Thursday 9 June 2016

साधारण घर की बिटिया ने बिखेरा हॉकी में जादू


हरियाणा से तीन नेशनल गेम्स में हिस्सा ले चुकी है हाकी की हमलावर मोनिका दहिया
कड़ी मेहनत और लक्ष्य पर अचूक निशाना। अभ्यास के दौरान कोच के दिशा-निर्देश पर फोकस और अंतिम लक्ष्य गोल दागना। यह है महिला हॉकी की स्टार खिलाड़ी मोनिका दहिया का लक्ष्य। लेकिन कहीं न कहीं मन में एक अफसोस कि कड़ी मेहनत और निरंतर अभ्यास के बावजूद वह देश की टीम का हिस्सा नहीं बन पाईं। मोनिका का पूरा फोकस अब देश की टीम का हिस्सा बन देश के लिए सोना जीतना है, ताकि अपने देश-प्रदेश का नाम रोशन किया जा सके।
सोनीपत निवासी प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ी मोनिका दहिया लगातार राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर दमदार प्रदर्शन कर रही हैं। मोनिका हाल ही में हॉकी इंडिया के तत्वावधान में आयोजित सीनियर नेशनल वूमेंन हॉकी चैम्पियनशिप में अपने खेल का जलवा बिखेरकर लौटी हैं। हाकी की इस हमलावर बिटिया ने तीसरी कक्षा में पढ़ाई के दौरान ही हॉकी थाम ली थी। उसके बाद मोनिका ने कभी मुड़कर नहीं देखा। उनके पिता जयभगवान और मां सरोज बाला, बड़े भाई कुलदीप और बहन डॉ. मनीषा ने मोनिका को हमेशा हॉकी के लिए प्रोत्साहित किया। हॉकी की पौध तैयार कर रही भारतीय टीम की पूर्व कप्तान अर्जुन अवार्डी प्रीतम सिवाच के निर्देशन में मोनिका ने हॉकी के गुर सीखे। जिलास्तरीय हॉकी प्रतियोगिताओं में टीकाराम कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की ओर से खेलते हुए उसने कई बार चैम्पियन होने जश्न भी मनाया तो राज्य स्तर पर मोनिका ने सोनीपत की ओर से खेलते हुए कई बार अपनी टीम को विजेता और उपविजेता होते भी देखा। मोनिका कहती है कि पिछले पांच साल से राज्य स्तर पर उनकी सोनीपत टीम ही चैम्पियन बन रही है। वह सोनीपत टीम की कप्तान भी रह चुकी है और उसके नेतृत्व में पहली बार में ही टीम ने स्वर्णिम प्रदर्शन किया।
मोनिका को वर्ष २००४ में पहली बार सब जूनियर चैम्पियनशिप में राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौका मिला और टीम ने सफलता भी अर्जित की। सब-जूनियर, जूनियर और सीनियर चैम्पियनशिप की बात करें तो मोनिका राष्ट्रीय स्तर पर बीस से अधिक बार खेल चुकी है। राष्ट्रीय स्तर पर भी वह बहुत बार सफलता हासिल कर चुकी है। मोनिका को तीन बार नेशनल गेम्स में खेलने का अवसर भी मिल चुका है। गुवाहाटी, रांची और केरल में हुए नेशनल गेम्स में वह हरियाणा टीम का हिस्सा रही है। नेशनल गेम्स रांची में टीम के स्वर्णिम प्रदर्शन में उसके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए ही नॉर्दर्न रेलवे ने वर्ष २०१२ में उसे नौकरी प्रदान की। नेशनल गेम्स केरल में मोनिका को बेस्ट स्कोरर का खिताब मिल चुका है। इसके अलावा ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी हॉकी चैम्पियनशिप में भी दो बार मोनिका दहिया एमडीयू रोहतक का प्रतिनिधित्व कर चुकी है, जिसमें एमडीयू की टीम चैम्पियन बनी है।
हॉकी की यह बिटिया कहती है कि लड़कियों में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, जरूरत है उन्हें सही दिशा एवं अवसर प्रदान करने की। वह कहती है कि सोनीपत अब हॉकी हब बन रहा है, जिसमें महिला हॉकी के लिए अपार सम्भावनाएं हैं। इसलिए लड़कियों को हॉकी में बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र स्थित हॉकी मैदान में एस्ट्रोटर्फ की सुविधा देने की मांग की ताकि लड़कियां राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की तैयारी कर सकें।


No comments:

Post a Comment