अधिकारियों से मिले। उन्होंने कहा, वह आज हमारे कार्यालय आए और सुधीर सेतिया, कार्यकारी निदेशक (टीईएएमएस) से मिले जहां उन्होंने महासंघ में घुटन वाले माहौल में काम करने पर नाराजगी जताई। हम पूरी तरह से अनजान हैं कि हॉकी इंडिया में क्या हुआ। थामसन ने साथ ही इस बात से इनकार किया कि टीडीएस को लेकर कोई मुद्दा था। उन्होंने कहा कि समस्या हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने पैदा की है। उन्होंने इस मुद्दे को बत्रा की ओर से झूठी अफवाह बताकर खारिज कर दिया। थामसन ने कहा कि वाल्श ने जिस खेल नौकरशाही का जिक्र किया है वह हॉकी इंडिया भी हो सकता है।
थामसन ने कहा, वाल्श हमारे मार्गदर्शन में काम नहीं करता। हम उसे सिर्फ उसके काम के लिए हर महीने 16000 डालर का भुगतान करते हैं। हम रोजमर्रा के कामों के लिए उससे बात नहीं करते। इसलिए खेल नौकरशाही हॉकी इंडिया भी हो सकता है। हाकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा कि पिछले कुछ समय में ऐसी त्रासदी का अंदेशा था। बत्रा ने कहा, मुझे पिछले कुछ समय से इसका अंदेशा था। कुछ मुद्दे थे। विदेशी स्टाफ के बीच हताशा थी। काफी हस्तक्षेप था, सरकार की तरफ से काफी विलम्ब हो रहा था जिससे वे परेशान थे। हमने चीजों को सुलझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, यहां काफी नौकरशाही और काफी कागजी कार्रवाई है।  मीडिया में जारी किए गए ईमेल में बत्रा ने कहा कि अनुबंध को लेकर वाल्श के साइ के साथ कुछ मुद्दे थे। बत्रा ने कहा, अन्य मुद्दों के अलावा उन्हें अपने अनुबंध को लेकर भी साइ से कोई समस्या थी जो उनके इस्तीफे के बाद अब 19 नवम्बर 2014 को खत्म होगा। उन्होंने कहा, हम सुझाव देते हैं कि क्या साइ 19 नवम्बर से पहले उनके अनुबंध पर दोबारा गौर कर सकता है जिससे कि वह ओलम्पिक 2016 तक टीम के साथ बने रह सकें। हम साइ और वाल्श के बीच बैठक का सुझाव देते हैं।

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