Monday, 25 May 2015

किसके अच्छे दिन

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रजवासियों से फरह के दीनदयाल धाम में अपने एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियां बयां करेंगे। मोदी इससे पहले 25 नवम्बर, 2013 को आगरा आये थे। आम चुनाव के समय उन्होंने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनी तो कमल दल विकास की गंगोत्री बहा देगा। उन्हें प्रधानमंत्री पद सम्हाले एक साल होने जा रहे हैं और इस एक साल के कार्यकाल में उनकी उपलब्धियां चर्चा का विषय हैं। विपक्ष आमजन के बीच यह प्रचारित-प्रसारित कर रहा है कि मोदी सरकार सूटबूट और उद्योगपतियों की सरकार है। विपक्ष कुछ भी कहे लेकिन किसी सरकार के लिए एक साल का कार्यकाल विकास के लिए पर्याप्त नहीं माना जा सकता, पर भारतीय लोकतंत्र में यह दस्तूर बन चुका है। मोदी ने जब मुल्क की सल्तनत सम्हाली थी, तब हालात अच्छे नहीं थे, हालातों में अभी भी आशातीत सुधार नहीं दिख रहा बावजूद इसके मोदी ने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने देश का कुशल प्रतिनिधित्व करते हुए मेक इन इण्डिया, डिजिटल इण्डिया जैसी चीजों को दुनिया तक पहुंचाने में सफलता हासिल की है। एक साल में मोदी सरकार ने व्यापार आसान बनाने पर फोकस किया वरना पहले लोगों को लगता था कि बिजनेस करना अपराध है। उद्योगपतियों के लिए देश में व्यवस्थागत समस्याएं नहीं होनी चाहिए ताकि वे मैन्यूफैक्चरिंग और मार्केटिंग में ज्यादा ध्यान लगा पाएं न कि सरकारी अमले के साथ बैठकर माथापच्ची करें। उद्योग-व्यापार से इतर अमन-चैन की बात करें तो यह किसी से छिपा नहीं है कि एक साल में मुल्क के अल्पसंख्यकों के मन में अनचाहा डर पैदा हुआ है। ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार से पहले मुसलमानों और ईसाईयों के लिए इस देश में दूध की नदियां बहती थीं लेकिन पिछले एक साल में कमल दल के ही लोगों ने हद दर्जे का अनर्गल प्रलाप कर गलत संकेत जरूर दिया है। अफसोस जो कुछ होता रहा मोदी मजबूरीवश चुपचाप सुनते और देखते रहे। मोदी को इस बात का भान होना चाहिए कि वह आज किसी पार्टी विशेष के नहीं देश के मुखिया हैं। उनकी नजर में हर जाति-सम्प्रदाय बराबर है। धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट में भारत में अल्पसंख्यकों की हालत को चिन्ताजनक बताया गया है। बेशक मोदी सरकार ने इसे खारिज कर दिया हो पर सवाल यह उठता है कि अमेरिका यूं ही ऐसी रिपोर्ट क्यों बनाएगा? जो भी हो दिन का भूला यदि रात को वापस आ जाये तो उसे भूला हुआ नहीं कहते। एक साल में जो कुछ हुआ उसे खारिज करते हुए शेष बचे चार साल में मोदी को अपने ही कहे उन अल्फाजों पर अमल करना होगा जिनका सपना उन्होंने आम चुनाव के समय देशवासियों को दिखाया था। ब्रज मण्डल में मोदी का स्वागत है। वह न केवल सबका साथ, सबका विकास करें बल्कि ब्रजवासियों को ऐसी सौगात देकर जाएं जोकि अमूल्य हो।

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