Sunday, 31 May 2015

सब्र की नसीहत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मन की बात में देश के भूतपूर्व सैनिकों को सब्र की नसीहत देते हुए कहा कि जवानों का हित मेरे लिए विश्वास और देशभक्ति का मसला है। उनकी सरकार वन-रैंक-वन पेंशन के उलझे मामले को शीघ्र ही सुलझा लेगी। 40 साल से लम्बित वन-रैंक-वन पेंशन मामले पर मंथन चल रहा है लिहाजा पूर्व सैन्यकर्मियों को  राजनीतिक रुख नहीं अपनाना चाहिए। दरअसल वर्षों से लम्बित वन-रैंक-वन पेंशन की मांग पूरी नहीं होने के कारण सरकार से नाराज देश की सशस्त्र सेना के सेवानिवृत्त सैनिक केन्द्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का मन चुके हैं। भूतपूर्व सैनिकों का वन-रैंक-वन पेंशन का मामला यदि सुलटता है तो इसके लिए सरकार को चालू वित्त वर्ष में लगभग 8300 करोड़ रुपए का प्रावधान करना पड़ेगा, यदि इसमें और देरी हुई तो सरकार पर भार बढ़ जाएगा। देखा जाये तो सेना के जवान कम उम्र में रिटायर होते हैं, इसकी वजह से उनके परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो जाता है। 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में इस बात को दोहराया था कि कोई भी सैन्य कर्मी अपने से जूनियर रैंक के अधिकारी से कम पेंशन का हकदार नहीं है इसीलिए समान रैंक को समान पेंशन दी जानी चाहिए। मोदी सरकार को इस मामले में एक समय सीमा निर्धारित करना जरूरी है क्योंकि यह मसला इसी तरह लम्बित पड़ा रहा तो कई भूतपूर्व सैनिक जीते-जी इसका लाभ नहीं ले पाएंगे। मोदी सरकार सैनिक हित के इस मसले पर यदि निर्णय लेती है तो इससे करीब 25 लाख पेंशनर्स परिवार लाभान्वित होंगे। मोदी सरकार के लिए यह मसला आसान तो नहीं है पर यदि वह इसे लागू कर देती है तो उससे 1947 से अब तक के पेंशनभोगी भूतपूर्व सैनिकों को उनके रैंक और सेवाकाल में बराबरी के आधार पर 2006 के बाद रिटायर हुए सैनिकों के अनुरूप ही पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी। मोदी ने अपने मन की बात में हाल ही में शुरू की गई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर संतोष जताते हुए कहा कि वह देश में गरीबी के खिलाफ गरीबों की फौज खड़ी करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना देश में सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार गरीबों को आत्मनिर्भर और सशक्त देखना चाहती है, ताकि उन्हें जीविका के लिए दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े। मोदी ने योग को वसुधैव कुटुम्बकम की संज्ञा देते हुए देशवासियों से आह्वान किया कि वे 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में सहभागिता कर विश्व कल्याण और मानवता के लिए योगदूत बनें। मोदी ने हाल ही में शुरू किए गए डीडी किसान चैनल को किसानों के लिए खुला विश्वविद्यालय करार देते हुए कहा कि यह कृषि और कृषि से सम्बन्धित क्षेत्रों से जुड़े हर शख्स के लिए हितकारी है, जिसका अधिकाधिक लाभ उठाना जरूरी है। मोदी सरकार को एक साल हो चुके हैं। कई योजनाएं भी बनीं पर उनका लाभ आमजन की पहुंच से अभी दूर है।

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