Tuesday 17 December 2013

चौथे नम्बर पर सचिन ने बनाये 13492 रन, लगाये 44 शतक और 58 अर्धशतक

सचिन तेंदुलकर अपने पदार्पण के बाद से लेकर संन्यास लेने तक जिन 17 टेस्ट मैचों में नहीं खेले उनमें भारत ने केवल चार बल्लेबाजों को इस स्टार बल्लेबाज के पसंदीदा चौथे स्थान पर बल्लेबाजी के लिये भेजा।
भारत कल से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगा और सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जिस चौथे नम्बर पर पिछले दो दशक से भी अधिक समय से तेंदुलकर खेलते रहे, उसकी जिम्मेदारी कौन संभालेगा। भारत की वर्तमान टीम में किसी भी सदस्य को अभी तक टेस्ट मैचों में नंबर चार पर खेलने का अनुभव नहीं है। तेंदुलकर ने अपने पदार्पण के कुछ समय बाद ही भारतीय बल्लेबाजी क्रम में चौथा स्थान अपने नाम पक्का कर दिया था। वह अपने करियर में चोटों या किसी अन्य वजह से केवल 17 टेस्ट मैच नहीं खेल पाये। इन मैचों की 30 पारियों में जो चार बल्लेबाज चौथे नंबर पर खेलने के लिये उतरे उनमें से तीन संन्यास ले चुके हैं जबकि एक अन्य वर्तमान टीम का हिस्सा नहीं है। तेंदुलकर की गैरमौजूदगी में राहुल द्रविड़ सात मैचों की 11 पारियों में चौथे नम्बर पर बल्लेबाजी के लिये आये जिनमें उन्होंने 76.62 की औसत से 613 रन बनाये। सौरव गांगुली ने भी इस तरह के पांच मैचों की आठ पारियों में 75.28 की औसत से 527 रन ठोके। उन्होंने अपने करियर की सर्वोच्च पारी 239 रन भी चौथे नम्बर पर बल्लेबाजी करते हुए खेली।
वीवीएस लक्ष्मण ने तेंदुलकर की अनुपस्थिति में सात मैचों की दस पारियों में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की और 47.60 की औसत से 476 रन बनाये। इन तीनों बल्लेबाजों ने इस दौरान एक एक शतक ठोका। सुरेश रैना वेस्टइंडीज के खिलाफ जुलाई 2011 में रोसेउ में दूसरी पारी में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे थे जिसमें उन्होंने आठ रन बनाये थे। तेंदुलकर ने अपने करियर में 179 मैचों की 275 पारियां चौथे नम्बर पर बल्लेबाजी करते हुए खेली। इनमें उन्होंने 54.40 की औसत से 13492 रन बनाये जिसमें 44 शतक और 58 शतक दर्ज हैं। तेंदुलकर के पदार्पण के बाद से भारतीय टीम चौथे नंबर पर इस स्टार बल्लेबाज पर कितनी निर्भर रही इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 15 नवंबर, 1989 (तेंदुलकर के पदार्पण वाला दिन) से लेकर अब तक भारत के जो अन्य खिलाड़ी चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे उन्होंने 89 पारियों में 43.96 की औसत से 3605 रन बनाये। इन बल्लेबाजों ने सात शतक और 19 अर्धशतक भी लगाये। पिछले 20 वर्षों में भारत की तरफ से तेंदुलकर के अलावा केवल गांगुली ही चौथे स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए टेस्ट मैचों में 1000 से अधिक रन बना पाये हैं। इस पूर्व भारतीय कप्तान ने इस नंबर पर 16 मैच की 20 पारियों में 66.00 की औसत से 1188 रन बनाये। इनमें से 11 मैच की 12 पारियों में वह तेंदुलकर की मौजूदगी में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे और इनमें उन्होंने 661 रन बनाये जिसमें दो शतक भी शामिल हैं। तेंदुलकर के पदार्पण के बाद चौथे नंबर पर सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में सचिन और गांगुली के बाद द्रविड (957 रन), लक्ष्मण (500 रन), मोहम्मद अजहरुद्दीन (423 रन) और दिलीप वेंगसरकर (338 रन) का नंबर आता है। अजहर और वेंगसरकर ने अपने सभी रन तेंदुलकर की मौजूदगी में बनाये थे जबकि द्रविड़ ने ऐसे नौ मैच की दस पारियों में 344 रन बनाये थे। तेंदुलकर के रहते हुए लक्ष्मण केवल एक पारी में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे थे। जिन अन्य खिलाड़ियों ने तेंदुलकर की उपस्थिति में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने सुख प्राप्त किया उनमें अधिकतर नाइटवाचमैन शामिल हैं। इशांत शर्मा ने तीन पारियों में ऐसी भूमिका निभायी। वेंकटेश प्रसाद, आशीष नेहरा, सुनील जोशी, अनिल कुंबले और अमित मिश्रा भी तेंदुलकर की मौजूदगी में नाइटवाचमैन के रूप में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतर चुके हैं। संजय मांजरेकर, नयन मोंगिया, विनोद कांबली, गौतम गंभीर और इरफान पठान को भी तेंदुलकर के टीम में होने के बावजूद एक एक पारी में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी का सुख मिला था। हालांकि इनमें से कोई भी बल्लेबाज प्रभावशाली पारी नहीं खेल पाया। भारत की तरफ से यदि चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर गौर किया जाए तो तेंदुलकर इस स्थान पर सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में सूची में भारत ही नहीं दुनिया में भी नंबर एक हैं। भारत में उनके बाद गुंडप्पा विश्वनाथ का नंबर आता है जिन्होंने 82 मैचों की 124 पारियों में 43.05 की औसत 5081 रन चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए बनाये। भारत के जिन अन्य बल्लेबाजों ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 1000 से अधिक रन बनाये उनमें वेंगसरकर (2605), विजय मांजरेकर (1714), विजय हजारे (1623) और गांगुली (1188) का नंबर आता है।

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