भारत के ओलंपिक अभियान में वापसी के लिये रास्ता साफ हो गया, जब 14 महीने के प्रतिबंध के बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने अपने चुनाव कराये जिसमें एन रामचंद्रन को अध्यक्ष चुना गया।
विश्व स्क्वाश महासंघ के प्रमुख और बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के छोटे भाई रामचंद्रन का आईओए अध्यक्ष बनना महज एक औपचारिकता था क्योंकि वह इस शीर्ष पद के लिये अकेले उम्मीदवार थे। भारतीय खो खो महासंघ के अध्यक्ष राजीव मेहता और अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के प्रमुख अनिल खन्ना को चुनावों में क्रमश: निर्विरोध महासचिव और कोषाध्यक्ष चुना गया जिससे भ्रष्टाचार में लिप्त अभय सिंह चौटाला और ललित भनोट आईओए से बाहर हो गये। मतदान केवल आठ उपाध्यक्षों के लिये हुआ क्योंकि दौड़ में नौ उम्मीदवार थे। एक सीनियर उपाध्यक्ष, छह संयुक्त सचिव और कार्यकारी परिषद के नौ सदस्यों को निर्विरोध चुना गया। आईओए के सभी अधिकारियों का कार्यकाल ओलंपिक वर्ष 2016 तक होगा।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के तीन पर्यवेक्षकों ने कहा कि वे आईओसी अध्यक्ष थामस बाक को अनुकूल रिपोर्ट सौंपेंगे और उम्मीद जतायी कि भारत का निलंबन जल्द ही हट जायेगा। फिजी से आईओसी के सदस्य और तीनों में वरिष्ठ रोबिन मिशेल ने यहां तक संकेत दिया कि भारत का निलंबन मौजूदा सोची शीतकालीन ओलंपिक खेलों के खत्म होने से पहले ही हटाया जा सकता है ताकि खेलों में भाग ले रहे तीनों भारतीय एथलीट 23 फरवरी को समापन समारोह में तिरंगा अपने हाथ में थाम सकें। मिशेल ने कहा, जिस तरीके से कार्रवाई हुई है, हम उससे काफी खुश हैं। हम कल सोची पहुंच रहे हैं और अपनी रिपोर्ट आईओसी अध्यक्ष को सौंपेंगे और यह उन पर निर्भर करेगा कि वे भारत की वापसी पर फैसला करने के लिये कार्यकारी बोर्ड की बैठक कब बुलायेंगे। हमें उम्मीद है कि यह जल्द ही होगा।
समय सीमा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, आईओसी कार्यकारी बोर्ड सोची शीतकालीन खेलों से समापन समारोह से पहले बैठक कर रहा है और उम्मीद है कि कार्यकारी बोर्ड इस बैठक में भारत से निलंबन हटाने का फैसला करेगा। हम भारतीय एथलीटों को समापन समारोह में राष्ट्रीय ध्वज के साथ भाग लेते हुए देखना चाहते हैं। शिवा केशवन, हिमांशु ठाकुर और नदीम इकबाल ने शुक्रवार को सोची ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में आईओसी ध्वज के तले भाग लिया था। आईओसी के एनओसी रिलेशंस निदेशक पेरे मीरो ने कहा कि तीनों पर्यवेक्षक आईओए चुनावों से संतुष्ट थे और वे आईओसी अध्यक्ष को अनुकूल रिपोर्ट सौंपेंगे।
आईओसी के इंस्टीट्यूशनल रिलेशंस प्रमुख जेरोम पोइवे ने यहां तक कहा कि यह संशोधित आईओए संविधान दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है और इसे पूर्ण रूप से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, संशोधित आईओए संविधान दुनिया में सबसे आधुनिक में से एक है और हम इसके लिये पूरी तरह से आईओसी की प्रशंसा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यह संविधान पूर्ण रूप से लागू किया जायेगा। चुनाव आईओए के तीन सदस्यीय चुनाव आयोग द्वारा कराये गये, जिससे पहले विशेष आम सभा बैठक हुई जिसमें इसके संविधान में आईओसी के निर्देश के तहत संशोधन किये गये ताकि साफ किया जा सके कि दागी व्यक्तियों को चुनाव में लड़ने से रोका जा सके और इससे उनकी आईओए सदस्यता खत्म हो जायेगी।
जैसे ही आम सभा बैठक में संशोधन किये गये, चौटाला और भनोट की आईओए सदस्यता खत्म हो गयी जो पांच दिसंबर 2012 को क्रमश: आईओए के अध्यक्ष और महासचिव चुने गये थे, इसके एक दिन बाद भारत को निलंबित कर दिया गया था। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, एक बार आम सभा बैठक संशोधनों की पुष्टि करती है, स्वत: ही उनकी आईओए सदस्यता खत्म हो जायेगी। चौटाला और भनोट को क्रमश: भारतीय एथलेटिक्स महासंघ और दिल्ली ओलंपिक संघ के प्रतिनिधियों के तौर पर शामिल किया गया था, इन दोनों ने आज मतदान नहीं किया। आज 138 सदस्यों ने अपना मत दिया जिसमें से 70 ओलंपिक खेलों में से थे। चुनाव के बाद दो सदस्य (आनंदेश्वर पांडे संयुक्त सचिव चुने गये और अधीप दास कार्यकारी परिषद के सदस्य चुने गये) ने इस्तीफा दे दिया ताकि ओलंपिक खेलोें के सदस्यों की आईओए कार्यकारी समिति में गैर ओलंपिक खेलों के सदस्यों से संख्या ज्यादा रहे। आईओए की कुल संख्या 25 है जिसमें से 13 ओलंपिक खेलों से हैं। रामचंद्रन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, अब मेरा काम यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत ओलंपिक अभियान में वापसी कर ले और अन्य एथलीट अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय तिरंगे के तले शिरकत करें।
जब उनसे उच्च न्यायालय में उनके खिलाफ लंबित मामलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। रामचंद्रन ने कहा, नियमों के तहत, कार्यकाल ओलंपिक वर्ष से ओलंपिक वर्ष तक है। एक साल बीत चुका है और यह 2016 तक है। लेकिन अगर आईओसी चाहता है तो हमारा कार्यकाल एक साल के लिये बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट और ओलंपिक में चमकदार प्रदर्शन करने के लिये धनराशि की जरूरत है और वह ओलंपिक खेलों में कारपोरेट कोष लाने के लिये काम करेंगे। यह पूछने पर कि आईओए में पिछले 14 महीने में जो कुछ हुआ, क्या वह दुखी थे तो उन्होंने कहा, मैं अतीत में मुड़कर नहीं देखता। मैं वर्तमान और भविष्य के बारे में देखना चाहता हूं। जब उनसे यह पूछा गया कि भारतीय खेलों में दो शीर्ष पद पर दो भाई काबिज हो गये हैं क्योंकि उनके भाई एन श्रीनिवासन बीसीसीआई प्रमुख हैं तो रामचंद्रन ने कहा, मैं आईओए के साथ हूं। मैं आईओए का प्रमुख हूं और मेरा क्रिकेट से कोई लेना देना नहीं है। आज के चुनाव भारतीय मुक्केबाज महासंघ, भारतीय ताइक्वांडो महासंघ और भारतीय तलवारबाजी संघ के प्रतिनिधियों के बिना हुए, जिन्हें आईओसी ने वोट देने से रोक दिया था क्योंकि इन तीन राष्ट्रीय खेल महासंघों को उनके अंतरराष्ट्रीय महासंघों ने निलंबित किया हुआ है।
आईओए अधिकारियों की सूची इस प्रकार है-
अध्यक्ष : एन रामचंद्रन
सीनियर उपाध्यक्ष : वीरेंद्र डी. नानावती
उपाध्यक्ष : जनार्दन सिंह गहलोत, वीरेंद्र प्रसाद वैस्य, अखिलेश दास गुप्ता, परमिंदर सिंह ढींढसा, तरलोचन सिंह, अनुराग ठाकुर, आरके आनंद, जीएस मंढेर।
महासचिव : राजीव मेहता
कोषाध्यक्ष : अनिल खन्ना
संयुक्त सचिव : कुलदीप वत्स, राजा केएस सिद्धू, राकेश गुप्ता, एसएम बाली, सुनैना कुमारी।
कार्यकारी परिषद सदस्य: अजीत बनर्जी, अवधेश कुमार, बलबीर सिंह कुशवाहा, भुवनेश्वर कलिता, धनराज चौधरी, नामदेव शिरगांवकर, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, विक्रम सिंह सिसोदिया।
विश्व स्क्वाश महासंघ के प्रमुख और बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के छोटे भाई रामचंद्रन का आईओए अध्यक्ष बनना महज एक औपचारिकता था क्योंकि वह इस शीर्ष पद के लिये अकेले उम्मीदवार थे। भारतीय खो खो महासंघ के अध्यक्ष राजीव मेहता और अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के प्रमुख अनिल खन्ना को चुनावों में क्रमश: निर्विरोध महासचिव और कोषाध्यक्ष चुना गया जिससे भ्रष्टाचार में लिप्त अभय सिंह चौटाला और ललित भनोट आईओए से बाहर हो गये। मतदान केवल आठ उपाध्यक्षों के लिये हुआ क्योंकि दौड़ में नौ उम्मीदवार थे। एक सीनियर उपाध्यक्ष, छह संयुक्त सचिव और कार्यकारी परिषद के नौ सदस्यों को निर्विरोध चुना गया। आईओए के सभी अधिकारियों का कार्यकाल ओलंपिक वर्ष 2016 तक होगा।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के तीन पर्यवेक्षकों ने कहा कि वे आईओसी अध्यक्ष थामस बाक को अनुकूल रिपोर्ट सौंपेंगे और उम्मीद जतायी कि भारत का निलंबन जल्द ही हट जायेगा। फिजी से आईओसी के सदस्य और तीनों में वरिष्ठ रोबिन मिशेल ने यहां तक संकेत दिया कि भारत का निलंबन मौजूदा सोची शीतकालीन ओलंपिक खेलों के खत्म होने से पहले ही हटाया जा सकता है ताकि खेलों में भाग ले रहे तीनों भारतीय एथलीट 23 फरवरी को समापन समारोह में तिरंगा अपने हाथ में थाम सकें। मिशेल ने कहा, जिस तरीके से कार्रवाई हुई है, हम उससे काफी खुश हैं। हम कल सोची पहुंच रहे हैं और अपनी रिपोर्ट आईओसी अध्यक्ष को सौंपेंगे और यह उन पर निर्भर करेगा कि वे भारत की वापसी पर फैसला करने के लिये कार्यकारी बोर्ड की बैठक कब बुलायेंगे। हमें उम्मीद है कि यह जल्द ही होगा।
समय सीमा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, आईओसी कार्यकारी बोर्ड सोची शीतकालीन खेलों से समापन समारोह से पहले बैठक कर रहा है और उम्मीद है कि कार्यकारी बोर्ड इस बैठक में भारत से निलंबन हटाने का फैसला करेगा। हम भारतीय एथलीटों को समापन समारोह में राष्ट्रीय ध्वज के साथ भाग लेते हुए देखना चाहते हैं। शिवा केशवन, हिमांशु ठाकुर और नदीम इकबाल ने शुक्रवार को सोची ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में आईओसी ध्वज के तले भाग लिया था। आईओसी के एनओसी रिलेशंस निदेशक पेरे मीरो ने कहा कि तीनों पर्यवेक्षक आईओए चुनावों से संतुष्ट थे और वे आईओसी अध्यक्ष को अनुकूल रिपोर्ट सौंपेंगे।
आईओसी के इंस्टीट्यूशनल रिलेशंस प्रमुख जेरोम पोइवे ने यहां तक कहा कि यह संशोधित आईओए संविधान दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है और इसे पूर्ण रूप से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, संशोधित आईओए संविधान दुनिया में सबसे आधुनिक में से एक है और हम इसके लिये पूरी तरह से आईओसी की प्रशंसा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यह संविधान पूर्ण रूप से लागू किया जायेगा। चुनाव आईओए के तीन सदस्यीय चुनाव आयोग द्वारा कराये गये, जिससे पहले विशेष आम सभा बैठक हुई जिसमें इसके संविधान में आईओसी के निर्देश के तहत संशोधन किये गये ताकि साफ किया जा सके कि दागी व्यक्तियों को चुनाव में लड़ने से रोका जा सके और इससे उनकी आईओए सदस्यता खत्म हो जायेगी।
जैसे ही आम सभा बैठक में संशोधन किये गये, चौटाला और भनोट की आईओए सदस्यता खत्म हो गयी जो पांच दिसंबर 2012 को क्रमश: आईओए के अध्यक्ष और महासचिव चुने गये थे, इसके एक दिन बाद भारत को निलंबित कर दिया गया था। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, एक बार आम सभा बैठक संशोधनों की पुष्टि करती है, स्वत: ही उनकी आईओए सदस्यता खत्म हो जायेगी। चौटाला और भनोट को क्रमश: भारतीय एथलेटिक्स महासंघ और दिल्ली ओलंपिक संघ के प्रतिनिधियों के तौर पर शामिल किया गया था, इन दोनों ने आज मतदान नहीं किया। आज 138 सदस्यों ने अपना मत दिया जिसमें से 70 ओलंपिक खेलों में से थे। चुनाव के बाद दो सदस्य (आनंदेश्वर पांडे संयुक्त सचिव चुने गये और अधीप दास कार्यकारी परिषद के सदस्य चुने गये) ने इस्तीफा दे दिया ताकि ओलंपिक खेलोें के सदस्यों की आईओए कार्यकारी समिति में गैर ओलंपिक खेलों के सदस्यों से संख्या ज्यादा रहे। आईओए की कुल संख्या 25 है जिसमें से 13 ओलंपिक खेलों से हैं। रामचंद्रन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, अब मेरा काम यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत ओलंपिक अभियान में वापसी कर ले और अन्य एथलीट अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय तिरंगे के तले शिरकत करें।
जब उनसे उच्च न्यायालय में उनके खिलाफ लंबित मामलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। रामचंद्रन ने कहा, नियमों के तहत, कार्यकाल ओलंपिक वर्ष से ओलंपिक वर्ष तक है। एक साल बीत चुका है और यह 2016 तक है। लेकिन अगर आईओसी चाहता है तो हमारा कार्यकाल एक साल के लिये बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट और ओलंपिक में चमकदार प्रदर्शन करने के लिये धनराशि की जरूरत है और वह ओलंपिक खेलों में कारपोरेट कोष लाने के लिये काम करेंगे। यह पूछने पर कि आईओए में पिछले 14 महीने में जो कुछ हुआ, क्या वह दुखी थे तो उन्होंने कहा, मैं अतीत में मुड़कर नहीं देखता। मैं वर्तमान और भविष्य के बारे में देखना चाहता हूं। जब उनसे यह पूछा गया कि भारतीय खेलों में दो शीर्ष पद पर दो भाई काबिज हो गये हैं क्योंकि उनके भाई एन श्रीनिवासन बीसीसीआई प्रमुख हैं तो रामचंद्रन ने कहा, मैं आईओए के साथ हूं। मैं आईओए का प्रमुख हूं और मेरा क्रिकेट से कोई लेना देना नहीं है। आज के चुनाव भारतीय मुक्केबाज महासंघ, भारतीय ताइक्वांडो महासंघ और भारतीय तलवारबाजी संघ के प्रतिनिधियों के बिना हुए, जिन्हें आईओसी ने वोट देने से रोक दिया था क्योंकि इन तीन राष्ट्रीय खेल महासंघों को उनके अंतरराष्ट्रीय महासंघों ने निलंबित किया हुआ है।
आईओए अधिकारियों की सूची इस प्रकार है-
अध्यक्ष : एन रामचंद्रन
सीनियर उपाध्यक्ष : वीरेंद्र डी. नानावती
उपाध्यक्ष : जनार्दन सिंह गहलोत, वीरेंद्र प्रसाद वैस्य, अखिलेश दास गुप्ता, परमिंदर सिंह ढींढसा, तरलोचन सिंह, अनुराग ठाकुर, आरके आनंद, जीएस मंढेर।
महासचिव : राजीव मेहता
कोषाध्यक्ष : अनिल खन्ना
संयुक्त सचिव : कुलदीप वत्स, राजा केएस सिद्धू, राकेश गुप्ता, एसएम बाली, सुनैना कुमारी।
कार्यकारी परिषद सदस्य: अजीत बनर्जी, अवधेश कुमार, बलबीर सिंह कुशवाहा, भुवनेश्वर कलिता, धनराज चौधरी, नामदेव शिरगांवकर, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, विक्रम सिंह सिसोदिया।
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