Saturday 4 October 2014

स्टॉर खिलाड़ियों का नाकाबिल प्रदर्शन

भारत को एशियाई खेलों में पिछली बार से कम मिले पदक
इंचियोन। भारत के पदकों की संख्या में यहां एशियाई खेलों के दौरान भले ही गिरावट आई हो लेकिन इसके बावजूद उसे जश्न मनाने के काफी मौके मिले जब पुरुष हाकी टीम ने लम्बे समय के बाद स्वर्ण पदक जीता जबकि महान मुक्केबाज एमसी मैरीकोम ने स्वर्ण पदक जीतकर अपने कद को और बड़ा कर दिया। देश के खिलाड़ियों का एशियाई खेलों में अभियान हालांकि मिश्रित सफलता वाला रहा।
पिस्टल निशानेबाज जीतू राय और फ्रीस्टाइल पहलवान योगेश्वर दत्त इन खेलों के नायकों में शामिल रहे जहां भारत 2010 ग्वांगझू खेलों के अपने 65 पदकों की संख्या में सुधार करने या इसकी बराबरी करने के इरादे से उतरा था। भारतीय दल हालांकि पिछली बार की तुलना में कम ही पदक जीत पाया। भारत ने 11 स्वर्ण जीते जो पिछली बार की तुलना में तीन कम हैं। इसके अलावा उसने 10 रजत और 36 कांस्य पदक सहित कुल 57 पदक जीते।
भारत ने एथलेटिक्स और कबड्डी में दो-दो स्वर्ण पदक जीते जबकि तीरंदाजी, मुक्केबाजी, हॉकी, निशानेबाजी, स्क्वाश, टेनिस और कुश्ती में एक-एक स्वर्ण पदक मिला। भारत पदक तालिका में आठवें स्थान पर रहा जो पिछली बार के चीन खेलों की तुलना में दो स्थान नीचे है। ग्वांगझू में भारत ने 14 स्वर्ण, 17 रजत और 34 कांस्य पदक जीतकर छठा स्थान हासिल किया था। वर्ष 2010 में भारत ने 609 प्रतिभागियों में मैदान में उतारा था जबकि इस दौरान 541 खिलाड़ियों ने चुनौती पेश की। भारत की ओर से पहला स्वर्ण पदक सेना के प्रतिभावान निशानेबाज जीतू राय ने पुरुष 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में प्रतियोगिताओं के पहले ही दिन जीता। भारत के लिए अंतिम स्वर्ण पदक महिला और पुरुष कबड्डी टीमों ने जीते। देश को कुछ स्वर्ण कबड्डी जैसे गैर ओलंपिक खेलों में मिले जो एशियाई के अधिकांश हिस्सों में भी काफी लोकप्रिय नहीं है। भारतीय मिशन प्रमुख आदिले सुमरीवाला ने भारतीय टीम के प्रदर्शन पर कहा कि पदकों की कुल संख्या उम्मीद के मुताबिक रही। उन्होंने कहा, हमने 50 से 55 पदक की उम्मीद की थी और हमें 57 पदक मिले। वर्ष 2010 के बाद हम राह से भटक गए थे, नहीं तो और अधिक पदक जीतने में सफल रहते। इस बार भी भारत ग्लास्गो में राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद यहां था और एक बार फिर राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों के स्तर में अंतर देखने को मिला। एशियाई खेलों में एक बार फिर चीन ने दबदबा बनाया। स्वर्ण पदकों की गिरती संख्या के बीच सरदार सिंह की अगुआई वाली भारतीय पुरूष हाकी टीम ने फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को पेनल्टी शूट आउट में हराकर देश को जश्न बनाने का मौका दिया। फाइनल मुकाबला चार क्वार्टर के बाद 1-1 से बराबर रहने के बाद भारत ने पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से जीत दर्ज की थी।
भारत ने पिछला स्वर्ण पदक 1998 बैंकाक एशियाई खेलों के दौरान जीता था और टीम के लिए निश्चित तौर पर यह स्वर्ण काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके साथ ही भारत 1966 के बाद पाकिस्तान को पहली बार फाइनल में हराकर 2016 रियो ओलंपिक की पुरुष हाकी स्पर्धा के लिए भी क्वालीफाई कर गया। इसके अलावा भारत के लिए पुरुष कम्पाउण्ड तीरंदाजी टीम, मैरीकोम, योगेश्वर दत्त, पुरुष स्क्वाश टीम, सानिया मिर्जा और साकेत माइनेनी की टेनिस मिश्रित युगल जोड़ी, महिला चक्का फेंक खिलाड़ी सीमा पूनिया और चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने भी स्वर्ण पदक जीते।
योगेश्वर यहां स्वर्ण पदक जीतने के इरादे से आए थे और उन्होंने कुश्ती में भारत के 28 साल के स्वर्ण पदक के सूखे का अंत किया। लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर ने प्रतिबद्धता और जज्बे के साथ चुनौती देते हुए पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा में सोने का तमगा जीता। स्क्वाश पुरूष एकल में सौरव घोषाल फाइनल में 2-0 की बढ़त बनाने और तीसरे गेम में मैच प्वाइंट हासिल करने के बावजूद स्वर्ण जीतने से चूक गए। निशानेबाजी में दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी जीतू ने चीन के वैंग झिवेई और दक्षिण कोरिया के दो बार के ओलम्पिक चैम्पियन और गत विश्व चैम्पियन जोनगोह जैसे शीर्ष निशानेबाजों को पछाड़ा। वह इस तरह जसपाल राणा के बाद एशियाई खेलों का स्वर्ण जीतने वाले दूसरे पिस्टल निशानेबाज बने।
बीजिंग ओलंपिक 2008 चैम्पियन अभिनव बिंद्रा सिर्फ कांस्य पदक जीत पाए जबकि गगन नारंग को कोई पदक नहीं मिला जिससे भारतीय निशानेबाजी टीम उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई। स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और पीवी संधू ने भी निराश किया। ये दोनों व्यक्तिगत स्पर्धाओं में पदक जीतने में नाकाम रहीं। सोमदेव देववर्मन के अलावा लिएंडर पेस और रोहन बोपन्ना की शीर्ष युगल जोड़ी के अनुपलब्ध होने के कारण टेनिस की उम्मीदों को झटका लगा था लेकिन इस खेल में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा। साइना ने अपने साथियों के साथ मिश्रित युगल में स्वर्ण और महिला युगल में कांस्य जीता। मिश्रित युगल में साइना के साथी साकेत माइनेनी थे जबकि महिला युगल में उन्हें प्रार्थना थोम्बारे का साथ मिला। इसके अलावा साकेत ने सनम सिंह के साथ मिलकर पुरूष युगल का रजत पदक जीता। युकी भाम्बरी ने पुरूष एकल में कांस्य जबकि युकी और दिविज शरण की जोड़ी ने पुरूष युगल में कांस्य पदक जीता। भारत के पुरूष और महिला रिकर्व तीरंदाज एक भी पदक नहीं जीत पाए जबकि कम्पाउंड टीम ने प्रभावी प्रदर्शन किया। कम्पाउंड तीरंदाजों ने दक्षिण कोरिया को हराकर पुरुष टीम खिताब के साथ एशियाई खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीता। कम्पाउंड तीरंदाजों ने इसके अलावा एक रजत और दो कांस्य पदक भी हासिल किए। स्टार महिला मुक्केबाज मैरीकॉम ने महिला फ्लाइवेट वर्ग में एशियाई खेलों का अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।
मैरीकॉम की टीम की साथी मुक्केबाज एल. सरिता देवी को लेकर विवाद हुआ जब जजों के खराब फैसले के कारण महिला लाइटवेट सेमीफाइनल में हारा हुआ घोषित किया गया। सरिता ने बाद में पदक वितरण समारोह के दौरान कांस्य पदक स्वीकार नहीं करके विवाद को और बढ़ा दिया। सुमरीवाला के एशियाई ओलम्पिक परिषद की सुनवाई में हिस्सा लेने के बाद सरिता का पदक बहाल किया गया और इसके बाद वह निलम्बन के खतरे के कारण अंतरराष्ट्रीय मुक्क्ेबाजी संघ से माफी भी मांग चुकी है। महिला मुक्केबाजों ने एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक जीते लेकिन पुरुष मुक्केबाजों ने निराश किया जो सिर्फ दो कांस्य पदक ही हासिल कर पाए।  सरिता की घटना से पहले महिला 3000 मीटर स्टीपलचेज में भी विवादास्पद फैसला आया जब ज्यूरी ने बहरीन की विजेता रूथ जेबेट को डिस्क्वालीफाई करने के जजों के फैसले को बदल दिया। इसके कारण ललिता बाबर का कांस्य रजत में नहीं बदल पाया और गत चैम्पियन सुधा सिंह भी तीसरे स्थान पर नहीं आ पाई। भारत ने चार साल पहले ग्वांगझू में एथलेटिक्स में पांच स्वर्ण, दो रजत और पांच कांस्य पदक जीते थे जबकि यहां उसने 13 पदक हासिल किए जिसमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक शामिल रहे। विभिन्न कारणों ने पिछले दो एशियाई खेलोें से बाहर रहने वाली सीमा पूनिया ने महिला चक्का फेंक में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा महिला चार गुणा 400 मीटर रिले टीम भी भारत के लिए स्वर्ण जीतने में सफल रही। मंजू बाला को हैमर थ्रो में मिला कांस्य अपग्रेड करके रजत पदक कर दिया गया जब उनसे बेहतर नतीजा हासिल करने वाली चीन की खिलाड़ी डोप टेस्ट में पॉजीटिव पाई गई।
चक्का फेंक के खिलाड़ी और पदक के दावेदार विकास गौड़ा स्वर्ण जीतने में नाकाम रहे और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा जबकि त्रिकूद में अरपिंदर सिंह और रंजीत माहेश्वरी कोई पदक हासिल नहीं कर पाए। भारत ने एशियाई खेलों का कल सुखद अंत किया जब पुरूष और महिला कबड्डी टीमें ईरान को हराकर स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं। भारत अन्य खेलों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया लेकिन वुशू में उसने दो कांस्य पदक जीते जबकि पुरूष तैराकी में संदीप सेजवाल ने 50 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में कांस्य पदक हासिल किया। भारत ने महिला सेलिंग की 29ईआर क्लास में पहली बार कांस्य पदक जीता।
एशियाई खेलों में भारत ने हासिल किया आठवां स्थान
 भारत का आज यहां समाप्त हुए 17वें एशियाई खेलों की पदक तालिका में आठवां स्थान रहा जो पिछले खेलों से दो स्थान पीछे है। भारत ने इन खेलों में कुल 57 पदक जीते जिसमें 11 स्वर्ण, 10 रजत और 36 कांस्य पदक शामिल हैं।  चीन के ग्वांगझू में 2010 में हुए पिछले खेलों में भारत ने 65 पदक जीते थे जिसमें 14 स्वर्ण, 17 रजत और 34 कांस्य पदक शामिल थे। चीन पदक तालिका में 342 पदक जीत कर सबसे ऊपर रहा। चीनी खिलाडियों ने 151 स्वर्ण, 108 रजत और 83 कांस्य पदक जीते। मेजबान दक्षिण कोरिया दूसरे स्थान पर रहा उसने 234 पदक जीते जिसमें 79 स्वर्ण, 71 रजत और 77 कांस्य पदक जीते। इसके बाद जापान ने 200 पदक जीते जिसमें 47 स्वर्ण, 76 रजत और 77 कांस्य पदक शामिल हैं।
 पदक तालिका :
 1. चीन : 151 स्वर्ण, 108 रजत, 83 कांस्य (342 पदक)
 2. दक्षिण कोरिया : 79 स्वर्ण, 71 रजत, 84 कांस्य (234 पदक)
 3. जापान : 47 स्वर्ण, 76 रजत, 77 कांस्य (200 पदक)
 4. कजाकिस्तान : 28 स्वर्ण, 23 रजत, 33 कांस्य (84 पदक)
 5. ईरान : 21 स्वर्ण, 18 रजत, 18 कांस्य (57 पदक)
 6. थाईलैंड : 12 स्वर्ण, 7 रजत, 28 कांस्य ( 47 पदक)
 7. उत्तर कोरिया : 11 स्वर्ण, 11 रजत, 14 कांस्य (36 पदक)
 8. भारत :  11 स्वर्ण, 10 रजत, 36 कांस्य (57 पदक)
 9. चीनी ताइपे : 10 स्वर्ण, 18 रजत, 23 कांस्य (51 पदक)
10. कतर : 10 स्वर्ण, 0 रजत, 4 कांस्य (14 पदक)
11. उज्बेकिस्तान : 9 स्वर्ण, 14 रजत, 21 कांस्य (44 पदक)
12. बहरीन : 9 स्वर्ण, 6 रजत, 4 कांस्य (19 पदक)
13. हांगकांग : 6 स्वर्ण, 12 रजत, 24 कांस्य (42 पदक)
14. मलेशिया : 5 स्वर्ण, 14 रजत, 14 कांस्य (33 पदक)
15. सिंगापुर : 5 स्वर्ण, 6 रजत, 13 कांस्य (24 पदक)
 16. मंगोलिया : 5 स्वर्ण, 4 रजत, 12 कांस्य (21 पदक)
17. इंडोनेशिया : 4 स्वर्ण, 5 रजत, 11 कांस्य (20 पदक)
18. कुवैत : 3 स्वर्ण, 5 रजत, 4 कांस्य (12 पदक)
19. सऊदी अरब : 3 स्वर्ण, 3 रजत, 1 कांस्य (7 पदक)
20. म्यांमार : 2 स्वर्ण, 1 रजत, 1 कांस्य (4 पदक)

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