Friday 26 July 2019

कृष्णा पूनिया ने विधान सभा में जगाई खिलाड़ियों की अलख



खेल मंत्री और शिक्षा मंत्री ने की सराहना
जयपुर। खिलाड़ी से राजनीति में प्रवेश करने वाली पद्मश्री डा. कृष्णा पूनिया ने विधान सभा में राजस्थान के खिलाड़ियों का जोरदार पक्ष रखते हुए अपनी कार्यशैली की जोरदार बानगी पेश की है। इससे पहले भी सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया अपनी सरकार से राजगढ़ में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की मांग को मनवा कर खिलाड़ियों के मायूस चेहरों पर मुस्कान लौटा चुकी हैं। विधायक कृष्णा ने न केवल स्कूल स्तर के खिलाड़ियों का पक्ष रखा बल्कि द्रोणाचार्य अवार्डियों के जीवन-बसर पर भी राजस्थान सरकार का ध्यान आकृष्ट किया है। कृष्णा के इन प्रयासों का असर देश के अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा इसमें संदेह नहीं है।
विधायक कृष्णा पूनिया ने शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह से प्रश्न किया कि राजस्थान में स्कूल स्टेट, स्कूल नेशनल और इंटर यूनिवर्सिटी आदि खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को प्राइज मनी नहीं दी जाती, इससे खिलाड़ियों में मायूसी है। विधायक पूनिया ने कहा कि  जिस तरह से ओपन स्टेट और नेशनल चैम्पियनशिप में खेलने वाले खिलाड़ियों को नगद राशि मिलती है, उसी तरह से शिक्षा विभाग के छात्र-छात्रा खिलाड़ियों को भी प्राइज मिलनी चाहिए। कृष्णा पूनिया ने सवाल किया कि शिक्षा विभाग में भर्ती के दौरान ओपन के पदक विजेता खिलाड़ियों को बोनस अंक क्यों नहीं दिए जाते? इस पर शिक्षामंत्री ने कहा, विभागों से बात कर प्रस्ताव बनाकर कार्रवाई करेंगे। कृष्णा ने कहा कि शिक्षा विभाग ही नहीं सभी विभागों में खिलाड़ियों को नौकरियों में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। राजस्थान को खेलों में अग्रणी राज्य बनाने के लिए जरूरी है कि खिलाड़ियों को न केवल आर्थिक मदद मिले बल्कि उन्हें नौकरी में भी प्राथमिकता दी जाए।
प्रश्नकाल के दौरान कृष्णा पूनिया ने खेल मंत्री अशोक चांदना से कहा कि राज्य सरकार अर्जुन पुरस्कार विजेता, ओलम्पिक, एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक विजेताओं को जिस प्रकार से 25 बीघा जमीन, जेडीए का प्लॉट आदि सुविधाएं देती है उसी प्रकार की सुविधाएं द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं को भी मिलनी चाहिए। पूनिया के इस प्रश्न पर खेलमंत्री ने कहा कि इसके लिए सभी सम्बन्धित विभागों से चर्चा करने के बाद प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने खेल मंत्री अशोक चांदना और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को खिलाड़ियों के हित में निर्णय लेने के लिए कहा। गौरतलब है कि विधायक कृष्णा पूनिया के पति वीरेन्द्र पूनिया स्वयं भी द्रोणाचार्य अवार्डी एथलेटिक कोच हैं। जो भी हो कृष्णा पूनिया ने खिलाड़ी हित में जो आवाज उठाई है उससे राजस्थान ही नहीं अन्य राज्यों के खिलाड़ियों और द्रोणाचार्य अवार्डियों को भी लाभ मिलेगा।

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