Wednesday 20 May 2015

जो होता गॉड फॉदर, अंकित न होता बाहर

एएफआई की लीला न्यारी, मजे कर रहे खूब अनाड़ी
राष्ट्रीय खेलों और फेडरेशन कप के स्वर्ण पदकों पर फिरा पानी

आगरा। सर मैंने कोई अनुशासन नहीं तोड़ा है। मैंने भारतीय खेल प्राधिकरण पटियाला के नेशनल कैम्प से तिरुवनंतपुरम में अच्छे प्रशिक्षक से तालीम लेने की एक नहीं दो बार अर्जी दी और भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक की मंजूरी के बाद न केवल अथक मेहनत किया बल्कि मैंगलोर में एशियन चैम्पियनशिप के तय मानक 7.76 मीटर की जगह 7.99 मीटर की जम्प से गोल्ड मैडल भी जीता है। मैंने केरल में हुए राष्ट्रीय खेलों में भी 8.04 मीटर की गोल्डन जम्प लगाई है। मेरा कोई कसूर नहीं फिर भी यदि एएफआई को लगता है कि मैंने कोई गुनाह किया है, तो माफी चाहता हूं। यह उस अभागे खिलाड़ी अंकित शर्मा की पीड़ा है जो लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद पहले एशियाड तो अब एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की भारतीय टीम में स्थान पाने से वंचित कर दिया गया, जबकि कई दागी खिलाड़ी टीम इण्डिया में स्थान सुनिश्चित कर चुके हैं।
आगरा जिले के पिनाहट निवासी हरनाथ शर्मा का यह उदीयमान लाड़ला किसी जिले और प्रदेश का ही नहीं देश का सर्वश्रेष्ठ लांगजम्पर है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर कई मर्तबा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुका अंकित शर्मा हर खास प्रतियोगिता में भारतीय टीम से इसलिए बेदखल कर दिया जाता है क्योंकि एथलेटिक्स फेडरेशन आॅफ इण्डिया में उसका कोई गॉड फॉदर नहीं है। उलटा चोर कोतवाल को डांटे की तर्ज पर चल रही एएफआई की गतिविधियां हमेशा से ही संदिग्ध रही हैं। 3 से 7 जून तक चीन के वुहान में होने जा रही एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के लिए अभी तक जो 29 सदस्यीय (महिला-पुरुष) भारतीय टीम का चयन किया गया है, उसमें कई खिलाड़ी नियमों को ताक पर रख कर चुने गये हैं। एएफआई के अध्यक्ष आदिल जे सुमरीवाला और सचिव सीके वॉल्सन अंकित के मामले में जहां विरोधाभासी बयान दे रहे हैं वहीं लांगजम्पर प्रेम कुमार, स्प्रिन्टर धरमबीर, अर्जुन, नवजीत कौर ढिल्लन, मयूखा जॉनी, विकास गौड़ा आदि के चयन पर जमकर नियम-कायदों का चीरहरण किया गया है।
अंकित शर्मा को 20 दिवसीय नेशनल कैम्प से चले जाने की सजा दी जा रही है जबकि धरमबीर और मयूखा जॉनी कैम्प में सहभागिता न करने के बाद भी भारतीय टीम की शोभा बढ़ा रहे हैं। एएफआई बताये कि लांगजम्पर प्रेम कुमार ने साल भर में कितने दिन नेशनल कैम्प में बिताये हैं? 200 मीटर दौड़ के लिए जिस धरमबीर का चयन किया गया है, वह दो साल की डोपिंग की सजा काट कर आया है। डिस्कस थ्रोवर नवजीत कौर और अर्जुन तो क्वालीफाइंग मापदण्ड भी नहीं छू पाये हैं। किसी प्रतियोगिता के लिए यदि खिलाड़ी का पूर्व प्रदर्शन ही मायने रखता है तो फिर साल भर लगने वाले प्रशिक्षण शिविरों के क्या मायने हैं? प्रतियोगिताओं के नाम पर क्यों देश का पैसा खुर्द-बुर्द किया जाता है? महिला डिस्कस थ्रो की जहां तक बात है क्या नवजीत कौर कृष्णा पूनिया या सीमा अंतलि से बेहतर है? माना कि नवजीत प्रतिभाशाली है लेकिन उसके लिए एएफआई ने क्या मानक तय किये थे? दरअसल, भारतीय खेलों में प्रतिभा नहीं माई-बाप जरूरी है। अंधे खेलनहार उन्हें ही रेवड़ी बांटते हैं, जिनके हाथ में लाठी होती है।
पटियाला में नहीं था प्रशिक्षक: अंकित शर्मा
एएफआई की उपेक्षा का दंश झेल रहे अंकित शर्मा ने पुष्प सवेरा को बताया कि चूंकि पटियाला में कोई प्रशिक्षक नहीं था लिहाजा उसने लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज तिरुवनंतपुरम के प्रशिक्षक एनवी निसाद कुमार से प्रशिक्षण लेने की अर्जी दी थी। साई के महानिदेशक की अनुमति के बाद ही वह वहां गया। निसाद कुमार का 24 मार्च, 2015 से 30 सितम्बर, 2015 तक भारतीय खेल प्राधिकरण से करार है। अंकित का कहना है कि मैंने प्रोजेक्ट आॅफीसर (टीम्स) साई दिलीप कुमार सिंह के माध्यम से निदेशक नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ स्पोर्ट, पटियाला, प्राचार्य एलएनसीपीई और एएफआई सचिव सीके वॉल्सन को पत्र प्रेषित किये थे। अंकित का कहना है कि यदि उसे एएफआई और सरकार से सपोर्ट नहीं मिला तो उसका खेल समय से पहले ही खत्म हो जायेगा। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को लम्बीकूद में शोहरत दिलाना चाहता है।
यह है भारतीय टीम
पुरुष- धरमबीर (200 मीटर दौड़), राजीव अरोक्या (400 मीटर दौड़), जे. जॉनसन (800 मीटर दौड़), जी. लक्ष्मनन (5000 मीटर दौड़), नवीन कुमार, जयवीर सिंह (3000 मीटर स्टिपल चेस) सिद्धांत थिनगल्या (110 मीटर हर्डल), दुर्गेश कुमार पाल (400 मीटर हर्डल), के. प्रेम कुमार (लम्बीकूद), इंदरजीत सिंह (गोला फेंक), विकास गौड़ा, अर्जुन (डिस्कस थ्रो), देवेन्द्र सिंह, नीरज चोपड़ा (जेवलिन थ्रो).
महिला- सर्बनी नंदा (100 व 200 मीटर दौड़), एमआर पूवम्मा (400 मीटर दौड़), टिण्टू लुका, एम. गोमती (800 मीटर दौड़), ललिता बाबर (3000 मीटर दौड़), जी. गायत्री, टी. दीपिका (100 मीटर हर्डल),अनू राघवन (400 मीटर हर्डल), वी. सुरेखा (पोलवाल्ट 27 मई को ट्रायल),  मयूखा जॉनी (लम्बी कूद), नवजीत कौर ढिल्लन (डिस्कस थ्रो), सुमन देवी (जेवलिन थ्रो), अन्नू रानी (जेवलिन थ्रो 27 मई को ट्रायल), पूर्णिमा हेम्बराम, लिफ्सी जोसेफ (हेप्टाथलान).
महिला और पुरुष रिले टीमों की ट्रायल 27 मई को होगी। 

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