Tuesday 17 December 2013

शर्मनाक: पांच साल में 500 भारतीय खिलाड़ी डोप परीक्षण में विफल

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पिछले साढ़े चार साल में जो डोप परीक्षण किए हैं उसमें 500 खिलाड़ी विफल रहे हैं जिसमें अधिकतर भारोत्तोलक और ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ी शामिल हैं।
जनवरी 2009 से जुलाई 2013 तक 500 एथलीटों को देश की प्रमुख डोपिंग रोधी एजेंसी ने डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया है और डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल ने इनमें से 423 खिलाड़ियों को सजा सुनाई है। नाडा ने सूचना का अधिकार कानून के तहत डाली गली याचिका के जवाब में यह खुलासा किया है। नाडा द्वारा जारी की गई यह आधिकारिक संख्या कुछ स्तब्ध करने वाले आंकड़ों की तरफ इशारा करती है। नाडा ने आरटीआई के जवाब में कहा, नाडा जनवरी 2009 से प्रभावी हुआ। डोप परीक्षण में जुलाई 2013 तक कुल 500 खिलाड़ी डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के दोषी पाए गए हैं। डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल ने कुल 423 खिलाड़ियों को सजा सुनाई है। डोपिंग के दोषियों की सूची में एथलीट सबसे ऊपर हैं। नाडा ने कहा, जनवरी 2009 में नाडा के प्रभावी होने के बाद से जनवरी 2009 से जुलाई 2013 तक कुल 14684 डोप नमूने एकत्रित किए गए। नाडा ने पिछले तीन साल में एथलीटों पर 9898 डोप परीक्षण किए। एथलीट 113 डोपिंग उल्लंघन के साथ शीर्ष पर हैं जबकि उनके बाद भारोत्तोलन का नंबर आता है जिसके 92 खिलाड़ी डोपिंग में फंसे।
एथलेटिक महासंघों के अंतरराष्ट्रीय संघ (आईएएएफ) की इस साल अगस्त में जारी रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि डोप उल्लंघन के मामले भारत (43) में दूसरे सर्वाधिक हैं। रूस के सर्वाधिक 44 खिलाड़ी निलम्बित सूची में शामिल हैं। भारत जुलाई तक शीर्ष में था लेकिन निलम्बित एथलीटों की संख्या 52 से 43 हो गई जब आईएएएफ ने नौ खिलाड़ियों से निलंबन हटा दिया। एथलेटिक्स और भारोत्तोलन के अलावा डोपिंग दोषियों की सूची में कबड्डी के 58, बाडीबिल्डिंग के 51, पावर लिफ्टिंग के 42, कुश्ती के 41, मुक्केबाजी के 36 और जूडो के छह खिलाड़ी शामिल हैं। नाडा ने कहा कि उसने 2009 से 2012 के बीच विभिन्न खेलों में डोपिंग के खिलाफ कड़े कदम उठाए।

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