Friday 18 April 2014

शक के साये में क्रिकेट

अपयश की कालिख से सराबोर पेप्सी इण्डियन प्रीमियर लीग के सातवें संस्करण का आगाज पिछले साल के चैम्पियन मुम्बई इण्डियंस की शर्मनाक पराजय के साथ रेगिस्तानी सरजमीं संयुक्त अरब अमीरात में हो चुका है। इस साल एक खिताब के लिए आठ टीमें 13 मैदानों में 47 दिन तक पसीना बहाएंगी। आईपीएल के सातवें संस्करण में 60 मुकाबलों के बाद जहां चैम्पियन का पता लगेगा वहीं इस बीच कई कीर्तिमान भी जमींदोज होंगे। इस बार तमाशाई क्रिकेट से जहां मीडिया को दूर रखने के प्रयास हो रहे हैं वहीं नचनियों और देर रात तक चलने वाली पार्टियों पर भी बंदिश है। सुनील गावस्कर की निगहबानी में शुरू हुए आईपीएल क्रिकेट के रोमांच से इतर इस बार खेलप्रेमियों की नजर खिलाड़ियों के चाल, चेहरे और चरित्र पर भी होगी। फिलहाल, हर भारतीय इण्डियन प्रीमियर लीग और इण्डियन पोलिटिकल लीग को न केवल करीब से देख रहा है बल्कि उसे इसके परिणामों को लेकर भी खासी उत्सुकता है।
कम आॅन बुलावा आया है, मस्ती भरी ये बोल इन दिनों बच्चे-बच्चे की जुबान पर हैं। विवादों के साये में खेली जा रही इस प्रतियोगिता के सातवें संस्करण में कई नामचीन खिलाड़ी नहीं हैं पर क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप को लेकर लोगों का उत्साह सातवें आसमान पर है। पिछले कुछ साल से क्रिकेट में मैच फिक्सिंग की घटनाएं जिस तरह सामने आई हैं उससे इस खेल की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है। पैसे लेकर टीम बदलने या सौदे के मुताबिक गेंद फेंकने की बातें सच साबित होने के बाद संयुक्त अरब अमीरात में क्रिकेट तमाशे पर तब तक संदेह रहेगा जब तक कि आखिरी गेंद नहीं फिंक जाती। यह दूसरा मौका है जब आईपीएल विदेशी सरजमीं पर हो रहा है। इससे पहले 2009 में आईपीएल दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुआ था। तब भी इण्डियन पोलिटिकल लीग आईपीएल के आड़े आई थी।  इस बार टूर्नामेंट में शिरकत कर रही सभी टीमें एक-दूजे से दो-दो मैच खेलेंगी। इस तरह एक टीम को कम से कम 14 मैच खेलने को जरूर मिलेंगे। क्रिकेटप्रेमियों को चुम्बक की तरह खींचने वाली आईपीएल की रौनक स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के कारण कम तो हुई है लेकिन लोग फिर भी इसे देखना चाहते हैं। यह अच्छी बात है कि इस बार आईपीएल का आगाज नंगनाच की जगह सौम्य तरीके से हुआ। आईपीएल को साफ-सुथरा बनाना बीसीसीआई और आईपीएल के अंतरिम अध्यक्ष सुनील गावस्कर के लिये एक चुनौती है। क्रिकेट मुरीदों की निगाहें जहां खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर होंगी वहीं सनी पर यह दबाव होगा कि क्रिकेट का यह तमाशा पारदर्शितापूर्ण हो। गावस्कर को सर्वोच्च न्यायालय की सलाह के बाद भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड और आईपीएल का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है। बोर्ड के नियमित अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स और अपने दामाद गुरुनाथ मयप्पन को लेकर उठे विवादों के कारण अलग-अलग थलग पड़ गये हैं। हालांकि क्रिकेट आसंदी का मोह आज भी उनके दिलोदिमाग पर सवार है।
भारतीय संस्कृति के हिमायतियों के लिए यह खुशखबर है कि इस बार के आईपीएल तड़के से नाइट पार्टियों और चीयर गर्ल्स को दूर रखा गया है। ये दोनों मुद्दे ऐसे हैं जो आईपीएल में हमेशा विवादों की जड़ रहे हैं। दरअसल, आईपीएल जैसे आयोजनों में शुरूआत ही जिस तरह खिलाड़ियों की खरीद-फरोख्त से होती है, उसमें पैसे के लेन-देन या अपनी ज्यादा कीमत वसूलने की बीमारी का फैलना या गहरा होना अचरज की बात नहीं लगती। यह बेवजह नहीं है कि आईपीएल को पैसे वालों का तमाशा और काले धन का खेल कहा जाने लगा है। दर्शक यही मानकर मैदान या टेलीविजन पर मैच देखते हैं कि खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता के साथ टीम के लिए खेल रहे हैं। लेकिन अगर उनके हाथ से निकलने वाली गेंद या चलने वाला बल्ला कहीं और से नियंत्रित हो रहा हो तो यह दर्शकों के साथ सरासर बेईमानी है। आईपीएल का तमाशा जब से शुरू हुआ है, तभी से विवादों के घेरे में है। जिस प्रकार इसमें उद्योग व फिल्म जगत की हस्तियां जुड़ीं, खिलाड़ियों को करोड़ों की बोली लगाकर खरीदा गया, चौकों-छक्कों का जश्न मनाने के लिए चीयर लीडर्स को मैदान में उतारा गया और मैच के बाद सुरा-सुन्दरियों के साथ देर रात तक चलने वाली पार्टियों का चलन बढ़ा, उससे क्रिकेट नाम का यह लोकप्रिय खेल शोहदों की पार्टी बनकर रह गया। एक वक्त था जब शारजाह के अमीर व्यापारी अबुल रहमान बुखातिर वहां एकदिवसीय क्रिकेट मैचों का आयोजन करवाते थे। मुम्बई अण्डरवर्ल्ड के कुख्यात चेहरे, जिसमें दाउद इब्राहिम प्रमुख है, वीआईपी दीर्घा में फिल्मी कलाकारों के साथ देखा जा सकता था। फिल्म, क्रिकेट और अण्डरवर्ल्ड में गठजोड़ होगा तो गंदगी पनपेगी ही। यही कारण है कि अण्डरवर्ल्ड के किरदारों का भावनात्मक लगाव हिन्दी फिल्मों में हुआ और क्रिकेट में मैच फिक्सिंग की शुरूआत भी यहीं से हुई। मैच फिक्सिंग के खुलासे दर खुलासे के बाद शारजाह में क्रिकेट मैच होने लगभग बंद हो गए। आज आईपीएल उसी शारजाह में फिर जा पहुंचा है। आईपीएल में फिक्सिंग की जांच कर रही मुदगल कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईपीएल और बीसीसीआई में सब कुछ ठीकठाक नहीं है।
खैर, फिक्सिंग के गढ़ संयुक्त अरब अमीरात के तीन शहरों में हो रहे पहले चरण के मुकाबलों सहित पूरी प्रतियोगिता में कई रिकॉर्ड खिलाड़ियों और टीमों के निशाने पर होंगे। कई टीमें और खिलाड़ी जहां मैचों का सैकड़ा पूरा करेंगे वहीं चौकों-छक्कों के कीर्तिमान भी बनेंगे। यदि मौसम की खलल न पड़ी तो मौजूदा चैम्पियन मुम्बई इण्डियंस 30 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ दुबई में अपना 100वां मुकाबला जरूर खेलेगी तो सुरेश रैना भी सबसे पहले मैचों का सैकड़ा जमाएंगे। रैना इस सत्र में तीन हजार रनों का जादुई आंकड़ा छूने वाले पहले खिलाड़ी बन सकते हैं। रैना के नाम 99 मैचों में सर्वाधिक 2802 रन दर्ज हैं। क्रिकेट के इस छोटे प्रारूप में खेलप्रेमियों को चौके और छक्के भी खूब रास आते हैं। आईपीएल में सर्वाधिक चौके जमाने का रिकॉर्ड जहां अब गौतम गम्भीर के नाम होगा वहीं क्रिस गेल छक्कों का दोहरा शतक जरूर पूरा करना चाहेंगे। आईपीएल में कोई जीते या हारे पर क्रिकेट का यह लुभावना संस्करण अनावश्यक विवादों से दूर रहे यही इस खेल के लिए बेहतर होगा।
(लेखक पुष्प सवेरा से जुड़े हैं।)

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