Wednesday, 20 December 2017

मीनू ने मिरर राइटिंग में बनाया कीर्तिमान

विश्व के 100 रिकार्डों में शामिल, लंदन से डाक्टरेट करने का मिला आमंत्रण
कहते हैं कि कोई काम नामुमकिन नहीं होता बशर्ते करने वाले में जोश और जुनून हो। अलवर की खिलाड़ी बेटी मीनू पूनिया को ही लें उन्होंने शौक-शौक में ऐसा कीर्तिमान गढ़ दिया है जिसकी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है। हर इंसान के अपने-अपने शौक होते हैं, मीनू को बचपन से ही उल्टे-सीधे तरीके से लिखने का शौक था। अपने इस शौक के लिए उन्हें माता-पिता से डांट-फटकार भी मिलती थी लेकिन मीनू ने अपने इसी शौक से एक नई पहचान और नया मुकाम हासिल कर लिया है। मीनू की मिरर राइटिंग के हुनर को अब भारत ही नहीं भारत से बाहर भी खूब सराहना मिल रही है।
द अलवर सेण्ट्रल कापरेटिव बैंक लिमिटेड अलवर के प्रधान कार्यालय में बैंकिंग सहायक के पद पर कार्यरत राजस्थान की खिलाड़ी बेटी मीनू पूनिया ने मिरर राइटिंग के क्षेत्र में समूची दुनिया में अलवर को एक नई पहचान दी है। मीनू ने देश के राष्ट्रगान को सबसे कम समय में मिरर राइटिंग में लिखकर पहले तो इंडिया बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया, अब इस रिकार्ड को विश्व के सर्वश्रेष्ठ 100 रिकार्डों में भी शामिल कर लिया गया है। मीनू के इस करिश्माई प्रदर्शन को देखते हुए यूनाइटेड किंगडम यूनिवर्सिटी लंदन ने उन्हें डाक्टरेट करने का आमंत्रण दिया है। यूनाइटेड किंगडम यूनिवर्सिटी लंदन ने सिर्फ 20 सर्वश्रेष्ठ रिकार्डधारियों को ही डाक्टरेट करने का आफर किया है। नेशनल रिकार्डधारी मीनू को ब्रेकिंग रिकार्ड के आधार पर आन लाइन थीसिस पूरी करने की छूट दी गई है। मीनू अपनी थीसिस मिरर राइटिंग में पूरी करेंगी। मीनू को इस शानदार उपलब्धि के लिए सितम्बर 2017 में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी सम्मानित किया था।
गौरतलब है कि सैम्बो की राष्ट्रीय खिलाड़ी मीनू पूनिया अपने पति और प्रशिक्षक राजेश पूनिया के मार्गदर्शन तथा प्रोत्साहन से सिर्फ खेल ही नहीं मिरर राइटिंग में भी नित नई सफलताएं हासिल कर रही हैं। 30 अक्टूबर को बिहार के गया में आयोजित सीनियर नेशनल सैम्बो चैम्पियनशिप में मीनू ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वर्ण पदक से अपना गला सजाया था। अपने लाजवाब प्रदर्शन से उत्साहित मीनू अब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी भारत के भाल को ऊंचा करने का सपना देख रही हैं। मीनू पूनिया अब तक के अपने सफर से खुश हैं। मीनू का कहना है कि मैं आज जो भी हूं उसमें मेरे पति राजेश पूनिया का ही सबसे बड़ा योगदान है।     



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