Tuesday 19 July 2016

लिएंडर पेस यानि असली भारत रत्न


सात ओलम्पिक खेलने वाला भारत का अकेला सपूत
                                श्रीप्रकाश शुक्ला
कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और मन में विश्वास हो तो कुछ भी असम्भव नहीं है। भारत के मशहूर और सफल टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने इस बात को एक बार नहीं अनेकों बार साबित किया है। लिएंडर पेस टेनिस जगत ही नहीं सही मायने में असली भारत रत्न हैं। इस खिलाड़ी ने खेल के प्रति अपनी मेहनत, लगन और जुनून से वह मुकाम हासिल किया जोकि सदियों तक असम्भव होगा। लगातार सात ओलम्पिक खेलना किसी अचम्भे से कम नहीं है।
भारत के इस श्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ी का जन्म कोलकाता में 17 जून, 1973 को हुआ। पेस के माता-पिता दोनों का ही खेल जगत से गहरा ताल्लुक रहा है। उनके पिता वेस पेस अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी तो उनकी मां जेनिफर पेस एक बास्केटबॉल खिलाड़ी रहीं। लिएंडर का रुझान बचपन में फुटबॉल की तरफ था, लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने टेनिस खेलना शुरू किया और खेलते-खेलते उनकी दिलचस्पी इस खेल के प्रति बढ़ती ही चली गई। उनके पिता की यह सलाह उनके लिए भाग्यशाली साबित हुई और उन्होंने टेनिस जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
पेस ने अपनी स्कूली पढ़ाई कोलकाता के ला मार्टिनीयर स्कूल से की। सेंट जेवियर कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई करने के बाद 1985 में पेस ने मद्रास के ब्रिटानिया अमृतराज टेनिस अकादमी में दाखिला लिया। कोच देव ओमेरिया के मार्गदर्शन में पेस ने अपनी टेनिस प्रतिभा को निखारा।  टेनिस में अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत के पहले ही पेस ने खुद को एक होनहार खिलाड़ी साबित कर दिखाया था। उन्होंने जूनियर यूएस ओपन और जूनियर विम्बलडन का खिताब जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और जूनियर रैंकिंग में नम्बर वन का दर्जा हासिल किया। इन शानदार कामयाबी के बाद पेस ने टेनिस को अपना प्रोफेशन बनाने का निर्णय लिया और 1991 में एक प्रोफेशनल टेनिस खिलाड़ी के रूप में सामने आए। पेस की खेल प्रतिभा सिंगल से ज्यादा युगल मुकाबलों में उभर कर सामने आई। अब तक पेस युगल और मिश्रित युगल मुकाबलों में कई कीर्तिमान रच चुके हैं। 18 खिताब उनकी मेहनत और लगन की ही सूचक हैं। उन्होंने टेनिस के 18 युगल और मिश्रित युगल खिताबों में जीत दर्ज कर भारत के गौरव को बढ़ाया।
पेस 1996 में अटलांटा ओलम्पिक्स में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए ओलम्पिक पदक जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी बने थे। इस जीत के बाद लिएंडर पेस ने महेश भूपति के साथ जोड़ी के रूप में अपने करियर को आगे बढ़ाया। पेस-भूपति की जोड़ी भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हुई। पेस-भूपति ने साथ मिलकर भारत और भारत के बाहर कई महत्वपूर्ण मुकाबलों में जीत हासिल की। लिएंडर पेस को टेनिस में अपने योगदान के लिए 1996 में भारत के गौरवपूर्ण राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड और 2001 में पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया।  पेस भारत के सफल टेनिस खिलाड़ियों में से एक हैं और टेनिस में अपने इस योगदान के कारण वे टेनिस टीम की कप्तानी की बागडोर भी सम्हाल चुके हैं। टेनिस जगत में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त यह भारतीय सितारा आज अनेक टेनिस प्रेमी युवाओं का आदर्श है तो मेरे लिहाज से भारत रत्न। पेस के जोश और जुनून से युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।

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