Thursday 19 December 2013

भारतीय हाकी में इस साल लड़कियों का रहा जलवा, पुरुषों ने कटाई नाक

भारतीय हाकी में जहां इस साल पुरुष टीम बड़ी जीत के लिये तरसती रही, वहीं लड़कियों ने इतिहास रचते हुए जूनियर विश्व कप में पहले कांस्य पदक समेत तीन तमगे भारत की झोली में डाले। आईपीएल की तर्ज पर हाकी इंडिया लीग के जरिये खिलाड़ियों की जेबें भरीं तो भारत को एफआईएच के कई अहम टूर्नामेंटों की मेजबानी मिली।
महिला टीम ने जुलाई-अगस्त में जर्मनी के मोंशेंग्लाबाख में हुए जूनियर विश्व कप में इंग्लैंड को पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से हराकर पहली बार कांस्य पदक जीता। इसके अलावा सितम्बर में कुआलालम्पुर में जूनियर एशिया कप में भी कांसा अपने नाम किया और नवम्बर में जापान में सम्पन्न एशियाई चैम्पियंस ट्राफी में रजत पदक जीतकर वर्ष 2013 को भारतीय महिला हाकी के लिये यादगार बनाया। वहीं पुरुष टीम ने एकमात्र खिताबी जीत सितंबर में मलेशिया में हुए जोहोर कप में दर्ज की। दिल्ली में फरवरी में विश्व हाकी लीग में शीर्ष रही महिला टीम सेमीफाइनल में हार गई। वहीं पुरुष टीम भी हालैण्ड के रोटरडम में हुए सेमीफाइनल में बुरी तरह हारकर अगले साल हालैंड में होने वाले विश्व कप में सीधे जगह नहीं बना सकी। इसके कारण कोच माइकल नोब्स की भी रवानगी हुई। भारत को बाद में ओशियाना क्षेत्र से उसे विश्व कप 2014 में बैकडोर प्रवेश मिल गया। मार्च में हुए अजलन शाह कप और नवंबर में जापान में एशियाई चैम्पियंस ट्राफी में भारत छह टीमों में पांचवें स्थान पर रहा। वहीं इपोह में सितंबर में हुए एशिया कप में फाइनल में कोरिया से हारकर रजत पदक जीता। दिल्ली में दिसंबर में हुए जूनियर विश्व कप में मेजबान भारत शर्मनाक दसवें स्थान पर रहा। इस साल की शुरूआत में फ्रेंचाइजी आधारित हाकी इंडिया लीग के जरिये खेल में एक नये युग का आगाज हुआ।  इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर शुरू हुई इस लीग का पहला सत्र पांच टीमों के बीच जनवरी-फरवरी में खेला गया जिसमें जैमी ड्वायेर, टान डे नूयरे, मौरित्ज फुर्त्से जैसे दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। नूयरे जहां सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी रहे तो सरदार सिंह सबसे महंगे भारतीय। पहले सत्र में रांची राइनोस ने दिल्ली वेवराइडर्स को 2-1 से हराकर खिताब जीता। लीग विवाद से अछूती नहीं रही जब सीमा पर जारी तनाव के कारण पाकिस्तान के नौ खिलाड़ियों को एक भी मैच खेले बगैर स्वदेश लौटना पड़ा। दूसरे सत्र में भी पाकिस्तानी खिलाड़ी इस लीग का हिस्सा नहीं होंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय श्रृंखला इस साल भी बहाल नहीं हो सकी। मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर विश्व हाकी लीग के दूसरे दौर में भारतीय पुरुष और महिला दोनों टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया। पुरुष टीम ने फीजी (16 -0), ओमान (9-1), आयरलैंड (3-2), चीन (4-0) और बांग्लादेश को 5-1 से हराया जबकि महिला टीम ने कजाखस्तान (8-0), मलेशिया (3-0), फीजी (10-0), जापान (3-2) और रूस को  1-0 से मात दी।
मार्च में अजलन शाह कप में पांच बार की चैम्पियन भारतीय टीम छह टीमों में पांचवें स्थान पर रही। प्लेआफ में भारत ने पाकिस्तान को 4-2 से हराया। इसके बाद जून में रोटरडम में विश्व लीग के तीसरे दौर में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। पूल चरण में न्यूजीलैंड और आयरलैंड से ड्रा खेलने के बाद टीम मेजबान हालैंड से हार गई वहीं क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया से हारी और अंतत: छठे स्थान पर रही। इस टूर्नामेंट में विफलता के बाद आस्ट्रेलियाई कोच माइकल नोब्स की भी दो साल के कार्यकाल के बाद रवानगी हो गई। उनकी जगह आस्ट्रेलिया के ही टैरी वाल्श को नया कोच बनाया गया जबकि हालैंड के रोलैंट ओल्टमेंस हाई परफार्मेंस निदेशक हैं।
विश्व लीग का फाइनल दिल्ली में अगले साल जनवरी में खेला जायेगा जिसमें बतौर मेजबान भारत को जगह मिल गई है। इपोह में सितंबर में हुए एशिया कप में भारत पूल चरण में शीर्ष पर रहा और सेमीफाइनल में मलेशिया को 2-0 से हराया। फाइनल में हालांकि टीम कोरिया से 3-4 से हार गई। सितंबर में मलेशिया में ही हुए जोहोर कप में भारत ने मलेशिया को 3-0 से हराकर खिताब जीता।  वहीं जूनियर विश्व कप की तैयारी के लिये जापान के काकामिगाहारा में नवंबर में हुई तीसरी एशियाई चैम्पियंस ट्राफी में मनप्रीत सिंह की अगुवाई में युवा टीम भेजी गई। पहले सत्र 2011 की चैम्पियन भारतीय टीम छह टीमों में पांचवें स्थान पर रही। साल के आखिर में दिल्ली में जूनियर विश्व कप में पूल चरण से ही बाहर होकर मेजबान ने घरेलू दर्शकों को फिर निराश किया। पूल चरण में हालैंड से हारने के बाद भारत ने कनाडा को हराया और अहम मैच में कोरिया से 3-3 से ड्रा खेला। क्लासीफिकेशन मुकाबले में पाकिस्तान से पेनल्टी शूट आउट पर 2-4 से मिली हार ने रही सही कसर भी पूरी कर दी।
महिला टीम ने हालांकि भारतीय हाकी के इतिहास के कुछ सुनहरे पन्ने लिखे। जर्मनी में 27 जुलाई से चार अगस्त तक हुए जूनियर विश्व कप में भारत ने इंग्लैंड को पेनल्टी शूटआउट पर 3-2 से हराकर पहला कांस्य जीता। पूल चरण में आस्ट्रेलिया से  6-1 से हारने के बाद भारत ने न्यूजीलैंड  को 2-0 और रूस  को 10-1 से   हराया था। क्वार्टर फाइनल में स्पेन  को 4-2 से हराने के बाद टीम सेमीफाइनल में हालैंड  से 3-0 से हारी।
सितंबर में कुआलालम्पुर में महिला एशिया कप में सेमीफाइनल में कोरिया से हारने के बाद भारतीय टीम ने कांस्य पदक के मुकाबले में चीन को पेनल्टी शूटआउट पर 3-2 से हराया। भारतीय टीम हालांकि विश्व कप में जगह बनाने से चूक गई। एशियाई चैम्पियंस ट्राफी फाइनल में जापान से एक गोल से हारने के बाद टीम को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। भारतीय कप्तान सरदार सिंह और महिला कप्तान रितु रानी को इस साल एशिया का सर्वश्रेष्ठ पुरूष और महिला खिलाड़ी चुना गया। भारतीय हाकी टीम को अगले साल राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल, विश्व कप के अलावा अपनी मेजबानी में विश्व लीग फाइनल और चैम्पियंस ट्राफी में भाग लेना है जो ओड़िशा के भुवनेश्वर में खेली जायेगी। इसके अलावा 2018 विश्व कप भी भारत में होगा। एफआईएच अध्यक्ष लिएंड्रो नेग्रे ने भारत को हाकी के लिये अहम बताते हुए कहा, भारत विश्व हाकी में अहम स्थान रखता है और यहां खेल काफी लोकप्रिय है। भारतीय हाकी का गौरवमयी इतिहास रहा है लिहाजा लोग टीम से सिर्फ पदक की अपेक्षा करते हैं जो मुमकिन नहीं है। हाकीप्रेमियों को संयम से काम लेना होगा और मुझे यकीन है कि टीम 2018 विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करेगी ।

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