Monday, 18 July 2016

भारतीय टीम में 16 में से 14 खिलाड़ी रेलवे की

 
भारतीय रेलवे की महिला टीम करेगी रियो ओलम्पिक में मुल्क का प्रतिनिधित्व 
              श्रीप्रकाश शुक्ला
ग्वालियर। आप चौंक गये ना। आपका चौंकना वाजिब है क्योंकि मंगलवार से ही कई राज्य महिला हाकी खिलाड़ियों को लेकर अपनी-अपनी पीठ ठोक रहे हैं जबकि सच्चाई कुछ और ही है। देश में खेलों को बढ़ावा देने का विभिन्न राज्य क्यों न दम्भ भरते हों लेकिन खिलाड़ियों की परवरिश और उनके खेल की असल कद्र तो भारतीय रेलवे ही करता है। रियो ओलम्पिक खेलने जा रहे अधिकांश खिलाड़ी रेलवे से ही ताल्लुक रखते हैं। भारतीय महिला हॉकी टीम को ही लें इसकी 16 में से 14 सदस्य तो रेलवे से ही हैं।
मास्को ओलम्पिक (1980) के बाद दूसरी बार ओलम्पिक में शिरकत करने जा रही भारतीय महिला हाकी टीम की घोषणा कर दी गई है। हाकी इण्डिया सहित मध्य प्रदेश, हरियाणा, झारखण्ड, मणिपुर, उत्तर प्रदेश सहित दीगर राज्य खिलाड़ियों को लेकर अपनी-अपनी पीठ ठोक रहे हैं जबकि रियो ओलम्पिक की 16 सदस्यीय टीम में 14 खिलाड़ी भारतीय रेलवे की हैं। दरअसल आज देश में खिलाड़ियों की कद्र उनकी कामयाबी तय करती है। इसीलिए सफलता के कई बाप हो जाते हैं। इस समय खिलाड़ियों को लेकर भी एक तरह का स्वांग रचा जा रहा है। दावे-प्रतिदावे परवान चढ़ रहे हैं लेकिन भारत रियो में कितने पदक जीतेगा यह बताने की स्थिति में कोई नहीं है। हाकीप्रेमियों को हम बता दें जो मध्य प्रदेश हाकी को लेकर पिछले 10 साल में अरबों रुपये खर्च कर चुका है उसकी कोई खिलाड़ी न ही मास्को ओलम्पिक खेली थी और न ही रियो खेलने जा रही है। सवाल यह उठता है कि क्या पिछले 10 साल में वाकई मध्य प्रदेश ने खेलों में बेमिसाल तरक्की की है। यदि की है तो कोई भी खेलनहार प्रदेश की आवाम को बताये कि मध्य प्रदेश के कितने खिलाड़ी रियो ओलम्पिक खेलने जा रहे हैं।
दरअसल मध्यप्रदेश में खेलों के विकास की जगह चाटुकारिता परवान चढ़ रही है। मुख्यमंत्री और खेल मंत्री सच से बेखबर हैं या यूं कहें सच स्वीकारना नहीं चाहते। राष्ट्रीय खेलों में अन्य प्रदेशों के खिलाड़ियों के प्रदर्शन से पदकों की पोटली घनघनाई जाती है। मीडिया में बैठे लोग चंद लाभ की खातिर उन चाटुकारों के बयान प्रकाशित करते हैं जिनका खेलों से दूर-दूर तक का वास्ता नहीं होता। खैर, सच यह है कि रियो ओलम्पिक में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व शून्य है। अंकित शर्मा को लेकर भी संशय और सच का भान खेलों से गहरे ताल्लुक रखने वालों को है।
यह है रेलवे की महिला हाकी पलटन-
सुशीला चानू कप्तान, रेणुका यादव, मोनिका, वंदना कटारिया (सभी मध्य रेलवे मुम्बई), दीप ग्रेस इक्का, लिलिमा मिंज, नमिता टोप्पो, (सभी पश्चिम रेलवे मुम्बई) दीपिका कुमारी, नवजोत कौर, अनुराधा देवी (सभी रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला), निक्की प्रधान (दक्षिण-पूर्व रेलवे बिलासपुर), पूनम रानी तथा रानी रामपाल (सभी उत्तर रेलवे नई दिल्ली) सुनीता लाकड़ा (पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर)।
यह है 16 सदस्यीय महिला टीम-
गोलकीपर- सविता (कप्तान)। डिफेंडर- सुशीला चानू (कप्तान) दीप ग्रेस एक्का, दीपिका (उपकप्तान), नमिता टोपो, सुनीता लाकड़ा। मिडफील्डर- नवजोत कौर, मोनिका, निक्की प्रधान, रेणुका यादव, लिलिमा मिंज। फारवर्ड- अनुराधा देवी थोकचोम, पूनम रानी, वंदना कटारिया, रानी रामपाल, प्रीति दुबे।

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