Tuesday 1 April 2014

यूपी का महासंग्राम: कोई किसी से कम नहीं

उत्तर प्रदेश को लोकसभा पहुंचने का मुख्य मार्ग माना जाता है। अस्सी सीटों वाले इस प्रदेश पर हमेशा से सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं की नजर रहती आई है। सोलहवीं लोकसभा की सीढ़ियां चढ़ने के लिए प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख ने तो दो-दो लोकसभा क्षेत्रों से अपनी दावेदारी पेश कर दी है।
कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, इसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, अपना दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा पहुंचने के लिए इसी प्रदेश को मुख्य केंद्र बनाया है।
सोनिया गांधी ने अपने ससुर फिरोज गांधी और सास इंदिरा गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली सीट से वर्ष 1999 में पहली बार लोकसभा में प्रवेश किया था। उन्होंने इसी सीट से हैट्रिक बनाई और चौथी बार फिर इसी क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। इसी तरह राजनाथ सिंह वर्तमान में गाजियाबाद सीट से सांसद हैं। प्रदेश में पार्टी की पकड़ मजबूत बनाने के इरादे से वह इस बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का संसदीय क्षेत्र रह चुके लखनऊ से चुनाव मैदान में हैं।
अजित सिंह अमेरिका में इंजीनियर की नौकरी छोड़कर वर्ष 1987 में सक्रिय राजनीति में आए। वह अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के निधन के बाद 1989 के चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत सीट से लोकसभा चुनाव में उतरे और वहीं से पिता की विरासत संभाल रहे हैं। अजित सिंह ने वर्ष 1989 एवं 1991 में जनता दल और 1996 में कांग्रेस के टिकट पर बागपत सीट से चुनाव जीता। मगर वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में बागपत सीट से भाजपा के सोमपाल शास्त्री ने उन्हें पराजित कर दिया। इसके बाद वर्ष 1999, 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में भी अजित सिंह रालोद के सांसद बने। वह इसी सीट से आठवीं बार लोकसभा में प्रवेश करने के लिए मैदान में हैं। मुलायम सिंह यादव वर्तमान में मैनपुरी सीट से सांसद हैं। वह इस बार के आम चुनाव में अपनी पुरानी सीट मैनपुरी के साथ ही उन्होंने पूर्वांचल की आजमगढ़ लोकसभा सीट से भी दावेदारी की है।
दिग्गज नेताओं की तर्ज पर अब आप के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उत्तर प्रदेश से ही संसद तक पहुंचने का निर्णय लिया है। उन्होंने वाराणसी सीट से मैदान में उतरे नरेंद्र मोदी को के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसके लिए आप ने प्रदेश में अपनी चुनावी जमीन तैयार करनी भी शुरू कर दी है। लोगों में चर्चा है कि सबको तो देख ही लिया, अब इस नई पार्टी को भी मौका देकर देखना चाहिए। इस पार्टी में युवाओं की संख्या ज्यादा है और सभी उच्च शिक्षा प्राप्त व ऊर्जा से लबरेज हैं। अपना दल की प्रमुख एवं महासचिव अनुप्रिया पटेल भी इस बार पूर्वांचल की फूलपुर सीट से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। इन सभी नेताओं ने लोकसभा पहुंचने के लिए उत्तर प्रदेश को मुख्य केंद्र बनाया है।

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