Wednesday, 18 December 2013

सीईओ की नियुक्ति करेगा साई

भारतीय खेल प्राधिकरण ने राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रबंधन को पेशेवर बनाने के लिये प्रशिक्षित सीईओ की नियुक्ति का फैसला किया है ।
यह फैसला खेलमंत्री जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में साइ की 42वीं बैठक में लिया गया। सीईओ के पारिश्रमिक का खर्च साई उठायेगा । बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि सरकार इन चुनिंदा पेशेवरों की नियुक्ति में दखल नहीं देगी। खेल मंत्रालय ने अक्तूबर में शीर्ष खेल महासंघों को पत्र भेजकर सीईओ की नियुक्ति के बारे में उनकी राय मांगी थी। ये पत्र 13 महासंघों तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, फुटबाल, केनोइंग कयाकिंग, जिम्नास्टिक, हाकी, नौकायन, निशानेबाजी, तैराकी, कुश्ती और वुशू के साथ भारतीय स्कूली खेल महासंघ को भेजे गए । सिर्फ बैडमिंटन, केनोइंग कयाकिंग, कुश्ती और एजीएफआई ने जवाब भेजे। खेल महासंघों ने मंत्रालय का प्रस्ताव यह कहकर ठुकरा दिया कि महासंघों का कामकाज पेशेवर तरीके से चल रहा है और उन्हें सीईओ की जरूरत नहीं है। फिलहाल सिर्फ हाकी और बास्केटबाल में प्रशासनिक प्रमुख के तौर पर सीईओ हैं। आस्ट्रेलिया की एलेना नार्मन हाकी इंडिया की सीईओ है जिसके पास खेल प्रबंधन का अपार अनुभव है। देश में 54 एनएसएफ हैं और सीईओ के जरिये इनका कामकाज पेशेवर तरीके से चलाने की कोशिश है। बैठक में पेशेवर एजेंसियों की तकनीकी सहायता और कारपोरेट संगठनों के सहयोग से मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर विश्व स्तरीय खेल संग्रहालय बनाने का फैसला भी लिया गया है। इसके अलावा आदिवासी इलाकों, जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष खेल क्षेत्र (एसएजी) बनाकर देशी खेलों को बढ़ावा देने का फैसला भी लिया गया।
इसके अलावा राजस्व विभाजन के आधार पर देश भर में साइ केंद्रों पर अनुभवी खिलाडियों या एजेंसियों द्वारा निजी अकादमियों के गठन का भी फैसला लिया गया। इसमें यह भी तय किया गया कि साइ से वित्तीय मदद लेने वाले सभी एनएसएफ को घरेलू या अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में सभी प्रचार सामग्रियों, आधिकारिक साजो सामान और खेल किटों पर साइ का लोगो दर्शाना चाहिये। 

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