Saturday 3 January 2015

जिजि ने दागे मोदी सरकार पर सवाल

थामसन ने भारतीय खेल प्राधिकरण का महानिदेशक पद छोड़ा
भारतीय खेल परिदृश्य में नियोजन का अभाव है। उन्होंने कहा , भारत में समस्या बुनियादी ढांचे की कमी नहीं है। यहां पर्याप्त बुनियादी ढांचा है लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं होता।

भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक जिजि थामसन ने सरकार द्वारा उनकी पदोन्नति में नाइंसाफी करने का हवाला देकर तुरंत प्रभाव से पद से इस्तीफा दे दिया है। थामसन ने कहा, मैंने छह महीने तक इंतजार किया और अब अधिक इंतजार नहीं करने का फैसला किया है। सरकार से बार-बार आश्वासन के बावजूद कुछ नहीं हुआ। शायद मेरा सरकार में कोई सरपरस्त नहीं है, यही कारण है। वह गलत समय पर पद छोड़ने का मलाल है, चूंकि रियो ओलम्पिक 2016 में होना है।
1980 की बैच के आईएएस अधिकारी थामसन ने मार्च 2013 में साइ का प्रभार लिया था। उन्होंने कहा कि खेल सचिव बनाने के वायदे के बावजूद केन्द्र सरकार ने उनकी पदोन्नति अभी तक नहीं की है। उन्होंने मंगलवार को अपने मूल कैडर में वापस लौटने का अनुरोध किया था। वह 31 जनवरी तक केरल के मुख्य सचिव का पद संभाल सकते हैं। थामसन ने कहा, मैंने छह महीने तक इंतजार किया और अब अधिक इंतजार नहीं करने का फैसला किया है। सरकार से बार-बार आश्वासन के बावजूद कुछ नहीं हुआ। शायद मेरा सरकार में कोई सरपरस्त नहीं है, यही कारण है। मुझे कम से कम ओलंपिक तक पद पर बने रहने की जरूरत थी। थामसन ने कहा, ओलंपिक में डेढ़ साल रह गया है और ऐसे समय में साइ महानिदेशक के तौर पर नये व्यक्ति का आना नुकसानदेह होगा। चाहे वह मैं हूं या कोई और। उन्होंने कहा कि खेलमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उनकी पदोन्नति की पूरी कोशिश की लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके। ऐसा समझा जाता है कि केरल में उनके खिलाफ लंबित एक अदालती मामला उनकी पदोन्नति की राह में बाधा बन गया है। वह 1991 के पामोलिन तेल आयात घोटाले के आरोपियों में से एक थे जब वह केरल राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के निदेशक थे। थामसन ने कहा, मुझे जुलाई में केरल उच्च न्यायालय से आदेश मिला है जिसमें साफ तौर पर कहा है कि यदि कोई आईएएस अधिकारी पदोन्नति का हकदार है तो यह उसके मार्ग में बाधा नहीं होना चाहिये। 25 बरस बीत चुके हैं और राज्य सरकार ने भी पिछले साल मुझे आरोपियों की सूची से बाहर कर दिया है। साइ के साथ अपने कार्यकाल के बारे में उन्होंने कहा कि भारतीय खेल परिदृश्य में नियोजन का अभाव है। उन्होंने कहा , भारत में समस्या बुनियादी ढांचे की कमी नहीं है। यहां पर्याप्त बुनियादी ढांचा है लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं होता। 

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