Saturday 3 January 2015

सम्मान पर फिर बखेड़ा

साइना की पद्म पुरस्कार की अर्जी खारिज
नई दिल्ली। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल खेल मंत्रालय के नियमों का हवाला देकर इस साल प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार के लिए उनका आवेदन खारिज किए जाने से निराश है।
भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) ने पिछले साल अगस्त में खेल मंत्रालय को साइना के नाम की सिफारिश की थी लेकिन मंत्रालय ने दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को इस पुरस्कार के लिए चुना है क्योंकि उन्हें लगता है कि वह इससे अधिक पात्र उम्मीदवार हैं। वर्ष 2010 में पद्मश्री से सम्मानित साइना ने कहा, मैंने सुना है कि विशेष मामले के तौर पर सुशील कुमार का नाम पुरस्कारों के लिए भेजा गया है जबकि खेल मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को मेरा नाम नहीं भेजा है। मंत्रालय के दिशानिर्देश कहते हैं कि दो पद्म पुरस्कारों के बीच में पांच साल का अंतर होना चाहिए। इसलिए अगर वे उसका नाम भेज सकते हैं तो उन्होंने मेरे नाम की सिफारिश क्यों नहीं की, मैंने पांच साल का समय पूरा कर लिया है। मुझे बुरा लग रहा है। 24 वर्षीय साइना ने दावा किया कि पिछले साल इसी आधार पर उनका आवेदन खारिज कर दिया गया था लेकिन इस साल मंत्रालय ने सुशील के नाम की सिफारिश करने का फैसला किया जबकि उसने पांच साल के अंतर का नियम पूरा नहीं किया है। सुशील को 2011 में पद्मश्री मिला था।
साइना ने पूछा, पिछले साल जब मैंने पद्मभूषण के लिए अपनी फाइल भेजी थी तो मंत्रालय ने कहा था, नहीं साइना तुम इस साल आवेदन नहीं कर सकती क्योंकि तुमने इसके लिए पांच साल पूरे नहीं किए हैं। इसलिए मैंने इस बार पुरस्कारों के लिए दोबारा आवेदन दिया। तो फिर इस बाद मेरे नाम की सिफारिश क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा, 2010 के बाद मैंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक, बैडमिंटन में पहला ओलंपिक पदक, करियर की सर्वश्रेष्ठ दूसरी रैंकिंग और काफी सारे सुपर सीरीज खिताब जीते इसलिए मुझे लगता है कि मैं भी हकदार थी। लेकिन अगर ऐसे में भी नाम नहीं भेजा जाता को बुरा लगता है।
साइना ने कहा, मैं उच्चाधिकारियों के साथ कल बात की। उन्होंने कहा कि सुशील का नाम पहले ही भेजा जा चुका है। मैं सिर्फ उनसे इस मामले पर गौर करने का आग्रह कर सकती हूं। अगर हम दोनों को पुरस्कार मिल सकता है तो अच्छा रहेगा। अगर उसका नाम विशेष मामले के तौर पर भेजा जा सकता है तो मेरा नाम क्योंकि नहीं भेजा गया क्योंकि अगर वे नियमों के मुताबिक भी चलते तो मेरा नाम भेजा जाना चाहिए था।
साइना ने कहा कि अगर उन्हें और सुशील दोनों को पुरस्कार मिलता है तो उन्हें खुशी होगी। उन्होंने कहा, सुशील महान खिलाड़ी हैं लेकिन पदक तो पदक होता है। हम दोनों ने ओलम्पिक में पदक जीते हैं। अगर उन्हें उस विशेष मामले के तौर पर पुरस्कार देना था तो वे 2012 ओलम्पिक के बाद ऐसा कर सकते थे। वे अब ऐसा क्यों कर रहे हैं। मैं निराश हूं।

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