इंचियोन में आयोजित सत्रहवें एशियाई खेलों में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की महिला पहलवान विनेश फोगट ने मंगलवार को कहा कि उन्हें भरोसा है कि वह देश के लिए रियो ओलम्पिक-2016 में स्वर्ण जीत सकेंगी। विनेश ने कहा कि उन्हें स्वर्ण से कम कुछ मंजूर नहीं।भारतीय गैस प्राधिकरण (गेल) द्वारा एथलेटिक्स टैलेंट हंट प्रोग्राम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचीं विनेश ने कहा कि नौ साल की उम्र से ही उनके मन-मस्तिष्क में ओलम्पिक स्वर्ण जीतने की बात भरी जाती रही है। वह अपने परिवार और देश के लिए यह पदक हासिल करना चाहती हैं।
विनेश ने कहा, मेरे ताऊ और कोच महाबीर सिंह ने मुझसे हमेशा बेहतर परिणाम की आशा की है। इंचियोन में कांस्य पदक जीतने पर वह खुश नहीं थे। वह चाहते हैं कि मैं अपना ध्यान सिर्फ रियो ओलम्पिक में स्वर्ण जीतने पर लगाऊं और इसी दिशा में तैयारी करूं। यही सोच मेरे परिवार की भी है और मैंने इस सोच को अपने मन में ढाल लिया है। मैं देश के लिए यह महान सम्मान हासिल करने के लिए अपना सब कुछ झोंक दूंगी।
ग्लासगो में इस साल आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती का स्वर्ण जीतकर चर्चा में आई विनेश को इस बात का गर्व है कि उनकी चचेरी बहन गीता फोगट राष्ट्रमंडल खेलों में महिला कुश्ती का स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय हैं। विनेश के मुताबिक वह देश के लिए ओलम्पिक में महिला कुश्ती का स्वर्ण जीतने वाली पहली महिला बनना चाहती हैं। गीता ने नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों-2010 में 55 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा का स्वर्ण जीता था। विनेश बोलीं, मेरे लिए मेरे ताऊ और गीता प्रेरणा हैं। गीता की सफलता के बाद मेरे परिवार ने मुझसे कहा था कि तुझे भी इसी तरह का कुछ खास करना है। उस समय मेरी उम्र 15 साल थी। मैंने अपने परिवार की इस इच्छा को स्वीकार किया। मैं इसी दिशा में प्रयास कर रही हूं। मैं जानती हूं कि यह काफी मुश्किल काम है लेकिन जिन दुश्वारियों से निकलकर मैं आज यहां तक पहुंची हंू, उसके बाद अब मेरे लिए कुछ नामुमकिन नहीं। विनेश के सेमीफाइनल में जापानी पहलवान एरी तोशाका से हारने का गम है। विनेश मानती हैं कि वह अपनी गलती से हारीं क्योंकि मुकाबले के बाद उन्होंने महसूस किया कि वह आसानी से जीत सकती थीं।
विनेश ने कहा, मुकाबले के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैंने क्या गलती की है। मैं उन सभी गलतियों को दूर करके हर बाधा पार करना चाहती हूं। मेरे कोच हार से निराश थे लेकिन मेरी बहन ने बधाई देते हुए कहा था कि मैं इससे भी बेहतर कर सकती हूं। विनेश ने कहा कि वह अगले साल होने वाले राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेंगी क्योंकि यह आयोजन उन्हें अगले साल होने वाले ओलम्पिक क्वालीफायर और फिर सितम्बर 2015 में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए तैयारी का अच्छा मौका देगा। विनेश के मुताबिक कुछ आराम के बाद वह पूरी तैयारी के साथ अभ्यास शुरू कर देंगी और उनका लक्ष्य रियो ओलम्पिक में स्वर्ण पदक लाना ही होगा। विनेश ने कहा, मैं विश्व चैम्पियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूं क्योंकि यह ओलम्पिक क्वालीफायर होगा। मैं जानती हूं कि एशियाई खेलों में कुश्ती का स्तर ओलम्पिक जैसा ही होता है और मैंने कांस्य जीतकर एक लिहाज से खुद को साबित किया है, लेकिन अब मुझे स्वर्ण जीतकर अपना और परिवार का सपना पूरा करना है। मैं इसके लिए अपनी कमियों पर काम करूंगी और अपनी तकनीक को और बेहतर करने की कोशिश करूंगी।
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